अमेठी : अयोध्या से सौ किलोमीटर दूर अमेठी में भगवान राम के एक अनोखा भक्त हैं. वह 25 साल से कॉपी में रोजाना 500 बार भगवान का नाम लिखते चले आ रहे हैं. वह राम नाम का जप भी करते हैं. इसी के साथ कॉपी में सीताराम भी लिखते हैं. अब तक वह लगभग 50 लाख बार भगवान राम का नाम लिख चुके हैं. उनकी इच्छा है कि वह जीवनभर ऐसा करते रहे. राम की भक्ति से उन्हें अपार सुख मिलता है.
जिले के मुसाफिर खाना के निजामुद्दीनपुर गांव के रहने वाले रामचंद्र यादव राम की भक्ति में डूबे रहते हैं. उन्होंने अपना जीवन भगवान की भक्ति में लगा दिया है. लगभग 25 वर्षों से रोजाना 500 बार सीता-राम लिखते चले आ रहे हैं. ईटीवी भारत से बातचीत में उन्होंने बताया कि राम नाम लिखने की प्रेरणा भागवत कथा सुनने एवं विद्वानों की संगत से मिली. इससे उन्हें काफी खुशी मिलती है. रामनगरी में प्रभु राम का मंदिर बनने से हमारा जीवन धन्य हो गया. राम चंद्र यादव बताते हैं कि ईश्वर का नाम लेने के साथ-साथ नाम लिखने से ईश्वर के प्रति अपनी भक्ति को प्रदर्शित किया जा सकता है. खेती-बाड़ी के बाद जो भी जितना भी मौका मिलता है, वह भगवान का नाम लिखते रहते हैं.
उन्होंने बताया कि वह एक कॉपी में कलम से पेज पर सीताराम लिखते रहते हैं. इसके बाग हर हर वर्ष शिवरात्रि के दिन सरयू नदी में सीताराम कागजी को विसर्जित कर देते हैं. राम चंद्र यादव बताते हैं कि जो सुकून मुझे इस नाम को लिखने से महसूस होता है, उसके बारे में मैं बयां नहीं कर सकता हूं. लिखते वक्त सीताराम का जाप भी करते रहते हैं. धूप हो, छाया हो, बरसात हो, गर्मी हो, जब भी मौका मिलता है, जहां भी मौका मिलता है. राम भक्ति में लीन रहते है. वह बताते हैं कि कई साल पहले वह भागवत व रामकथा सुनने जाया करते थे, वहीं से उन्हें उसकी प्रेरणा मिली.
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