वाराणसी : भगवान शिव की नगरी काशी में जो भी आया है उसका कल्याण हुआ है. जिस भी प्रत्याशी ने काशी की संस्कृति और महादेव की नगरी का विकास करने की बात की, काशीवासियों ने उसे ही चुना है. वहीं अगर देश की राजनीति की बात करें तो इस बार नरेंद्र मोदी के तीसरी बार पीएम बनने को लेकर बहस छिड़ गई है. ऐसे में विपक्षी दल भी अपनी जीत के दावे कर रहा है. केंद्र की सत्ता में किस पार्टी को जनता के साथ-साथ ग्रह दशाओं का आशीर्वाद मिल रहा है, इसे लेकर काशी के विद्वानों ने कुंडली के हिसाब से अनुमान लगाया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर विपक्षी गठबंधन अनुमान तो लगा ही रहा है. साथ ही साथ काशी के ज्योतिष भी प्रधानमंत्री मोदी के भाग्योदय की दशा की गणना कर रहे हैं. एक ओर जहां विपक्ष उन्हें बड़े अंतर से हराकर पीएम पद से हटा रहा है तो वहीं ज्योतिषीय गणना कहती है कि वे तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बन सकते हैं. उनका राजयोग अभी उच्च भाव में है.
प्रधानमंत्री मोदी का नीचभंग राजयोग बनता है. इसका मतलब होता है कि जितना विरोध किया जाएगा व्यक्ति उतना ही बढ़ता जाएगा. वहीं ज्योतिषीय गणना यह भी बताती है कि INDI गठबंधन के ग्रहों में पाप ग्रहों की संख्या अधिक है. शुभग्रहों की संख्या में केवल शुक्र है.
बीजेपी का भाग्य INDI गठबंधन के भाग्य से अधिक मजबूत : ज्योतिषाचार्य पंडित संजय उपाध्याय बताते हैं कि, भारतीय जनता पार्टी का जन्म 6 अप्रैल 1980, मध्याह्न में 11 बजकर 45 मिनट पर दिल्ली में मिथुन लग्न में हुआ था. लग्नेश भाग्य भाव में बैठा हुआ है. बुध शनि के घर में और शनि केंद्र में है. शनि भाग्य का स्वामी है जो केंद्र में बैठा हुआ है. बीजेपी का भाग्य INDI गठबंधन के भाग्य से अधिक मजबूत है. बीजेपी ने जनता का सहयोग भरपूर प्राप्त किया है. चंद्रमा मंगल की और मंगल चंद्रमा के स्थान पर बैठा है. मंगल मजबूत होने से जनता का साथ मिल रहा है. योग देखें तो दोनों ही नीचभंग के हैं. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी को INDI गठबंधन की अपेक्षा जनता की ताकत का समर्थन मिलता दिख रहा है.
यह है नीचभंग राजयोग के मायने : पंडित संजय उपाध्याय बताते हैं कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुंडली का अगर विश्लेषण किया जाए तो वृश्चिक लग्न की कुंडली मिलती है. वृश्चिक लग्न में चंद्रमा और मंगल दोनों बैठे हुए हैं. चंद्रमा जहां नीच का है, वहीं मंगल स्वग्रही है. प्रधानमंत्री मोदी का नीचभंग राजयोग बनता है. इसका मतलब होता है कि जितना विरोध किया जाएगा व्यक्ति उतना ही बढ़ता जाएगा. चंद्रमा की महादशा में वे पहली बार प्रधानमंत्री बने. वर्तमान में मंगल की महादशा चल रही है. उस समय जब चंद्रमा नीच का था और भाग्येश था, केंद्र में होने के कारण उनको प्रधानमंत्री बनाया. मंगल स्वग्रही है और अपने घर में हैं.
चतुर्थ भाव में जनता का मिल रहा है सहयोग : वे बताते हैं कि मंगल की महादशा में शनि की अंतर्दशा चल रही है. शनि पराक्रमेश है. तृतीयेश और चतुर्थेश है. चतुर्थ भाव जनता का भाव है और तृतीय भाव पराक्रम का भाव है. पराक्रमेश और जनता दोनों भाव के स्वामी एक ही ग्रह है. लग्नेश की दशा हमेशा शुभकारक होती है. इसकी दशा होने के कारण यह बहुत विशेष योगकारक हो जाता है. शनि वर्तमान में अपने मूल त्रिकोण राशि में है. यहां आकर वह बृहस्पति के ऊपर से संचरण कर रहा है, गोचर हो रहा है. यह अपने आप में एक राजयोग का निर्माण कर रहा है.
दो तिहाई बहुमत से अधिक का मत मिलने का अनुमान : उन्होंने बताया कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अच्छे मतों से विजयी होने के संकेत मिल रहे हैं. यह अपने आप में मार्गदर्शक होगा. दो तिहाई बहुमत से अधिक का मत इनको प्राप्त होगा. क्योंकि गोचर से बृहस्पति वृक राशि में है. गोचर से बृहस्पति वृक राशि में आकर पंचम दृष्टि से लाभ भाव को और लग्न को देख रहा है. लग्न में लग्नेय स्वयं बैठा हुआ है. मंगल के ऊपर बृहस्पति की दृष्टि होने की वजह से यह बहुत उत्तम दशा होगी. हमारा अनुमान है कि वे दो तिहाई से अधिक मत प्राप्त करेंगे. उनकी इस बार की विजय एक मार्गदर्शक के रूप में साबित होगी.
INDI की कुंडली में पापग्रहों की संख्या अधिक : उन्होंने बताया कि, अगर INDI गठबंधन की कुंडली की बात करें तो उनके ग्रहों में पाप ग्रहों की संख्या अधिक है. शुभग्रहों की संख्या में केवल शुक्र है. वहीं पापग्रहों में मंगल और शनि है. भाजपा की कुंडली देखें तो शनि पाप ग्रह जरूर है, लेकिन त्रिकोण का स्वामी होकर बुद्घ के केंद्र में बैठा हुआ है. इसलिए प्रशस्त माना जाएगा. INDI गठबंधन की कुंडली में शनि की महादशा में शुक्र की अंतर्दशा चल रही है. इसका विश्लेषण करें तो शनि यहां पर पापी हो जाता है. शुक्र भी यही प्रदान करेगा. शुक्र द्वादश और सप्तम भाव का स्वामी है. शुभ अपने फल को भी त्याग देगा. यह द्वादश भाव का फल देगा.
पीएम मोदी को जनता का मिलेगा भरपूर सहयोग : उन्होंने बताया कि, पीएम मोदी की ग्रह दशा की बात की जाए तो 10 जून 2024 तक मंगल में मंगल रहेगा. इसमें लग्नेश की दशा शुभ फल दायक होती है. शनि पराक्रमेश होकर लाभ भाव में बैठा हुआ है. शनि अपने नौमास में है. इससे जनता का भरपूर सहयोग उनको प्राप्त होगा. तृतीय भाव, चतुर्थ भाव, लग्न और चंद्रमा का आपसी संबंध व्यक्ति को योग्य राजनेता बनाता है. उन्होंने कहा कि INDI गठबंधन का जन्म 18 जुलाई 2023 को शाम के 4:20 बजे बेंगलुरु में मंगलवार के दिन हुआ था. वृश्चिक लग्न में यह बना था. इसमें चंद्रमा और सूर्य का परासरी योग बना है. सूर्य के साथ चंद्रमा का होना पक्ष बल कम होता है. जब दोनों साथ हों तो अच्छा फल नहीं देते हैं.
यह भी पढ़ें : कल होगी मतगणना, सुबह 8.30 बजे से ही मिलने लगेंगे रुझान, इसके बाद आएंगे नतीजे, कुछ ही घंटे में साफ हो जाएगी पूरी तस्वीर