चंडीगढ़: हरियाणा की सियासत में पिछले करीब 2 महीने बड़े उठापटक वाले रहे हैं. पहले तो हरियाणा में बीजेपी का जननायक जनता पार्टी (JJP) के साथ गठबंधन टूट गया. उसके साथ ही हरियाणा में मुख्यमंत्री मनोहर लाल को भी अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा और नए मुख्यमंत्री की ताजपोशी हुई. वहीं, अब करीब 6 साल की हो चुकी जननायक जनता पार्टी हरियाणा सरकार से तो बाहर हुई ही, साथ ही अब पार्टी पर टूट का खतरा भी मंडराने लगा है.
बीजेपी से गठबंधन टूटने के बाद पार्टी में टूट: करीब 6 साल के समय में जननायक जनता पार्टी ने कई पड़ाव देख लिए हैं. एक तरफ 2019 के लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद पार्टी ने विधानसभा चुनाव में 10 सीट जीती, जिसके बाद बीजेपी के साथ करीब साढ़े चार साल सरकार में भागीदारी निभाई. वहीं, बीजेपी से गठबंधन टूटने के बाद पार्टी अब टूटने के कगार पर आ गई है. क्योंकि, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष निशान सिंह पार्टी से अलग होकर आने वाले दिनों में किसी अन्य पार्टी में शामिल होने जा रहे हैं. चर्चा यह भी है कि उनके साथ कुछ और विधायक भी जननायक जनता पार्टी का साथ छोड़ने वाले हैं. वहीं, पहले से ही कुछ विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं, जो कभी भी पार्टी को अलविदा कह सकते हैं.
इस्तीफे को लेकर निशान सिंह से बातचीत: अपने इस्तीफा की चर्चा पर ईटीवी भारत से बात करते हुए सरदार निशान सिंह ने कहा "मैंने कुछ वजहों से पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. मैं फिलहाल मौखिक तौर पर इस्तीफा दिया है. लिखित तौर पर मैं जल्द ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंप दूंगा. अगला कदम क्या होगा, इस पर अपने साथियों के साथ चर्चा के बाद उस पर फैसला लेंगे. हरियाणा भर में मेरा परिवार है, उनसे चर्चा के बाद ही अगला निर्णय लिया जाएगा."
आगामी रणनीति को लेकर क्या बोले निशान सिंह?: जब निशान सिंह से सवाल किया गया कि आपके साथ कुछ विधायक भी पार्टी छोड़ रहे हैं तो उन्होंने कहा "मैंने पहले ही कह दिया है कि पार्टी के सभी साथी उसमें विधायक भी आते हैं, नॉन विधायक भी आते हैं उन सब से चर्चा के बाद कोई फैसला करूंगा. उनकी संख्या 2, 4, या 10 कितनी है वह मायने नहीं रखती, लेकिन उनसे चर्चा के बाद ही अगला फैसला लूंगा."
आखिर JJP में क्यों परेशान हो गए थे निशान सिंह?: जब निशान सिंह से सवाल किया गया कि करीब 30 साल वे इनेलो में रहे और जननायक जनता पार्टी में भी, आखिर उन्होंने इस्तीफा क्यों दिया है, इस पर उन्होंने कहा "आप जब जीवन में, परिवार में भाईचारे में, पार्टी में चलाते हो तो कोई ना कोई कड़वाहट कभी न कभी आ ही जाती है, लेकिन मैं ऐसा शख्स हूं कि मैं पिछली पार्टी पर कोई दोषारोपण नहीं करूंगा. यह तो मेरा मन कार्यकर्ताओं के साथ था, कार्यकर्ता परेशान थे, मैं भी परेशान हो गया था. अब साथियों के साथ बातचीत कर अगला रास्ता देखेंगे."
BJP के संपर्क में कई विधायक: हालांकि जब उनसे यह सवाल किया गया कि जननायक जनता पार्टी के कई विधायक बीजेपी के भी संपर्क में हैं. ऐसे में क्या पार्टी टूट नहीं जाएगी तो इस सवाल पर निशान सिंह कुछ भी कहने से बचते नजर आए. उन्होंने कहा कि मैं मर्यादा में रहने वाला व्यक्ति हूं. इसलिए इस पर कुछ सही नहीं होगा. हालांकि जब उनसे पूछा गया कि क्या आप कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं तो इसका उन्होंने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया.
निशान सिंह को टोहाना से कांग्रेस दे सकती है टिकट: हालांकि इस बात की चर्चा लगातार सियासी गलियारों में हो रही है कि सरदार निशान सिंह कांग्रेस पार्टी का दामन थामने वाले हैं और कांग्रेस उन्हें टोहाना विधानसभा सीट से अपना उम्मीदवार आने वाले विधानसभा चुनाव में बना सकती है. बता दें कि इससे पहले जननायक जनता पार्टी के टोहाना से विधायक देवेंद्र बबली बीजेपी के संपर्क में है, तो ऐसे में कहीं ना कहीं अगले विधानसभा चुनाव में दोनों जननायक जनता पार्टी के नेता अलग-अलग दलों से लड़ते हुए दिखाई दे सकते हैं.
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