चंडीगढ़: हरियाणा में 10 लोकसभा सीटों के चुनावी नतीजे आगामी विधानसभा चुनाव की राह तय करने में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं. अगर ऐसा होता है तो बीजेपी के लिए आगे बड़ी चुनौती रहने वाली है. क्योंकि बीजेपी ने साल 2019 के लोकसभा चुनाव में 10 की 10 सीटों पर कब्जा किया था. लेकिन इस बार बीजेपी और कांग्रेस की झोली में 5-5 सीटें आई है. जहां कांग्रेस ने 46 विधानसभा क्षेत्रों में लोकसभा सीट पर जीत हासिल की है. तो वहीं लोकसभा की पांच सीटों पर जीत दर्ज करते हुए बीजेपी ने 44 विधानसभा क्षेत्रों पर में ही जलवा बिखेरा है. गौरतलब है कि सूबे में विधानसभा सीटों की कुल संख्या 90 है. ऐसे में हार के कारण और जीत के लिए रणनीति पर मंथन करना भी जरूरी हो जाता है.
बीजेपी और कांग्रेस की बढ़त वाली विधानसभा सीटों का बहुत अधिक अंतर नहीं है. लेकिन साल 2019 में बीजेपी की जीत के मुकाबले इस बार कमजोर प्रदर्शन के मुताबिक प्रदेश के राजनीतिक एक्सपर्ट्स मानते हैं कि पार्टी को अपनी रणनीति और फैसलों पर मंथन के साथ बदलाव करना होगा. वहीं, कांग्रेस को भी करीब 10 साल बाद सत्ता में वापसी के लिए मजबूत व सटीक रणनीति बनानी पड़ेगी.
विधानसभा में किसको कितनी बढ़त?:
- अंबाला: चार विधानसभा सीटों में से तीन पर भाजपा हारी.
पंचकूला: दो विधानसभा सीट पर भाजपा जीती.
जगाधरी व साढौरा: विधानसभा सीट पर कांग्रेस जीती.
यमुनानगर: विधानसभा सीट पर भाजपा जीती.
रादौर: विधानसभा क्षेत्र पर भाजपा जीती.
मेवात: तीन विधानसभा क्षेत्रों पर भाजपा हारी.
गुरुग्राम: चारों विधानसभा क्षेत्रों पर भाजपा जीती
महेंद्रगढ़: जिले की 4 विधानसभा सीटों में से 3 सीटों-अटेली, नारनौल व नांगल चौधरी में भाजपा के विधायक हैं. जबकि महेंद्रगढ़ सीट कांग्रेस के पास है. लेकिन लोकसभा चुनाव नतीजों में जिला महेंद्रगढ़ के चारों विधानसभा क्षेत्रों पर भाजपा आगे रही और राव दान सिंह अपने गृह क्षेत्र में ही पिछड़ गए.
फरीदाबाद: जिले की सभी 6 विधानसभा सीटों पर भाजपा की जीत हुई.
पलवल: जिले की 3 विधानसभा सीटों में से दो सीटों पर भाजपा को हार मिली.
पानीपत: चारों विधानसभा क्षेत्र से भाजपा जीती.
करनाल: जिले के पांचों विधानसभा क्षेत्र से भाजपा जीती.
रोहतक (झज्जर-रेवाड़ी): लोकसभा में कुल 9 विधानसभा क्षेत्र हैं और सभी पर कांग्रेस जीती. जिसमें रोहतक, कलोई गढ़ी सांपला, कलानौर, महम, झज्जर (झज्जर), बहादुरगढ़ (झज्जर ), बेरी (झज्जर ), बादली (झज्जर), कोसली (रेवाड़ी ) - सिरसा: जिले के सभी 5 विधानसभा क्षेत्रों पर भाजपा को हार मिली.
2019 में 6 लोकसभा सीटों पर बीजेपी की जीत: साल 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने छह लोकसभा सीटों पर एकतरफा जीत हासिल करते हुए उनके अंतर्गत आने वाली सभी 54 विधानसभा सीटें अपने नाम की थी. इस बार भाजपा का लोकसभा चुनाव में सबसे मजबूत प्रदर्शन केवल करनाल में रहा, जहां पार्टी ने सभी नौ विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की.
इस कारण अलग हैं लोकसभा और विधानसभा चुनाव: साल 2019 के लोकसभा चुनाव में 79 विधानसभा हलकों में बढ़त लेने के बावजूद पांच महीने बाद हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा 40 सीटों पर ही सिमट गई थी. जबकि कांग्रेस ने केवल 10 हलकों में बढ़त के बावजूद 31 विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की थी. वहीं पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला की पार्टी जजपा को केवल एक हलके नारनौंद से बढ़त मिली थी. लेकिन जजपा ने विधानसभा चुनावों में 10 सीटों पर जीत हासिल की थी.
सिरसा और रोहतक की 18 सीट कांग्रेस के नाम: कांग्रेस ने इस लोकसभा चुनावों में दो संसदीय क्षेत्रों, सिरसा और रोहतक में एकतरफा जीत दर्ज की. इन दोनों संसदीय क्षेत्रों के अंतर्गत सभी 18 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशियों को बढ़त हासिल हुई. जबकि चौटाला परिवार की दोनों पार्टियों इनेलो और जजपा को इस बार लोकसभा चुनाव में एक भी विधानसभा क्षेत्र में बढ़त नहीं मिली. दोनों पार्टियां अपने उम्मीदवारों की जमानत जब्त को भी नहीं रोक सकी.
ग्रामीण क्षेत्रों में भाजपा को नुकसान: हरियाणा के ग्रामीण क्षेत्रों में भाजपा को अधिक नुकसान हुआ है और कुछ शहरों में भी मामूली धक्का लगा है. हालांकि भाजपा को शहरी मतदाताओं का भरपूर साथ भी मिला.
भाजपा और कांग्रेस का हलकावार प्रभाव: इस साल लोकसभा चुनाव 2024 में भिवानी-महेंद्रगढ़ संसदीय क्षेत्र में भाजपा ने छह और कांग्रेस ने तीन, गुड़गांव में भाजपा ने छह व कांग्रेस ने तीन और फरीदाबाद में कांग्रेस ने तीन और भाजपा ने छह विधानसभा हलकों में लीड ली. अंबाला में भाजपा ने चार और कांग्रेस ने पांच, कुरुक्षेत्र में भाजपा ने पांच और आईएनडीआईए गठबंधन ने चार, सोनीपत में भाजपा ने पांच व कांग्रेस ने चार और हिसार में भाजपा ने तीन व कांग्रेस ने छह विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की है.