करनाल: पूरा देश लोकसभा के चुनावी माहौल में रंगा हुआ है. हर बिरादरी अपनी जाति का उम्मीदवार चाहता है ताकि वह उसको सांसद बना सके. लेकिन कुछ ऐसे भी मामले देखने को मिले हैं जहां पर जिस बिरादरी का ज्यादा वोट बैंक है, वहां वे पार्टियों से उनके जाति का प्रत्याशी चाहते हैं. लेकिन ऐसा नहीं होने पर वे सम्बन्धित पार्टी के खिलाफ अपना विरोध जाहिर करते हैं.
कांग्रेस और बीजेपी का विरोध: अगर हरियाणा में करनाल लोकसभा सीट की बात करें यहां पर भारतीय जनता पार्टी ने मनोहर लाल को अपना प्रत्याशी बनाया है तो वहीं कांग्रेस पार्टी के द्वारा दिव्यांशु बुद्धि राजा को प्रत्याशी बनाया गया है, लेकिन अब इन दोनों पार्टियों के लिए मुश्किलों का दौर शुरू हो गया है क्योंकि इनको प्रत्याशी बनाने के बाद अब रोड़ बिरादरी इन दोनों पार्टियों के विरुद्ध खड़ी हो गई है. आपको बता दें की करनाल लोकसभा में रोड़ बिरादरी का एक बहुत ही बड़ा वोट बैंक है, लेकिन उसके बावजूद भी अभी तक करनाल लोकसभा से कोई भी रोड़ बिरादरी का सांसद नहीं बन पाया या उनको टिकट नहीं मिली. लेकिन अब रोड़ बिरादरी ने भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पार्टी का विरोध करने की बात कही है.
नहीं देंगे वोट: लोकसभा चुनाव को लेकर रोड़ बिरादरी के द्वारा करनाल रोड धर्मशाला में समाज की एक पंचायत बुलाई गई, जिसमें पूरे हरियाणा से समाज के लोग इस पंचायत में भाग लेने के लिए पहुंचे. पंचायत में बातचीत करने के बाद निर्णय लिया गया कि रोड़ बिरादरी के द्वारा भाजपा और कांग्रेस पार्टी का बहिष्कार किया जाएगा और उनको वोट नहीं दिया जाएगा. क्योंकि कांग्रेस और भाजपा पार्टी से इस बार रोड़ बिरादरी के द्वारा कुरुक्षेत्र लोकसभा और करनाल लोकसभा से एक एक टिकट मांगी गई थी, लेकिन दोनों पार्टियों के द्वारा दोनों लोकसभा सीट में से कहीं भी उनको एक भी सीट नहीं दी गई. नतीजतन अब रोड़ बिरादरी ने भाजपा और कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशियों का बहिष्कार करने की बात कही है.
बाहरी प्रत्याशी का भी विरोध: रोड़ बिरादरी के पूर्व प्रधान नसीब कारसा ने कहा कि "करनाल लोकसभा और कुरुक्षेत्र लोकसभा में अक्सर यह होता आया है कि यहां पर बाहरी प्रत्याशी उनके बीच में भेजे जाते हैं, जिसके चलते वह इसका विरोध कर रहे हैं. 36 बिरादरी में से किसी भी समाज का स्थानीय नेता उनके बीच में प्रत्याशी के रूप में आए वह उसका समर्थन अवश्य करेंगे लेकिन बाहरी प्रत्याशी का भी विरोध करेंगे, और भाजपा और कांग्रेस का भी पूर्ण तरीके से बहिष्कार किया जाएगा. इस बार भी ऐसा ही हुआ है मनोहर लाल भी रोहतक के रहने वाले हैं और जो कांग्रेस से बुद्धि राजा प्रत्याशी बनाए गए हैं वह भी गोहाना के रहने वाले हैं. दोनों ही करनाल के नहीं है इसलिए उनके खिलाफ विरोध के सुर तेज हो गए हैं". उन्होंने कहा कि अब केवल करनाल और कुरुक्षेत्र लोकसभा में ही नहीं जहां-जहां भी रोड़ बिरादरी रहती है, हर जगह पर भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के प्रत्याशी का बहिष्कार किया जाएगा.
रोड़ बिरादरी का कितना है वोट बैंक: करनाल लोकसभा में रोड़ बिरादरी की दो लाख से ऊपर वोट है. कुरुक्षेत्र लोकसभा क्षेत्र में भी रोड़ बिरादरी की एक लाख से ऊपर वोट है. इन दोनों सीटों पर रोड़ बिरादरी काफी प्रभाव रखती है और किसी भी पार्टी के प्रत्याशी के लिए जीत हार निश्चित करती है. इससे अलग रोड़ बिरादरी सोनीपत लोकसभा और हिसार लोकसभा के जींद क्षेत्र में भी रहती है और वहां पर भी अपना प्रभाव रखती है. अगर बात 2019 के लोकसभा और विधानसभा चुनाव की करें तो चुनाव में रोड़ बिरादरी का करीब 60% वोट बीजेपी को मिला था.