फरीदाबाद: दिल्ली से सटा होने के चलते फरीदाबाद लोकसभा को हॉट सीट के रूप में देखा जाता है. फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र में 9 विधानसभा आती हैं. जिसमें फरीदाबाद जिले की 6 और पलवल जिले की तीन विधानसभा सीटें शामिल हैं. फरीदाबाद जिले की फरीदाबाद, बल्लभगढ़, एनआईटी, बड़खल, तिगांव और पृथला विधानसभा सीट. वहीं पलवल जिले की होडल, हथीन और पलवल विधानसभा सीट शामिल हैं.
फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र को औद्योगिक नगरी भी कहा जाता है, क्योंकि यहां छोटे-बड़े कारखाने और नामी कंपनियां हैं. जो राज्य सरकार को गुरुग्राम के बाद सबसे ज्यादा रेवेन्यू देती हैं. वर्तमान में इस सीट से बीजेपी सांसद कृष्णपाल गुर्जर हैं. जो कि केंद्र सरकार में राज्य मंत्री भी हैं. 2014 लोकसभा चुनाव में कृष्णपाल गुर्जर ने कांग्रेस उम्मीदवार अवतार सिंह भड़ाना को लगभग 1.85 लाख वोटों से हराया था. कृष्णपाल गुर्जर लगातार दो बार से इस सीट से सांसद हैं.
फरीदाबाद लोकसभा सीट का इतिहास: हरियाणा के गठन के बाद फरीदाबाद पहले गुरुग्राम लोकसभा क्षेत्र में था. परिसीमन के बाद 1977 में फरीदाबाद लोकसभा सीट का गठन किया गया. राजनीतिक दृष्टिकोण से बात करें, तो हमेशा से ही फरीदाबाद लोकसभा सीट पर बीजेपी और कांग्रेस पार्टी का ज्यादा प्रभाव रहा है. सबसे पहले 1977 में लोकसभा चुनाव में जनता पार्टी की टिकट पर धर्मवीर वशिष्ठ ने जीत हासिल की.
6 बार कांग्रेस ने दर्ज की जीत: इसके बाद 1980 में कांग्रेस के तैयब हुसैन ने जीत दर्ज की. इसके बाद 1984 में कांग्रेस के रहीम खान फरीदाबाद लोकसभा सीट से सांसद चुने गए. रहीम खान की मौत के बाद 1988 में फरीदाबाद लोकसभा सीट पर उपचुनाव हुआ. जिसके बाद लोकदल के खुर्शीद अहमद ने जीत हासिल की. 1989 का लोकसभा चुनाव का फिर चर्चा में रहा, क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी भजनलाल ने कांग्रेस की टिकट पर अपनी दावेदारी पेश करते हुए जीत हासिल की, लेकिन दसवीं लोकसभा में 1991 से लेकर 1996 तक गुर्जर समाज के दिग्गज और कांग्रेस नेता अवतार सिंह भड़ाना इस सीट से सांसद रहे.
5 बार बीजेपी की जीत: 1996 में हुए लोकसभा चुनाव बीजेपी के उम्मीदवार रामचंद्र बैंदा सांसद बने. जिसके बाद 1998 में 12वीं और 1999 में 13वीं लोकसभा चुनाव में वो लगातार तीसरी बार बीजेपी की टिकट पर सांसद चुने गए. इसके बाद 2004 में 14वीं लोकसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार अवतार सिंह भड़ाना ने जीत दर्ज की. वो 2009 में हुए 15वीं लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस की टिकट पर लगातार दूसरी बार सांसद बने. 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में दोनों बार इस सीट से बीजेपी उम्मीदवार कृष्णपाल गुर्जर ने जीत दर्ज की और सांसद बने.