लखनऊ: स्कूल जाते समय नाबालिग को बहलाफुसला कर उसे जंगल में ले जाकर दुराचार करने वाले उत्तरधौना निवासी संजीव रावत उर्फ टहलू को पास्को एक्ट के विशेष न्यायाधीश विजेंद्र त्रिपाठी ने उम्रकैद की सजा के साथ-साथ साठ हजार रुपए के जमाने की सजा सुनाई है. अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि आजीवन कारावास, जिसका अभिप्राय अभियुक्त के शेष प्राकृतिक जीवनकाल के लिए होगा से दंडित किया जाता है. दोषी को दी गई अर्थ दंड की धनराशि में से दस हजार रुपए राजकोष में जमा किया जाएगा. जबकि 50 हजार रुपए पीड़िता के नाम से किसी राष्ट्रीय बैंक में उसके वयस्क होने तक की अवधि के लिए सर्वाधिक ब्याज योजना में फिक्स्ड डिपॉजिट के रूप में जमा किया जाएगा.
अभियोजन की ओर से विशेष अधिवक्ता अभिषेक उपाध्याय एवं अरुण कुमार ने अदालत को बताया कि वादी ने 10 मई 2022 को बीबीडी थाने पर एफआईआर दर्ज कराई गई थी. जिसमें कहा गया कि उसे फोन आया कि उसकी भांजी को कोई उठा कर ले गया है. वादी जब स्कूल पहुंचा तो वहां मौजूद लोगों ने बताया कि संजीव रावत उर्फ टहलू बच्ची को लेकर जंगल की तरफ गया है. अदालत को बताया गया कि जब सभी लोग घटनास्थल पर पहुंचे तो आरोपी टहलू बच्ची को के साथ दुराचार करने जा रहा था. इस दौरान लोगों ने आरोपी को पकड़ लिया. बच्ची ने बताया कि आरोपी उसे पैसे का लालच देकर स्कूटी पर बैठकर जंगल में लाया था. घटना स्थल पर गिरफ्तार आरोपी टहलू को पुलिस के हवाले कर दिया गया.
नाबालिग से छेड़छाड़ का आरोपी गेम टीचर पांच साल की सजा
स्कूल में पढ़ने आई नाबालिग के साथ छेड़छाड़ करने के आरोपी स्कूल के गेम्स टीचर मोहम्मद फ़ैज़ ख़ान को पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश नीरज कुमार उपाध्याय ने पांच साल की क़ैद और 7 हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया है. कोर्ट में सरकारी वकील सुखेन्द्र प्रताप ने कहा कि वादी ने सरोजनी नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसकी बेटी कक्षा चार में पढ़ती है और 7 जनवरी 2015 को स्कूल गई थी. जहां गेम्स टीचर फैज खान ने आवास पर बेटी के साथ छेड़छाड़ किया और विरोध पर जानमाल की धमकी दी.
मंदबुद्धि नाबालिग से दुराचार के दोषी को दस साल की सजा
मंदबुद्धि नाबालिग के साथ दुराचार करने के दोषी मोहनलालगंज थाने के सिसेंडी गांव निवासी अंगनू को अपर सत्र न्यायाधीश शालिनी सागर ने दस वर्ष के कठोर कारावास व 50 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है. अदालत ने कहा है कि अर्थदण्ड की 75 प्रतिशत धनराशि पीड़िता को बतौर मुआवजा प्रदान की जाएगी. अभियोजन की ओर से अदालत को बताया गया कि इस मामले की रिपोर्ट वादी द्वारा 17 दिसंबर 2000 को मोहनलालगंज थाने में दर्ज कराई गई थी. रिपोर्ट में कहा गया कि 16 दिसंबर को सायं पांच बजे वादी की मंदबुद्धि बालिका को बहला फुसला कर आरोपी अपने घर ले गया, जहां पर उसके साथ जबरदस्ती संबंध बनाया. कहा गया कि विरोध करने पर आरोपी ने उसे धमकाया कि अगर किसी को घटना के बारे में बताया गया तो वह उसके मम्मी पापा को मार डालेगा. रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि शाम को जब उसकी पुत्री घर आई तब उसने घटना के बारे में बताया. इसके बाद मोहनलाल गंज थाने में 17 दिसंबर 2000 को आरोपी के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी.