लखनऊ : लोकसभा चुनाव 2024 से पहले समाजवादी पार्टी माहौल अपने पक्ष में बनाने के लिए जाति सम्मेलन की रणनीति बना रही है. पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक यानी PDA के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए समाजवादी पार्टी जुट गई है. दो दर्जन प्रत्याशियों को चुनाव लड़ने के संकेत दिए जा चुके हैं. इंडिया गठबंधन के अंतर्गत सीट शेयरिंग फार्मूले पर बातचीत अंतिम चरण में है.
पीडीए एजेंडे को धार देगी सपा
लोकसभा चुनाव में अब ज्यादा समय नहीं बचा है. मात्र डेढ़ से दो महीने शेष हैं. करीब 1 माह बाद लोकसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने की उम्मीद है. सभी राजनीतिक दल अपनी चुनावी तैयारी को अंतिम रूप देने की कोशिश में जुटे हुए हैं. इसी कड़ी में समाजवादी पार्टी ने चुनाव से पहले अलग-अलग जातियों के सम्मेलन करते हुए चुनावी माहौल अपने पक्ष में करने की कोशिश तेज कर दी है. पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक एजेंडे को समाजवादी पार्टी आगे बढ़ा रही है. इंडिया गठबंधन के अंतर्गत भी सपा ने इसी एजेंडे को धार देते हुए संबंधित उम्मीदवारों का चयन भी तेज कर दिया है. लोकसभा चुनाव को लेकर सपा ने पिछले दिनों अपने जो लोकसभा प्रभारी बनाए थे, उनमें से तमाम नेताओं को उम्मीदवार भी बनाया जा रहा है.
जाति सम्मेलन शुरू करने का फैसला
समाजवादी पार्टी ने पीडीए के एजेंडे को आगे बढ़ाते हुए के जाति सम्मेलन शुरु करने का फैसला किया है. इसके अंतर्गत इंडिया गठबंधन को जिताने और भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन को हराने का आह्वान किया जाएगा. अखिलेश की कोशिश है कि पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक के भरोसे चुनाव में जीत दर्ज की जाए. सोची समझी रणनीति के अंतर्गत सपा नेतृत्व चुनावी लड़ाई को पिछड़े, शोषित, वंचित, अल्पसंख्यकों के सहारे दिलचस्प बनाना चाहता है.
पिछड़ी जातियों को साथ लाने की कोशिश
इसी रणनीति के अंतर्गत समाजवादी पार्टी ने पिछले दिनों लखनऊ में पिछड़ी जातियों से जुड़े महापुरुषों को लेकर एक कार्यक्रम का आयोजन किया था. जिसमें सपाध्यक्ष अखिलेश यादव, राष्ट्रीय महासचिव राम अचल राजभर, इंद्रजीत सरोज व स्वामी प्रसाद मौर्य जैसे नेताओं ने शिरकत की थी. अब समाजवादी पार्टी प्रदेश भर के सभी क्षेत्रों में बड़ी संख्या में समाज के सभी वर्ग को जोड़ने खासकर पीडीए से जुड़े तबके को अपने साथ लाने की कोशिश को आगे बढ़ाने का काम शुरू कर रही है.
चार विधायकों को टिकट देकर अखिलेश ने लड़ाई बनाई दिलचस्प
सपा ने जिन विधायकों को टिकट दिया है, उसमें पार्टी के वरिष्ठ नेता अवधेश प्रसाद को अयोध्या लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है. जबकि बसपा से आए सपा विधायक लालजी वर्मा को अंबेडकर नगर से टिकट दिया है. बस्ती से राम प्रसाद चौधरी तो लखनऊ से रविदास मेहरोत्रा को चुनावी मैदान में उतारा है. इस रणनीति के पीछे एक वजह यह भी मानी जा रही है कि विधायक होने के नाते उनका खुद का जनाधार और वोटबैंक होगा. यह कोई पहला मौका नहीं है जब विधायकों को सपा ने लोकसभा का उम्मीदवार बनाया. इससे पहले भी कई विधायकों को चुनाव लड़ाया है.
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा- सभी वर्गों को साथ लेकर चलेंगे
सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने कहा कि समाजवादी पार्टी सभी वर्ग को साथ लेकर चलने वाली पार्टी है. पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक समाज के लोगों को जोड़ने के लिए हमने कार्यक्रम तय किए हैं. भारतीय जनता पार्टी व अन्य विपक्षी दल की सरकारों ने समाज के लोगों के हित में कोई काम नहीं किया. हम अपने कार्यक्रमों और सम्मलेन के माध्यम से यह सब इस समाज के लोगों को बताने का काम भी करेंगे. समाजवादी पार्टी की सरकारों में पिछड़े, दलित, शोषित समाज के लिए जो भी काम किए गए हैं, बड़ी योजनाएं संचालित की गई हैं, उनकी जानकारी भी अभियान और कार्यक्रमों के माध्यम से पहुंचाने का काम करेंगे.
यह भी पढ़ें : लोकसभा चुनाव 2024 : सपा की पहली लिस्ट में परिवारवाद और PDA की भरपूर छाप