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डाक मतपत्र रिजेक्ट : शिक्षित व मतदान कराने वाले कर्मचारी-अधिकारी ही डाल रहे गलत वोट - Lok Sabha Election 2024 - LOK SABHA ELECTION 2024

Postal Ballot Papers, शिक्षित व मतदान कराने वाले कर्मचारी-अधिकारी ही गलत वोट डाल रहे हैं, तो आम लोगों के बारे में कोई क्या कह सकता है. गत चुनाव में 35 हजार से अधिक डाक मतपत्र रिजेक्ट हुए. इनमें सबसे ज्यादा झुंझुनूं में रिजेक्ट हुए. आंकड़ों से समझिए राजस्थान की स्थिति.

Postal Ballot Papers
कर्मचारी-अधिकारी ही डाल रहे गलत वोट...
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Apr 13, 2024, 6:31 AM IST

जिला निर्वाचन अधिकारी ने क्या कहा, सुनिए...

भरतपुर. लोकतंत्र में एक-एक मत का बहुत महत्व होता है. यही वजह है कि निर्वाचन आयोग ज्यादा से ज्यादा और सही मतदान कराने के लिए लोगों को जागरूक करता है. विधानसभा और लोकसभा चुनाव में मतदाता सही मतदान करे, इसके लिए मतदान कराने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों तक को प्रशिक्षण दिया जाता है.

आम जनता के वोट तो ईवीएम से मतदान प्रक्रिया शुरू होने के साथ मत रिजेक्ट होना रुक गए, लेकिन लोकसभा चुनाव 2019 पर नजर डालें तो 35,417 वोट बेकार हो गए. ताज्जुब की बात यह है कि रिजेक्ट होने वाले यह सभी वोट पोस्टल बैलेट पेपर से डाले गए थे. यानी ये सभी वोट शिक्षित कर्मचारियों और मतदान ड्यूटी में लगे प्रशिक्षित कर्मचारियों व अधिकारियों ने डाले थे.

Lok Sabha Election 2019 Facts
लोकसभा चुनाव 2019 फैक्ट फाइल...

16% पोस्टल बैलेट पेपर रिजेक्ट : वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के आंकड़ों पर नजर डालें तो 11 अप्रैल को 2,20,950 कर्मचारी और अधिकारियों ने पोस्टल बैलेट पेपर से वोट डाला. जिनमें 92,593 सर्विस वोटर और 1,28,357 इलेक्शन ड्यूटी में तैनात कर्मचारी व अधिकारी शामिल थे. इनमें से कुल 35,417 बैलेट पेपर रिजेक्ट हुए, जो कि कुल बैलेट पेपर का 16.02% है. यानी 35,417 वोट बेकार चले गए.

झुंझुनू में सबसे अधिक व जालोर में सबसे कम रिजेक्ट : लोकसभा चुनाव 2019 के आंकड़ों के अनुसार सबसे ज्यादा पोस्टल बैलेट पेपर झुंझुनू में रिजेक्ट हुए. झुंझुनूं में 23,815 पोस्टल बैलेट में से 4775 यानी 20% रिजेक्ट हुए, जो कि प्रदेश में सर्वाधिक थे. जबकि जालोर में 828 पोस्टल बैलेट में से सिर्फ 8 ही रिजेक्ट हुए, जो कि प्रदेश में सबसे कम थे.

पढ़ें : Utility News : बिना वोटर आईडी कार्ड के भी कर सकेंगे वोट, जानिए क्या है नियम ? - Loksabha Election 2024

यह होती है प्रक्रिया : जब कोई भी कर्मचारी जो कि या तो इलेक्शन ड्यूटी में है या कहीं बाहर सर्विस कर रहा है, वो पोस्टल बैलट पेपर से वोट डाल सकता है. इसके लिए उसे अपने अथानीय जिला निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के पोस्टल बैलेट सेल में जाकर फॉर्म नंबर-12 भरना होता है. उसके बाद संबंधित कर्मचारी को उसके लोकसभा क्षेत्र का बैलेट पेपर उपलब्ध कराया जाता है, साथ में राजपत्रित अधिकारी से अटेस्टेड कराने के लिए एक और कागज समेत दो कागज उपलब्ध कराए जाते हैं. इन सभी की औपचारिकता पूरी कर कर्मचारी पोस्टल बैलेट पेपर को डाक से भेज देता है.

Lok Sabha Election 2019 Facts
यहां इतने पोस्टल बैलट रिजेक्ट...

भरतपुर के जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. अमित यादव ने बताया कि जब से ईवीएम से मतदान होना शुरू हुआ है, तब से वोट रिजेक्ट होने की समस्या पूरी तरह से समाप्त हो गई है. लेकिन अभी भी सर्विस वोटर और इलेक्शन ड्यूटी में तैनात कर्मचारियों के मतदान पोस्टल बैलेट पेपर से कराए जाते हैं, जिनमें कई बार पोस्टल बैलेट पेपर कई कारणों से रिजेक्ट हो जाते हैं.

इस कारण से होते हैं रिजेक्ट : पोस्टल बैलेट पेपर कटा-फटा मिलने पर और राजपत्रित अधिकारी के हस्ताक्षर की औपचारिकता पूरी नहीं होने पर या पहचान उजागर होने पर वोट रिजेक्ट होते हैं.

जिला निर्वाचन अधिकारी ने क्या कहा, सुनिए...

भरतपुर. लोकतंत्र में एक-एक मत का बहुत महत्व होता है. यही वजह है कि निर्वाचन आयोग ज्यादा से ज्यादा और सही मतदान कराने के लिए लोगों को जागरूक करता है. विधानसभा और लोकसभा चुनाव में मतदाता सही मतदान करे, इसके लिए मतदान कराने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों तक को प्रशिक्षण दिया जाता है.

आम जनता के वोट तो ईवीएम से मतदान प्रक्रिया शुरू होने के साथ मत रिजेक्ट होना रुक गए, लेकिन लोकसभा चुनाव 2019 पर नजर डालें तो 35,417 वोट बेकार हो गए. ताज्जुब की बात यह है कि रिजेक्ट होने वाले यह सभी वोट पोस्टल बैलेट पेपर से डाले गए थे. यानी ये सभी वोट शिक्षित कर्मचारियों और मतदान ड्यूटी में लगे प्रशिक्षित कर्मचारियों व अधिकारियों ने डाले थे.

Lok Sabha Election 2019 Facts
लोकसभा चुनाव 2019 फैक्ट फाइल...

16% पोस्टल बैलेट पेपर रिजेक्ट : वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के आंकड़ों पर नजर डालें तो 11 अप्रैल को 2,20,950 कर्मचारी और अधिकारियों ने पोस्टल बैलेट पेपर से वोट डाला. जिनमें 92,593 सर्विस वोटर और 1,28,357 इलेक्शन ड्यूटी में तैनात कर्मचारी व अधिकारी शामिल थे. इनमें से कुल 35,417 बैलेट पेपर रिजेक्ट हुए, जो कि कुल बैलेट पेपर का 16.02% है. यानी 35,417 वोट बेकार चले गए.

झुंझुनू में सबसे अधिक व जालोर में सबसे कम रिजेक्ट : लोकसभा चुनाव 2019 के आंकड़ों के अनुसार सबसे ज्यादा पोस्टल बैलेट पेपर झुंझुनू में रिजेक्ट हुए. झुंझुनूं में 23,815 पोस्टल बैलेट में से 4775 यानी 20% रिजेक्ट हुए, जो कि प्रदेश में सर्वाधिक थे. जबकि जालोर में 828 पोस्टल बैलेट में से सिर्फ 8 ही रिजेक्ट हुए, जो कि प्रदेश में सबसे कम थे.

पढ़ें : Utility News : बिना वोटर आईडी कार्ड के भी कर सकेंगे वोट, जानिए क्या है नियम ? - Loksabha Election 2024

यह होती है प्रक्रिया : जब कोई भी कर्मचारी जो कि या तो इलेक्शन ड्यूटी में है या कहीं बाहर सर्विस कर रहा है, वो पोस्टल बैलट पेपर से वोट डाल सकता है. इसके लिए उसे अपने अथानीय जिला निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के पोस्टल बैलेट सेल में जाकर फॉर्म नंबर-12 भरना होता है. उसके बाद संबंधित कर्मचारी को उसके लोकसभा क्षेत्र का बैलेट पेपर उपलब्ध कराया जाता है, साथ में राजपत्रित अधिकारी से अटेस्टेड कराने के लिए एक और कागज समेत दो कागज उपलब्ध कराए जाते हैं. इन सभी की औपचारिकता पूरी कर कर्मचारी पोस्टल बैलेट पेपर को डाक से भेज देता है.

Lok Sabha Election 2019 Facts
यहां इतने पोस्टल बैलट रिजेक्ट...

भरतपुर के जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. अमित यादव ने बताया कि जब से ईवीएम से मतदान होना शुरू हुआ है, तब से वोट रिजेक्ट होने की समस्या पूरी तरह से समाप्त हो गई है. लेकिन अभी भी सर्विस वोटर और इलेक्शन ड्यूटी में तैनात कर्मचारियों के मतदान पोस्टल बैलेट पेपर से कराए जाते हैं, जिनमें कई बार पोस्टल बैलेट पेपर कई कारणों से रिजेक्ट हो जाते हैं.

इस कारण से होते हैं रिजेक्ट : पोस्टल बैलेट पेपर कटा-फटा मिलने पर और राजपत्रित अधिकारी के हस्ताक्षर की औपचारिकता पूरी नहीं होने पर या पहचान उजागर होने पर वोट रिजेक्ट होते हैं.

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