शिमला: देश में लोकसभा चुनाव 2024 नजदीक है. ऐसे लोगों के बीच मतदान को लेकर जागरूकता बढ़ाने और जनता की चुनावी प्रक्रिया में ज्यादा भागीदारी सुनिश्चित करने पर जोर दिया जा रहा है. इसके लिए हिमाचल प्रदेश में मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग ने दो एमओयू साइन करने की घोषणा की है.
पहला समझौता ज्ञापन: मुख्य निर्वाचन अधिकारी हिमाचल प्रदेश के आदेश के बाद, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग और निर्वाचन विभाग के बीच पहला समझौता ज्ञापन पर साइन किया गया है. इसका मुख्य उद्देश्य प्रदेश में जनता के बीच मतदाता जागरूकता को फैलाना है.
समितियों का गठन: इस एमओयू के तहत, ग्राम पंचायत के स्तर पर स्पेशल वोटर नॉमिनेशन और चुनावी भागीदारी समितियां स्थापित की जाएगी. जिसमें स्वयं सहायता समूह, युवक मंडल, समुदाय आधारित संगठन और महिला मंडल इत्यादि शामिल होंगे. ये समितियां स्वयं सहायता समूह, युवक मंडल और महिला मंडलों की मासिक बैठक के दौरान मतदाता जागरूकता अभियान समेत ग्राम पंचायत के अंदर स्वीप (मतदाता शिक्षा और चुनावी भागीदारी) संबंधी गतिविधियों का समन्वय करेंगी.
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की भागीदारी: इसके अलावा ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग चुनाव प्रक्रिया में इन समितियों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए गांव के व्यक्तियों के साथ विशिष्ट स्वयं सहायता समूहों के मिलान और बैचिंग की सुविधा प्रदान करेगा. इस उद्देश्य के लिए विभाग विशेष ग्राम सभाओं के आयोजन समेत ग्राम सभा की बैठकों में मतदाताओं की भागीदारी की भी वकालत करेगा.
दूसरा समझौता ज्ञापन: मतदाता जागरूकता पहल को आगे बढ़ाने के लिए दूसरा समझौता ज्ञापन सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग और निर्वाचन विभाग के बीच साइन हुआ है. इस समझौते के तहत, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग 18 साल से ज्यादा आयु के विकलांग व्यक्तियों की एक व्यापक सूची प्रदान करेगा, जिसमें उनका पूरा पता, विकलांगता का प्रकार और विशिष्ट विकलांगता पहचान के साथ महिला एवं बाल विकास और पेंशनर्स का डेटाबेस शामिल होगा.
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की भागीदारी: इसके तहत नॉमिनेशन और चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने की जागरूकता के लिए ट्रांसजेंडर व्यक्तियों की एक सूची भी विभाग द्वारा सौंपी जाएगी. इसके अलावा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग विकलांगता अधिकारों के क्षेत्र में काम करने वाले सिविल सोसाइटी संगठनों और गैर सरकारी संगठनों के साथ-साथ विशेष जरूरतों वाले व्यक्तियों की सेवा करने वाले स्कूलों और संस्थानों की एक सूची प्रस्तुत करेगा. ये संस्थाएं विकलांग लोगों को नॉमिनेशन और चुनावी प्रक्रिया में भागीदारी के लिए जरूरी सहायता प्रदान करेगी.
लोकोमोटर डिसऑर्डर पेशेंट के लिए व्हीलचेयर: इसके अलावा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग लोकोमोटर विकार वाले मतदाताओं की सुविधा के लिए वोटिंग के दिन निर्वाचन विभाग को पर्याप्त संख्या में व्हीलचेयर की आपूर्ति भी करेगा. इसके साथ ही दिव्यांग मतदाताओं के रजिस्ट्रेशन, मार्किंग और पार्टिसिपेशन की निगरानी के लिए जिला कल्याण अधिकारियों और तहसील कल्याण अधिकारियों को जिला और विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र स्तर पर नोडल अधिकारी के रूप में तैनात किया जाएगा.
25 जनवरी को शिक्षा विभाग के साथ एमओयू साइन: गौरतलब है कि इसी तरह का एक समझौता ज्ञापन पहले 25 जनवरी, 2024 को "राष्ट्रीय मतदाता दिवस" के उपलक्ष्य में शिक्षा विभाग और निर्वाचन विभाग के बीच साइन किया गया था. इन सहयोगात्मक प्रयासों का उद्देश्य जमीनी स्तर पर लोगों से जुड़े विभागों की पहुंच का लाभ उठाकर आम जनता के बीच मतदाता जागरूकता बढ़ाना है.
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