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मेरठ में प्रचार छोड़कर सपा प्रत्याशी पहुंचे लखनऊ, टिकट को लेकर मचा घमासान, डाला डेरा - Lok sabha election 2024 - LOK SABHA ELECTION 2024

समाजवादी पार्टी (सपा) में टिकट को लेकर घमासान मचा हुआ है. पार्टी ने (Lok sabha election 2024) सुप्रीम कोर्ट के वकील भानु प्रताप वर्मा को मेरठ से प्रत्याशी घोषित किया है. जिसके बाद अंदरखाने में विरोध बढ़ता जा रहा है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 28, 2024, 11:56 AM IST

मेरठ : जिले में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी भानु प्रताप वर्मा का अंदरखाने चल रहा विरोध अब बढ़ता ही जा रहा है. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जहां प्रत्याशी के लिए पार्टी के नेताओं को प्रचार करना चाहिए, वहीं, पार्टी के विधायक और अन्य नेता लखनऊ में सपा मुख्यालय में पार्टी नेतृत्व से प्रत्याशी बदलने और अपनी दावेदारी के लिए परिक्रमा कर रहे हैं. आलम यह है कि प्रचार छोड़कर खुद पार्टी के प्रत्याशी सुप्रीम कोर्ट के वकील भानु प्रताप वर्मा स्वयं भी गुरुवार को लखनऊ में अखिलेश यादव से मिलने वाले हैं.

सपा नेताओं ने की बगावत : जबसे लोकसभा चुनाव की डुगडुगी बजी है उसके बाद से लगातार समाजवादी पार्टी भी एक्टिव दिखाई दे रही है. वहीं देखने में आ रहा है कि पश्चिमी यूपी में पार्टी कई प्रत्याशियों को उतार चुकी है. सपा नेताओं ने मेरठ से बनाए गए प्रत्याशी भानु प्रताप वर्मा के खिलाफ नेतृत्व के सामने बगावत कर दी है. कई सीटों पर सपा मुखिया के निर्णय को बदलते देखकर सपा नेताओं का भी हौसला बढ़ गया है. यही वजह है कि पार्टी के तीन वर्तमान विधायक और पूर्व विधायक समेत कुछ और भी नेता अपने खास लोगों के साथ इन दिनों लखनऊ में डेरा डाले हैं. पार्टी को मजबूत करने व प्रचार करने के बजाए पार्टी के नेता प्रदेश की राजधानी स्थित पार्टी दफ्तर की परिक्रमा कर रहे हैं. बता दें कि मेरठ में समाजवादी पार्टी के तीन विधायक हैं और माना जा रहा है कि तीनों विधायक पार्टी हाईकमान के द्वारा मेरठ हापुड़ लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाए गये. भानु प्रताप के टिकट को कटवाने के लिए जोर आजमाइश में लगे हैं. इस बार एआइएमआइएम ने भी मेरठ में किसी को प्रत्याशी नहीं बनाया है. इसके बाद समाजवादी पार्टी को लगता है कि उनके लिए एक अच्छा अवसर है, क्योंकि कांग्रेस भी उनके साथ है. अब जब 'इंडी' गठबंधन की तरफ से मेरठ लोकसभा सीट सपा के खाते में है तो स्थानीय सपा नेताओं को ऐसा लगता है कि इस बार वे सपा की साइकिल को दिल्ली संसद तक दौड़ा सकते हैं. हालांकि, अभी तक के पार्टी के इतिहास में ऐसा कभी हुआ नहीं है कि सपा की साइकिल यहां जीत दर्ज करा पाई हो. सपा के वर्तमान विधायकों में से दो विधायकों से ईटीवी भारत की बात हुई है, वह दबी जुबां से स्वीकार करते हैं कि वह चाहते हैं कि पार्टी ने जिन्हें मेरठ हापुड़ से प्रत्याशी बनाया है, उन्हें बदलें और खुद को वे भानु प्रताप वर्मा से बेहतर मानते हैं.

सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष ने दिया मिलने का समय : ईटीवी भारत ने समाजवादी पार्टी के मेरठ से लोकसभा प्रत्याशी बनाए गए भानु प्रताप वर्मा से बात की. उनका कहना है कि जिस वक्त तक वह बात कर रहे हैं उस वक्त तक टिकट उनका है. उन्होंने बताया कि उन्हें नहीं लगता कि किसी तरह की कोई समस्या उनके सामने है. उन्होंने कहा कि उनकी तैयारी पूरी है और उन्हें जनता जनार्दन पर विश्वास है. इस बार मेरठ में बदलाव जनता चाहती है और वह जनता की कसौटी पऱ खरे उतरेंगे. उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि कोई समस्या किसी लीडर को उनसे होनी चाहिए. सपा प्रत्याशी भानु प्रताप वर्मा ने कहा कि अगर कहीं कोई नाराजगी किसी भी पार्टी के नेता के अंदर है तो वह कोशिश करेंगे कि सभी को साथ लेकर चलेंगे और आगे बढ़ेंगे. समाजवादी पार्टी के मेरठ प्रत्याशी भानु प्रताप वर्मा ने बताया कि उन्हें भी राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आज मिलने का समय दिया है और वह खुद भी इस वक्त लखनऊ में हैं. फिलहाल सपा में मेरठ के प्रत्याशी को लेकर सब कुछ ठीक नहीं है यह बात अब बिल्कुल स्पष्ट हो चुकी है. अगले एक दो घंटे में या एक दो दिन में सपा हाईकमान कोई निर्णय ले सकते हैं. इसको लेकर पार्टी के जिले के विधायक और नेता उम्मीद लगाए बैठे हैं. एक नेता का तो यहां तक कहना है कि उन्हें आश्वस्त किया गया है कि प्रत्याशी को लेकर पुनः मंथन हो रहा है.

निकाय चुनाव में दिलाया था टिकट : हम आपको बता दें कि पिछले साल निकाय चुनाव हुए थे, जिसमें मेयर प्रत्याशी के तौर पर समाजवादी पार्टी के संरचना से विधायक अतुल प्रधान ने अपनी पत्नी को यहां से टिकट दिलवाले में कामयाबी हासिल की थी. लेकिन, जो परिणाम आए थे वह बेहद ही चौंकाने वाले थे. क्योंकि मेरठ में बीजेपी ने जीत दर्ज की थी. जबकि, दूसरे नंबर पर एक लाख 24 हजार वोट पाकर AIMIM का प्रत्याशी दूसरे नंबर पर रहा था. इतना ही नहीं समाजवादी पार्टी के मुखिया ने जब मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में मेयर प्रत्याशी के लिए रोड शो किया था तो उसमें समाजवादी पार्टी के मुस्लिम विधायकों ने भी दूरी बनाई हुई थी. अब जब पार्टी ने भानु प्रताप वर्मा को मेरठ हापुड़ लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है तो फिर एक बार मेरठ में सपा के नेता जिनमें तीन तो विधायक ही हैं वह पार्टी के प्रत्याशी चयन पर नाखुश हैं. अब देखने वाली बात यह है कि स्थानीय दावेदारों के सामने पार्टी हाईकमान क्या निर्णय लेता है.

यह भी पढ़ें : मेरठ-हापुड़ से सपा उम्मीदवार भानु प्रताप वर्मा बोले- ऐतिहासिक होगा जनता का निर्णय - LOK SABHA ELECTION 2024

यह भी पढ़ें : Loksabha Election 2024: यूपी में दूसरे चरण के लिए आज से इन सीटों पर नामाकंन शुरू, हेमामालिनी, अरुण गोविल भरेंगे पर्चे - Loksabha Election 2024

मेरठ : जिले में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी भानु प्रताप वर्मा का अंदरखाने चल रहा विरोध अब बढ़ता ही जा रहा है. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जहां प्रत्याशी के लिए पार्टी के नेताओं को प्रचार करना चाहिए, वहीं, पार्टी के विधायक और अन्य नेता लखनऊ में सपा मुख्यालय में पार्टी नेतृत्व से प्रत्याशी बदलने और अपनी दावेदारी के लिए परिक्रमा कर रहे हैं. आलम यह है कि प्रचार छोड़कर खुद पार्टी के प्रत्याशी सुप्रीम कोर्ट के वकील भानु प्रताप वर्मा स्वयं भी गुरुवार को लखनऊ में अखिलेश यादव से मिलने वाले हैं.

सपा नेताओं ने की बगावत : जबसे लोकसभा चुनाव की डुगडुगी बजी है उसके बाद से लगातार समाजवादी पार्टी भी एक्टिव दिखाई दे रही है. वहीं देखने में आ रहा है कि पश्चिमी यूपी में पार्टी कई प्रत्याशियों को उतार चुकी है. सपा नेताओं ने मेरठ से बनाए गए प्रत्याशी भानु प्रताप वर्मा के खिलाफ नेतृत्व के सामने बगावत कर दी है. कई सीटों पर सपा मुखिया के निर्णय को बदलते देखकर सपा नेताओं का भी हौसला बढ़ गया है. यही वजह है कि पार्टी के तीन वर्तमान विधायक और पूर्व विधायक समेत कुछ और भी नेता अपने खास लोगों के साथ इन दिनों लखनऊ में डेरा डाले हैं. पार्टी को मजबूत करने व प्रचार करने के बजाए पार्टी के नेता प्रदेश की राजधानी स्थित पार्टी दफ्तर की परिक्रमा कर रहे हैं. बता दें कि मेरठ में समाजवादी पार्टी के तीन विधायक हैं और माना जा रहा है कि तीनों विधायक पार्टी हाईकमान के द्वारा मेरठ हापुड़ लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाए गये. भानु प्रताप के टिकट को कटवाने के लिए जोर आजमाइश में लगे हैं. इस बार एआइएमआइएम ने भी मेरठ में किसी को प्रत्याशी नहीं बनाया है. इसके बाद समाजवादी पार्टी को लगता है कि उनके लिए एक अच्छा अवसर है, क्योंकि कांग्रेस भी उनके साथ है. अब जब 'इंडी' गठबंधन की तरफ से मेरठ लोकसभा सीट सपा के खाते में है तो स्थानीय सपा नेताओं को ऐसा लगता है कि इस बार वे सपा की साइकिल को दिल्ली संसद तक दौड़ा सकते हैं. हालांकि, अभी तक के पार्टी के इतिहास में ऐसा कभी हुआ नहीं है कि सपा की साइकिल यहां जीत दर्ज करा पाई हो. सपा के वर्तमान विधायकों में से दो विधायकों से ईटीवी भारत की बात हुई है, वह दबी जुबां से स्वीकार करते हैं कि वह चाहते हैं कि पार्टी ने जिन्हें मेरठ हापुड़ से प्रत्याशी बनाया है, उन्हें बदलें और खुद को वे भानु प्रताप वर्मा से बेहतर मानते हैं.

सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष ने दिया मिलने का समय : ईटीवी भारत ने समाजवादी पार्टी के मेरठ से लोकसभा प्रत्याशी बनाए गए भानु प्रताप वर्मा से बात की. उनका कहना है कि जिस वक्त तक वह बात कर रहे हैं उस वक्त तक टिकट उनका है. उन्होंने बताया कि उन्हें नहीं लगता कि किसी तरह की कोई समस्या उनके सामने है. उन्होंने कहा कि उनकी तैयारी पूरी है और उन्हें जनता जनार्दन पर विश्वास है. इस बार मेरठ में बदलाव जनता चाहती है और वह जनता की कसौटी पऱ खरे उतरेंगे. उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि कोई समस्या किसी लीडर को उनसे होनी चाहिए. सपा प्रत्याशी भानु प्रताप वर्मा ने कहा कि अगर कहीं कोई नाराजगी किसी भी पार्टी के नेता के अंदर है तो वह कोशिश करेंगे कि सभी को साथ लेकर चलेंगे और आगे बढ़ेंगे. समाजवादी पार्टी के मेरठ प्रत्याशी भानु प्रताप वर्मा ने बताया कि उन्हें भी राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आज मिलने का समय दिया है और वह खुद भी इस वक्त लखनऊ में हैं. फिलहाल सपा में मेरठ के प्रत्याशी को लेकर सब कुछ ठीक नहीं है यह बात अब बिल्कुल स्पष्ट हो चुकी है. अगले एक दो घंटे में या एक दो दिन में सपा हाईकमान कोई निर्णय ले सकते हैं. इसको लेकर पार्टी के जिले के विधायक और नेता उम्मीद लगाए बैठे हैं. एक नेता का तो यहां तक कहना है कि उन्हें आश्वस्त किया गया है कि प्रत्याशी को लेकर पुनः मंथन हो रहा है.

निकाय चुनाव में दिलाया था टिकट : हम आपको बता दें कि पिछले साल निकाय चुनाव हुए थे, जिसमें मेयर प्रत्याशी के तौर पर समाजवादी पार्टी के संरचना से विधायक अतुल प्रधान ने अपनी पत्नी को यहां से टिकट दिलवाले में कामयाबी हासिल की थी. लेकिन, जो परिणाम आए थे वह बेहद ही चौंकाने वाले थे. क्योंकि मेरठ में बीजेपी ने जीत दर्ज की थी. जबकि, दूसरे नंबर पर एक लाख 24 हजार वोट पाकर AIMIM का प्रत्याशी दूसरे नंबर पर रहा था. इतना ही नहीं समाजवादी पार्टी के मुखिया ने जब मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में मेयर प्रत्याशी के लिए रोड शो किया था तो उसमें समाजवादी पार्टी के मुस्लिम विधायकों ने भी दूरी बनाई हुई थी. अब जब पार्टी ने भानु प्रताप वर्मा को मेरठ हापुड़ लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है तो फिर एक बार मेरठ में सपा के नेता जिनमें तीन तो विधायक ही हैं वह पार्टी के प्रत्याशी चयन पर नाखुश हैं. अब देखने वाली बात यह है कि स्थानीय दावेदारों के सामने पार्टी हाईकमान क्या निर्णय लेता है.

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