वाराणसी: लोकसभा सीट वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार तीन बार चुनाव लड़े और जीत हासिल की. वहीं उनके विरोधी प्रत्याशी के रूप में कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय ने तीनों बार उनसे मुकाबला किया और हार की हैट्रिक बनाई. इस बार की हार से अजय राय का कद राजनीतिक में काफी ऊंचा हो गया. उन्होंने ऐतिहासिक वोटों से जीत हासिल करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को महज डेढ़ लाख के अंतर पर रोक दिया. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि वाराणसी में अजय राय हार कर भी जीते गए हैं.
अजय राय की जीत-हार का इतिहास: उत्तर प्रदेश कांग्रेस के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष अजय राय वाराणसी के काोलसला से चार बार और एक बार पिंडरी से विधायक रहे हैं. अब वाराणसी में कांग्रेस का चेहरा अजय राय हैं, लेकिन कांग्रेस में आने से पहले अजय राय भाजपा और सपा के साथ भी राजनीति में रह चुके हैं. उन्होंने पहली बार भाजपा के टिकट पर वर्ष 1996 में कोलसला विधानसभा जीती थी. इसके बाद वर्ष 2002 और 2007 में भी उन्होंने जीत हासिल की थी. वर्ष 2009 में भाजपा से लोकसभा का टिकट नहीं मिला, तो सपा से टिकट लेकर चुनाव लड़ गए, मगर वहां हार मिली. इसी साल कोलसला सीट से निर्दलीय विधायक चुने गए.
2014 से अब तक नहीं मिली जीत : अजय राय वर्ष 2012 में कांग्रेस में शामिल हुए और तभी से वे कांग्रेस में ही हैं. उन्होंने वर्ष 2012 में ही पिंडरा विधानसभा से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और विधायक चुने गए. इसके बाद कांग्रेस के टिकट पर वर्ष 2014 में लोकसभा का चुनाव, वर्ष 2017 में विधानसभा का चुनाव, वर्ष 2019 में लोकसभा का चुनाव और साल 2022 में विधानससभा का चुनाव लड़ा था. वर्ष 2014 से लेकर 2022 के चुनाव तक वह बुरी तरह से हारते रहे हैं. इसमें लोकसभा और विधानसभा की दोनों ही सीटों पर वाराणसी की जनता ने उन्हें नकार दिया. लोकसभा चुनाव-2024 में भी उनको हार का सामना करना पड़ा है.
किन वजहों से पीएम मोदी को नहीं मिले वोट?
राजनीतिक विश्लेषक रवि पांडेय की मानें तो इस बार वाराणसी में गठबंधन में एमवाई समीकरण के साथ भूमिहर वोट अजय राय को पड़े. साथ ही मोदी प्रशंसकों में उत्साह तो था, लेकिन उन लोगों ने मतदान स्थल पर जाकर वोट नहीं दिया. इससे वाराणसी में मतदान प्रतिशत कम रहा और पीएम मोदी के खाते में कम वोट गए हैं. दूसरी वजह ये रही है कि एमवाई समीकरण का फार्मूला हिट हो गया था और लोग अपने घरों से निकलकर अजय राय के लिए वोट देने गए. उनके मन में संविधान और आरक्षण का एक डर भी रहा होगा. इन्हीं सब वजहों से अजय राय को अधिक वोट वाराणसी में मिले हैं.
अजय राय ने प्रधानमंत्री मोदी पर बोला हमला
अजय राय कहते हैं कि देश का प्रधानमंत्री, झूठी बातें करने वाला व्यक्ति जो अपने आप को विश्व का गुरु बताता है. आज बनारस की जनता ने निश्चित तौर पर उनको घेर दिया. 10 लाख पार का नारा कहां है. आज भाजपा के लोगों के मुंह से झाग निकल रही है, वे परेशान हैं. हमारे साथियों ने दिन-रात मेहनत करके अपनी जेब से पैसे लगाकर लड़ाई लड़ी है. इनके पास कॉरपोरेट के पैसे आ रहे थे. 6 राज्यपाल घूम रहे थे, खुद मोदी जी 2 दिन यहां रहे. अमित शाह कैंप किए हुए थे. बनारस के लोगों ने हमारा साथ दिया. एग्जिट पोल इसलिए था कि अमित शाह और मोदी जी के लोग अपने पैसे निकाल लें.
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