लखनऊ: इलाहााबद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने चिनहट तिराहे स्थित मार्केट के आसपास कथित रूप से बिना वैध लाइसेंस और परमिट के मांस और मछली बेंचने के आरेापों पर राज्य सरकार, नगर निगम और संबधित विभागों को एक सर्वे कर रिपेार्ट देने का आदेश दिया है. हांलाकि कोर्ट ने साफ किया है कि जिन विक्रेताओं के पास लाइसेंस है, उन्हें परेशान न किया जाये. कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 29 मई को निर्धारित की है.यह आदेश जस्टिस राजन राय और जस्टिस ओम प्रकाश शुक्ला की पीठ ने राज किशोर की ओर से दाखिल एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया है. केार्ट ने अफसरों से यह भी पूछा है कि क्या कथित रूप से अवैध ये मांस और मछली की दुकानें सार्वजनिक भूमि पर बनायी गयीं है.
राज किशोर की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया है कि चिनहट तिराहे-किसान मार्केट रोड पर अवैध रूप से चल रही मांस और मछली की दुकानें वहां से हटायीं जाए. कहा गया कि मांस और मछली खुले में बड़े ही गंदे तरीके से बेंची जाती हैं, जिससे लोगों के स्वास्थ्य को खतरा है. ये दुकानें सार्वजनिक भूमि पर अवैध तरीके से बनायी गयीं हैं. इन दुकानों को चलाने के लिए नगर निगम या अन्य किसी संबधित विभाग से लाइसेंस भी नहीं लिया गया है. याची ने चिनहट तिराहे के आसपास से अतिक्रमण हटाने की भी मांग की है.
नगर निगम की ओर कहा गया कि उसने अतिक्रमण हटाया है. जिस पर याची का कहना था कि एक ओर अतिक्रमण हटाया जाता है तो दूसरी ओर वह फिर से कायम हो जाता है. याची ने आरेाप लगाया है कि अतिक्रमण करवाने में स्थानीय पुलिस और अन्य जिम्मेदार अफसरों का रेाल है. याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने सरकार और नगर निगम से जवाब तलब कर लिया है. साथ ही याचिका में अपर मुख्य सचिव खाद्य और रषद तथा जिला पूर्ति अधिकारी को भी पक्षकार बनाने का आदेश दिया है.
इसे भी पढ़ें-आजम खान के बेटे अब्दुल्ला के जन्म प्रमाण पत्र मामले में हाईकोर्ट का निर्णय सुरक्षित