लखनऊ : "जीवन के अंतिम पड़ाव में कई बार वृद्ध जन अकेले पड़ जाते हैं. उनकी देखभाल करने के लिए परिवार में सदस्य तो हैं, पर उन्हें रखने के लिए उनके पास पर्याप्त जगह नहीं होती है. लोग चाह करके भी अपने लिए और अपने बुजुर्ग माता-पिता के लिए आवास का इंतजाम नहीं कर पाते हैं. ऐसे ही लोगों की मदद करने के लिए समाज कल्याण विभाग प्रदेश के वरिष्ठ नागरिकों और उनके परिवार के लोगों के लिए विशिष्ट आवास योजना लेकर आ रही है. इसको लेकर विभाग और सभी स्टेकहोल्डर के बीच में नई आवास नीति को लेकर चर्चा शुरू हुई है".
यह बातें प्रदेश के समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), असीम अरुण ने मंगलवार को भागीदारी भवन में आयोजित अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस एवं दादा-दादी, नाना-नानी दिवस समारोह के दौरान कहीं. उन्होंने कहा कि समाज कल्याण और नगर विकास विभाग मिलकर एक वेबिनार का आयोजन कर रहा है जिसमें वृद्धजन शामिल होकर अपनी बनाने वाली आवश्यक नीति को लेकर सुझाव दें सकेंगे.
मंत्री असीम अरुण ने कहा कि लखनऊ में विकास प्राधिकरण की तरफ से सेकंड इनिंग होम तैयार किया गया है. यह सात मंजिला सेकंड इनिंग हाउस में वरिष्ठ नागरिकों के लिए क्लब, जिम, योग और ध्यान केंद्र के अलावा फिजियोथैरेपी सेंटर, सामुदायिक किचन, लॉन और स्विमिंग पूल जैसी सुविधाएं इसी के तर्ज पर अब समाज कल्याण और नगर विकास विभाग संयुक्त रूप से वरिष्ठ नागरिक आवास नीति बनाने के लिए वरिष्ठ नागरिकों से संवाद करेंगे. उन्होंने कहा कि परिवार के अनुभवी सदस्य होने के नाते बुजुर्गों को लोगों को अपने साथ रहना चाहिए. उनके अनुभव से युवाओं को सीख लेनी चाहिए, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज के समाज में अधिकतर बुजुर्गों को युवा बोझ समझा रहे हैं घर के लोग उससे बात करने से कतराते हैं. इस अवसर पर मंत्री असीम अरुण ने 80 वर्ष से अधिक उम्र के उन बुजुर्गों को विशेष तौर पर सम्मानित किया जो आज समाज में अपने बलबूते खुद को स्वस्थ रखने के साथ ही किसी न किसी काम से जुड़े हुए हैं.
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