रायपुर : यह रायपुर और राजनांदगांव लोकसभा सीट है. रायपुर लोकसभा सीट से भाजपा के कद्दावर नेता और वर्तमान में साय सरकार के कैबिनेट मंत्री बृजमोहन अग्रवाल चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं दूसरी सीट राजनांदगांव से कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को चुनावी मैदान में उतारा है. ऐसे में यदि यह दोनों नेता इन दोनों लोकसभा सीटों से जीत हासिल करते हैं. तो क्षेत्रिय राजनीति में दोनों दलों का राजनीतिक दखल कम होगा. ऐसे में इन दोनों नेताओं की कमी दोनों राजनीतिक दलों को खलना तय है.
"दोनों नेताओं की कमी दोनों राजनीतिक दलों को खलेगी": राजनीतिक जानकार और वरिष्ठ पत्रकार उचित शर्मा ने कहा, "बृजमोहन अग्रवाल लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. वे एक बड़ी जीत के लिए लड़ रहे हैं. यदि वे बड़ी जीत हासिल करते हैं, तो स्वाभाविक है कि कहीं ना कहीं केंद्र में सरकार बनने पर उन्हें मंत्री पद से भी नवाजा जा सकता है. वहीं दूसरी ओर बात की जाए भूपेश बघेल की, तो यदि वे जीतते हैं तो केंद्र में चाहे पक्ष में हो या विपक्ष में, पार्टी एक बड़ा चेहरा बनकर सामने आएंगे और बड़ी जवाबदारी मिलेगी.
"दोनों नेताओं के केंद्र में जाने के बाद स्वाभाविक है कि छत्तीसगढ़ की राजनीति में उनके खालीपन को भरना एक बड़ी चुनौती होगी." - उचित शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार
बृजमोहन अग्रवाल की जीत मानी जा रही पक्की : सबसे पहले बात करते हैं रायपुर लोकसभा सीट की, जहां से भाजपा ने बृजमोहन अग्रवाल को चुनावी मैदान में उतारा है. वहीं कांग्रेस से पूर्व विधायक विकास उपाध्याय उम्मीदवार हैं. बृजमोहन अग्रवाल साय सरकार में मंत्री हैं. वे लगातार रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट से जीत हासिल करते आए हैं. लगभग तीन दशक में उन्हें अब तक एक बार भी हार का सामना नहीं करना पड़ा है. यही वजह है कि इस बार पहली बार लोकसभा चुनाव में वे अपनी किस्मत अजमा रहे हैं. बृजमोहन अग्रवाल की जीत पक्की मानी जा रही है. दावा किया जा रहा है कि वह इस लोकसभा सीट में रिकॉर्ड मतों के साथ जीत हासिल करेंगे. ऐसे में यदि केंद्र में भाजपा सरकार बनने के बाद स्वाभाविक है कि बृजमोहन अग्रवाल को बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है.
चुनाव जीतने से भूपेश बघेल का बढ़ेगा कद : पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की बात की जाए तो उन्हें कांग्रेस ने राजनांदगांव से उम्मीदवार बनाया है. भाजपा ने वर्तमान सांसद संतोष पांडे को ही दोबारा चुनाव मैदान में उतारा है. यह लोकसभा सीट काफी चर्चा में है. इस सीट से किसकी जीत होगी और किसकी हार, यह कह पाना मुश्किल है. लेकिन भूपेश बघेल की जीत होती है, तो स्वाभाविक है कि उनका कद बढ़ेगा और वह कांग्रेस की केंद्रीय टीम में सहभागिता करेंगे. ऐसे में पार्टी उन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी भी सौंप सकती है.