लखनऊ : टीबी एक लाइलाज बीमारी नहीं है. इसकी जांच और इलाज सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर निशुल्क उपलब्ध है. समय पर इलाज से टीबी पूरी तरह से ठीक हो सकती है. यह बातें लखनऊ मंडल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सुरेंद्र नाथ ने कही. इस मौके पर जागरूकता रैली निकाली गई. वह गुरुवार को लखनऊ में 100 दिवसीय सघन टीबी उन्मूलन अभियान को संबोधित कर रहे थे.
चारबाग स्थित छोटी लाइन रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर एक पर जन जागरूकता कार्यक्रम हुआ. कार्यक्रम का आयोजन मुख्य चिकित्सा अधीक्षिका ऐशबाग रेलवे अस्पताल की डॉ. दीक्षा चौधरी के नेतृत्व में किया गया. डॉ. सुरेंद्र नाथ ने कहा कि टीबी के लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. टीबी की शुरुआत खांसी और बुखार से होती है. मरीज को शाम को बुखार आता है.
बिना किसी कारण वजन में कमी आने लगती है. रात में पसीना और बलगम में खून आता है. ये लक्षण नजर आएं तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें. सरकारी अस्पतालों में टीबी की जांच व इलाज पूरी तरह से फ्री है. साथ ही निक्षय पोषण योजना के तहत टीबी मरीजों को इलाज के दौरान हर माह 1000 की धनराशि दी जाती है. उन्होंने निक्षय मित्र योजना के माध्यम से टीबी मरीजों को गोद लेकर अभियान में सहयोग करने की अपील की.
अभियान के तहत सिग्नेचर कैंपेन आयोजित किया गया. यात्रियों व रेलवे कर्मचारियों से संवाद स्थापित कर टीबी से संबंधित जागरूकता फैलाने का प्रयास किया गया. वहां उपस्थित सभी लोगों को टीबी उन्मूलन के लिए सक्रिय भागीदारी करने की शपथ दिलाई गई. कार्यक्रम में अपर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. संजय तिवारी, ऐशबाग पॉलीक्लिनिक के पैरा चिकित्सा कर्मी, स्वास्थ्य निरीक्षक, लखनऊ जंक्शन और ऐशबाग रेलवे के अधिकारी, पीपीएम समन्वयक रामजी वर्मा, सौमित्र मिश्रा, सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर अभय चंद्र मित्र, लोकेश वर्मा, राजीव कुमार, रेलवे कर्मचारी, स्काउट गाइड सदस्य और राज्य टीबी विभाग की टीम उपस्थित रही.