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तुलसी के 50 हजार दानों से बने भगवान श्री राम, 22 को पटना में विराजेंगे

ऐसा लग रहा है जैसे पूरा देश आजकल राम की धुनी रमा रहा है. हर कोई अपनी तरीके से भगवान को प्रणाम करने में लगे हैं. पटना में दो भाइयों ने मिलकर गजब की मूर्ति बनायी है. आगे पढ़ें पूरी खबर.

Shri Ram Etv Bharat
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jan 20, 2024, 5:09 PM IST

मूर्तिकार से बातचीत.

पटना : 22 जनवरी को अयोध्या में प्रभु श्री राम अपने घर में विराजेंगे. प्रभु राम के घर आने की खुशी सनातन परंपरा में आस्था रखने वाले सभी में देखने को मिल रही है. भारत में इसको लेकर उल्लास का माहौल है.

तुलसी के 50000 दानों से बने भगवान श्री राम : पटना में भी 22 जनवरी को विभिन्न जगहों पर इसको लेकर कार्यक्रम रखे गए हैं. कई जगहों पर प्रभु श्री राम की मूर्ति रखी जा रही है. इसी कड़ी में पटना के मूर्तिकार भाइयों ने एक बार फिर से तुलसी के 50000 दानों से बेहद ही आकर्षक प्रभु श्री राम की मूर्ति तैयार की है. इसे बनाने में महज 15 दिन का समय लगा है. यह पूरी तरह से इको फ्रेंडली मूर्ति है, जिसमें किसी केमिकल का उपयोग नहीं किया गया है.

'नेचुरल कलर से बनी है मूर्ति' : मूर्तिकार जितेंद्र ने बताया कि वह और उनके छोटे भाई चंदन कुमार ने मिलकर यह मूर्ति तैयार की है. राम उत्सव में पटना के सब्जी बाग लंगर टोली स्थित भारत माता मंदिर में 22 जनवरी को यह मूर्ति स्थापित होगी, जहां पटना वासी इसका दीदार कर सकेंगे. इस मूर्ति को बनाने में उन्होंने 500 विभिन्न आकृतियों के तुलसी के माला का उपयोग किया है, जिसमें 50000 तुलसी के दाने हैं. कोई भी रंग नहीं मिलाया गया है और तुलसी के दाने में जो नेचुरल कलर होता है, उसी को इसमें इस्तेमाल किया गया है.

तुलसी के 50 हजार दानों से बने भगवान श्री राम
तुलसी के 50 हजार दानों से बने भगवान श्री राम

''अखबार को गला करके पुआल और उसे मिलाकर मूर्ति का स्ट्रक्चर तैयार किया गया है और उसके ऊपर तुलसी के दोनों से आकृति बनाई गई है. तुलसी माला में सफेद रंग का दान होता है, हल्का भूरा रंग का दान होता है और अन्य रंग की जो दाने होते हैं उसी के अनुसार चेहरा और हाथ बनाया गया है और पोशाक भी तुलसी माला से ही तैयार की गई है. आंखों में काजल का इस्तेमाल किया गया है और कोई केमिकल इसमें इस्तेमाल नहीं किया गया है. पूरी तरह से यह इको फ्रेंडली और अनोखी मूर्ति है.''- जितेंद्र, मूर्तिकार

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मूर्तिकार से बातचीत.

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तुलसी के 50000 दानों से बने भगवान श्री राम : पटना में भी 22 जनवरी को विभिन्न जगहों पर इसको लेकर कार्यक्रम रखे गए हैं. कई जगहों पर प्रभु श्री राम की मूर्ति रखी जा रही है. इसी कड़ी में पटना के मूर्तिकार भाइयों ने एक बार फिर से तुलसी के 50000 दानों से बेहद ही आकर्षक प्रभु श्री राम की मूर्ति तैयार की है. इसे बनाने में महज 15 दिन का समय लगा है. यह पूरी तरह से इको फ्रेंडली मूर्ति है, जिसमें किसी केमिकल का उपयोग नहीं किया गया है.

'नेचुरल कलर से बनी है मूर्ति' : मूर्तिकार जितेंद्र ने बताया कि वह और उनके छोटे भाई चंदन कुमार ने मिलकर यह मूर्ति तैयार की है. राम उत्सव में पटना के सब्जी बाग लंगर टोली स्थित भारत माता मंदिर में 22 जनवरी को यह मूर्ति स्थापित होगी, जहां पटना वासी इसका दीदार कर सकेंगे. इस मूर्ति को बनाने में उन्होंने 500 विभिन्न आकृतियों के तुलसी के माला का उपयोग किया है, जिसमें 50000 तुलसी के दाने हैं. कोई भी रंग नहीं मिलाया गया है और तुलसी के दाने में जो नेचुरल कलर होता है, उसी को इसमें इस्तेमाल किया गया है.

तुलसी के 50 हजार दानों से बने भगवान श्री राम
तुलसी के 50 हजार दानों से बने भगवान श्री राम

''अखबार को गला करके पुआल और उसे मिलाकर मूर्ति का स्ट्रक्चर तैयार किया गया है और उसके ऊपर तुलसी के दोनों से आकृति बनाई गई है. तुलसी माला में सफेद रंग का दान होता है, हल्का भूरा रंग का दान होता है और अन्य रंग की जो दाने होते हैं उसी के अनुसार चेहरा और हाथ बनाया गया है और पोशाक भी तुलसी माला से ही तैयार की गई है. आंखों में काजल का इस्तेमाल किया गया है और कोई केमिकल इसमें इस्तेमाल नहीं किया गया है. पूरी तरह से यह इको फ्रेंडली और अनोखी मूर्ति है.''- जितेंद्र, मूर्तिकार

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