जयपुर. राजधानी में कचरा निस्तारण को लेकर कई प्लांट कागजों से धरातल पर नहीं उतर पाए. इसमें सीएनडी वेस्ट और वेस्ट टू एनर्जी प्लांट भी शामिल हैं. इनके तैयार होने से शहर पूरी तरह कचरा फ्री हो सकता है, लेकिन आलम ये है कि अभी तो सेवापुरा में चल रहा कंपोस्ट प्लांट तक बंद है. यहां तैयार करीब 4000 टन कंपोस्ट की भी निगम ने कोई सुध नहीं ली. ऐसे में शनिवार को एलएसजी प्रिंसिपल सेक्रेटरी टी रविकांत ने कचरा निस्तारण करने वाले इन प्लांट्स और शहर के ठोस कचरा प्रबंधन की नब्ज को टटोला.
4 हजार टन कम्पोस्ट को बेचने के निर्देश : स्वायत्त शासन विभाग के प्रमुख शासन सचिव टी रविकांत ने शनिवार को आम जन से डोर टू डोर कचरा संग्रहण का फीडबैक लेने से लेकर, आरएफआईडी कार्ड से स्कैनिंग व्यवस्था, वाहनों की वीटीएस से ट्रेकिंग और कचरे का सेग्रीगेशन की जांच की. इस दौरान उन्होंने अधिकरियों को कॉलोनियों में 100 प्रतिशत डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण होने और इन वाहनों की सुबह गैराज से निकलने से लेकर अन्तिम घर तक कचरा संग्रहण करने के निर्देश दिए. उन्होंने सेवापुरा कॉम्पोस्ट प्लांट का निरीक्षण करते हुए बंद प्लांट को जल्द शुरू करने और यहां तैयार 4 हजार टन कम्पोस्ट को बेचने की कार्य योजना बनाने के भी निर्देश दिए.
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हर दिन 6000 टन कचरे का निस्तारण: हेरिटेज निगम कमिश्नर अभिषेक सुराना ने बताया कि मथुरादासपुरा और सेवापुरा में संचालित लिगेसी वेस्ट रिमेडियेशन प्लांट की ओर से हर दिन 6000 टन कचरे का निस्तारण हो रहा है. इससे करीब 600 टन RDF तैयार हो रहा है, इसे राजस्थान के विभिन्न सीमेंट प्लांट को भेजा जा रहा है. इस पर टी रविकान्त ने जल्द ही यहां मौजूद कचरे का निस्तारण करने के बाद सौंदर्यीकरण करने की योजना बनाने के निर्देश दिए. उन्होंने बताया कि लांगडियावास स्थित 12 एमडब्ल्यू की क्षमता का विद्युत वेस्ट टू एनर्जी प्लांट हर दिन 1000 टन कचरे का उपयोग करेगा. इससे शहर पूरी तरह कचरा मुक्त हो पाएगा. हालांकि, ये प्लांट जून 2025 तक वर्किंग कंडीशन में आएगा.
अप्रैल 2024 से काम करेगा प्लांट : वहीं, उन्होंने शहर में जनरेट हो रहे सीएनडी वेस्ट के निस्तारण के लिए बनाए जा रहे सीएनडी प्लांट को भी जल्द शुरू करने के निर्देश दिए. ये प्लांट इसी साल अप्रैल 2024 से काम करेगा. इससे सड़कों के लिए इन्टर लॉन्किग टाइल्स, रोडी, बजरी और दूसरे सिविल मटेरियल तैयार हो सकेंगे. आम जन टोल फ्री नम्बर पर कॉल कर निर्धारित शुल्क देकर सीएनडी वेस्ट डाल सकेंगे. वहीं, लांगडियावास में 350 टन क्षमता के संचालित आरडीएफ प्लांट का निरीक्षण कर यहां जनरेट हो रहे ईंधन की उपयोगिता की जानकारी लेते हुए दोनों निगमों के मुख्य अभियंताओं को जिम्मेदारी संभलवाई.
वहीं, एलएसजी प्रमुख सचिव ने लाल डूंगरी ट्रांसफर स्टेशन का जायजा लेते हुए दोनों निगमों को 10 ट्रांसफर स्टेशन का आधुनिकीकरण करने की कार्ययोजना बनाकर पेश करने के निर्देश दिए. साथ ही सड़कों से सीएनडी वेस्ट के ढेर और दूसरे कचरे को हटाने के भी निर्देश दिए. वहीं, इस दौरान मौजूद रहे डीएलबी डायरेक्टर सुरेश कुमार ओला ने कचरा प्रोसेसिंग प्लांट्स के रास्तों और आसपास के क्षेत्रों में सघन वृक्षारोपण कर सौंदर्यीकरण करने के निर्देश दिए. साथ ही सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं करने, खरीददारी के लिए कपड़ों के थैलों का इस्तेमाल करने और सूखा गीला कचरा अलग-अलग रखने का भी आग्रह किया.