लखनऊ : पिपराघाट से शहीद पथ के बीच बंधा निर्माण का रास्ता साफ हो गया है. बंधा निर्माण के लिए सेना जमीन नहीं दे रही थी. इसकी वजह से पेंच फंसा हुआ था. लखनऊ विकास प्राधिकरण की टीम ने दिल्ली में सेना के अधिकारियों के साथ बैठक कर यह मसला सुलझा लिया है. इस बंधे के बन जाने से करीब 5 लाख की आबादी को लाभ मिलेगा. गोमती नगर विस्तार और कैंट एरिया के लाखों लोगों को जलभराव की समस्या से भी निजात मिल जाएगी. अगले 6 महीने में यह बंधा बनना शुरू हो जाएगा.
5.8 किलोमीटर होगी बंधे की लंबाई : लखनऊ विकास प्राधिकरण में प्रोजेक्ट इम्पलीमेंटेशन यूनिट के प्रभारी एके सिंह सेंगर ने बताया कि ग्रीन काॅरिडोर परियोजना के पार्ट-3 के तहत पिपराघाट से शहीद पथ के बीच गोमती नदी के दाहिने तट पर फ्लड इम्बैंकमेंट (बंधा) का निर्माण किया जाना है. इसी कुल लंबाई 5.8 किलोमीटर है. इसमें से बंधे का 2.8 किलोमीटर हिस्सा छावनी क्षेत्र में आ रहा है. इसके लिए लगभग 21.81 हेक्टेयर सैन्य भूमि प्राधिकरण को हस्तांतरित कराई जानी है. इस संबंध में तैयार कराए गए प्रस्ताव पर एलडीए के साथ स्थानीय स्तर पर रक्षा संपदा, सेना व सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ पूर्व में बैठक की गई थी. इसमें सभी की सहमति मिलने के बाद प्रस्ताव सैन्य मंत्रालय को प्रेषित किया गया था.
सैन्य मंत्रालय में हुई हाई लेवल बैठक : बीते 23 सितंबर को इस प्रोजेक्ट को लेकर दिल्ली के साउथ ब्लाॅक स्थित सैन्य मंत्रालय में एक हाईलेवल बैठक हुई. इसमें प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार व अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा समेत अन्य द्वारा प्रतिभाग किया गया. सैन्य मंत्रालय के ज्वाइंट सेक्रेटरी (भूमि एवं कार्य) के साथ इस बैठक में काफी सकारात्मक नतीजे देखने को मिले. इसमें उच्च स्तर से निर्देश दिए गए कि गंगा बाढ़ नियंत्रण परिषद के मानकों के अनुरूप बांध के एलाइनमेंट को जितना हो सके नदी की तरफ शिफ्ट किया जाए. जिस पर उपाध्यक्ष ने संबंधित अधिकारियों को एक बार पुनः स्थल निरीक्षण करके नए सिरे से एलाइनमेंट तैयार करने के निर्देश दिए हैं.
लोगों की सुविधा के लिए रैंप और रैंप व अंडरपास भी बनेंगे : इसके अलावा सेना के अधिकारियों व स्टाॅफ के सुगम आवागमन के लिए बंधे पर निर्धारित स्थानों पर रैंप व अंडरपास बनाने के निर्देश दिए गए हैं. इसके सेना के अधिकारियों के साथ शीघ्र ही स्थल निरीक्षण करके स्थान चिन्हित कराया जाएगा. सेना की तरफ से कुछ मांगें रखी गईं. उपाध्यक्ष ने प्रस्ताव में सम्मलित करते हुए अधिकारियों को फाइनल ड्रॉफ्ट तैयार करने के आदेश दिए.
छावनी इलाके के लोगों को मिलेगी सुविधा : एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया कि ग्रीन काॅरिडोर परियोजना के तहत बांध का निर्माण होने से बारिश के मौसम में सैन्य भूमि पर होने वाले जलभराव से स्थाई रूप से निजात मिल जाएगी. इससे बाढ़ से प्रभावित होने वाली सैन्य भूमि की उपयोगिता भी बढ़ जाएगी. इसके अलावा छावनी क्षेत्र में रहने वाले सेना के अधिकारियों व आम नागरिकों को एयरपोर्ट आने-जाने के लिए सीधी कनेक्टीविटी मिल जाएगी. इससे छावनी क्षेत्र में रहने वाले लोगों के साथ ही शहर की बड़ी आबादी को बड़ा फायदा मिलेगा. छावनी क्षेत्र के निवासियों के सुगम आवागमन के लिए बंधे पर रैंप और अंडरपास बनाए जाएंगे.
जानिए क्या है ग्रीन काॅरिडोर परियोजना : गोमती के बाएं तट पर लखनऊ के एक कोने घैला से सुल्तानपुर रोड पर एक बांध रोड बनाया जा रहा है. इसे ग्रीन कॉरिडोर नाम दिया गया है. इस बंधे के बन जाने से गोमती नगर विस्तार, कैंट एरिया के लगभग 5 लाख लोगों को फायदा मिलेगा.