लखनऊ : होम्योपैथिक चिकित्सक के अपहरण के मामले में यूपी एसटीएफ ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों ने 20 लाख की फिरौती मांगी थी. 7 लाख रुपये उन्होंने खाते में ट्रांसफर करा लिए. इसके बाद चिकित्सक को छोड़कर फरार हो गए थे. चारों आरोपियों ने चिकित्सक को बीबीडी इलाके से किडनैप किया था. वे उन्हें लेकर अयोध्या गए थे. इसके बाद गोंडा-बस्ती आदि शहरों में घुमाते रहे.
यूपी STF के एडिशनल एसपी विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि मूल रूप से बाराबंकी के रहने वाले डॉक्टर सुरेंद्र सिंह का लखनऊ में कमता के शिवपुरी कालोनी में मकान है. वह क्लीनिक भी चलाते हैं. 8 दिसंबर को 4 बदमाशों ने अयोध्या हाईवे स्थित गोयल अस्पताल के पास से उनका अपहरण कर लिया था. बदमाश उन्हें लेकर अयोध्या चले गए थे.
बदमाशों ने 20 लाख रुपये की फिरौती मांगी थी. वे चिकित्सक को बस्ती और गोंडा भी लेकर गए थे. चिकित्सक 10 लाख रुपये देने के लिए राजी हो गए थे. उन्होंने अपने दामाद व एक मित्र से 9 लाख रुपये अपने खाते में मंगवा लिए थे. बदमाशों ने उनके मोबाइल से 7 लाख रुपये अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करा लिए थे. इसके बाद 10 दिसंबर की रात 2 बजे चिकित्सक को बाराबंकी के तिवारीगंज में कार सहित छोड़कर भाग गए थे.
बदमाशों के चंगुल से छूटने के बाद डॉक्टर ने बीबीडी थाने में मुकदमा दर्ज कराया था. शुक्रवार की देर रात यूपी एसटीएफ ने चारों बदमाश रामबाबू, राजन कुमार, अमित कुमार और राजकुमार यादव को गिरफ्तार कर लिया. इस घटना का मास्टरमाइंड रामबाबू वर्मा है.
एडिशनल एसपी ने बताया कि पूछताछ में रामबाबू ने जानकारी दी कि उसने 12वीं के बाद वर्ष 2021 में साकेत कालेज अयोध्या से डी-फार्मा का कोर्स किया. उसी समय डी-फार्मा करने वाले राजन कुमार से उसकी दोस्ती हो गई. रामबाबू मटियारी में अपने दोस्त अमित कुमार व राज कुमार यादव के साथ गुरुकुल हॉस्टल में किराए पर रह रहा था.
राम बाबू वर्मा की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर थी. उसने राजन कुमार से कहा कि काफी कर्ज हो गया है. कोई काम बताओ जिससे पैसा कमा लें. इस पर राजन ने कहा कि डॉ. सुरेंद्र कुमार सिंह का विश्वास होमियो क्लीनिक एवं डायबिटिक सेंटर है.
उनके पास डिस्टेन्स से होमियोपैथी फार्मेसी का डिप्लोमा कराने की चेन्नई की फ्रेन्चाइजी है. वह छात्रों का एडमिशन कराते रहते हैं. उनके मकान में काफी किराएदार रहते हैं. एडमिशन के नाम पर बुलाने पर वह चले आएंगे. सुरेन्द्र सिंह के मकान में राजन कुमार भी करीब 10 माह पूर्व किराए पर रहा था. इससे वह उनकी गतिविधियों से परिचित था.
राजन ने बताया कि अगर चिकित्सक का अपहरण कर लिया जाए तो 40-50 लाख रुपये आसानी से मिल सकते हैं. इस पर रामबाबू ने 3 अन्य साथियों के साथ मिलकर साजिश रच डाली. 8 दिसंबर को चिकित्सक को 5 बच्चों का डी-फार्मा में एडमिशन कराने के बहाने बुलाया.
चिकित्सक अपनी कार से पहुंचे. बातचीत के बहाने सभी कार में बैठ गए. इसके बाद मारपीट कर जबरदस्ती चालक सीट से उनको हटाकर उन्हें पीछे बैठा लिया. इसके बाद अयोध्या समेत कई शहरों में कार घुमाते रहे. पैसे मिलने पर चिकित्सक को कार समेत छोड़कर फरार हो गए.
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