लखनऊ : लगभग एक महीने तक चलने वाले चुनाव अभियान के दौरान यूपी में भारतीय जनता पार्टी लगभग 300 रैलियां और सभाएं करेगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली के कार्यक्रम ऐसे तैयार किए जाएंगे जिससे यूपी के सभी 75 जिलों और 80 लोकसभा सीटों को कवर किया जा सके. बैठक कर इसकी रणनीति बनाई गई. जिम्मेदारियां भी सौंप दी गईं हैं.
प्रधानमंत्री मोदी जिस जिले में नहीं जा सकेंगे उसकी सीमा पर रैली का आयोजन किया जाएगा. इसके जरिए दो लोकसभा सीट या जिले को कवर किया जा सकेगा. भारतीय जनता पार्टी चुनाव प्रबंधन कमेटी की पहली बैठक में रैलियों को लेकर महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां तय की गईं.
बैठक में भारतीय जनता पार्टी के लोकसभा चुनाव प्रभारी बैजयंत जय पांडा, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह, जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद, यूपी के सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर मौजूद रहे.
लंबे समय से सभाओं और रैली की जिम्मेदारी को देख रहे जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह को महत्वपूर्ण काम दिया गया है. वह तय करेंगे कि बड़े नेताओं जैसे प्रधानमंत्री, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, गृहमंत्री, रक्षा मंत्री की रैली कहां-कहां पर हों. इसके अतिरिक्त छोटी सभाओं के विषय में भी वह अपनी महत्वपूर्ण सलाह व चुनाव प्रबंधन समिति को देते रहेंगे.
दूसरी ओर लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद भी तैयारी को लेकर मदद करेंगे. वह हर जिले तक रैलियों की व्यवस्था को संभालेंगे. बैठक में नेताओं के आवागमन की व्यवस्था कैसे होगी, भीड़ जुटाने के इंतजाम कैसे और किसके जरिए किए जाएंगे, इन सारी बातों पर चर्चा की गई. इसके अतिरिक्त इस बैठक में प्रचार अभियान के मुद्दों को किस तरह से बदलना है, कौन से मुद्दों पर कायम रहना और किन मुद्दों पर चर्चा नहीं करनी है, इस पर भी बातचीत की गई.
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