लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार प्रदेश में निराश्रित गोवंश के संरक्षण पर जोर दे रही है. प्रदेश भर के नगरीय क्षेत्रों में नगर विकास विभाग ने विशेष अभियान चलाकर 7,857 गोवंश को सुरक्षित करते हुए आश्रय स्थलों पर संरक्षित किया है. नगर विकास विभाग के अनुसार आठ से 10 अक्टूबर के बीच प्रदेश के विभिन्न नगरीय क्षेत्रों में तीन दिन का अभियान चलाया गया. पहले दिन 2132, दूसरे दिन 2718 और तीसरे दिन 3007 गोवंशों को सुरक्षित कर कान्हा गौशाला व आश्रय स्थलों में संरक्षित किया गया.
नगर विकास विभाग का दावा है कि इस विशेष अभियान के जरिए एक ओर बेसहारा पशुओं के कल्याण के साथ ही शहरी स्वच्छता को बढ़ावा मिलेगा. नगर निगम के अभियान के पहले दिन 431, दूसरे दिन 615 और तीसरे दिन 625 गोवंश को संरक्षित कर आश्रय स्थलों में भेजा गया. यानी तीन दिन में 1671 गोवंशों को संरक्षित किया गया. नगर पालिका परिषद ने पहले दिन 760, दूसरे दिन 781 व तीसरे दिन 907 गोवंशों को संरक्षित करते हुए तीन दिनों में कुल 2448 गोवंशों को सुरक्षित किया. नगर पंचायतों में पहले दिन 941, दूसरे दिन 1322 व तीसरे दिन 1475 गोवंशों को संरक्षित करते हुए कुल 3738 गोवंश को सुरिक्षत किया. प्रदेश के अब तक सभी नगरीय निकायों में कान्हा गौशाला व पशु आश्रय स्थलों में कुल 1 लाख 40 हजार 320 गोवंश को संरक्षित करने में सफलता मिली है.
नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने कहा कि यह पहल न केवल शहरी क्षेत्रों को स्वच्छ व सुरक्षित बना रही है, बल्कि गोवंश के संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है और यह आगे भी जारी रहेगी. नगर निगम, नगर पालिका परिषद व नगर पंचायतों के सामंजस्यपूर्ण प्रयासों ने इस सफलता को संभव बनाया है. अप्रैल से सितंबर तक कैटल कैचिंग अभियान से 11 लाख 13 हजार 57 रुपये की आय भी विभाग की हुई है. नगरीय निकाय के स्थानीय निदेशक अनुज कुमार झा ने सभी निकायों को अपनी सीमा में निराश्रित पशुओं को संरक्षित करने के लिए उचित कार्रवाई के निर्देश जारी किए हैं.
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