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'रोड नहीं तो वोट नहीं', औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र के गुरुआ में ग्रामीणों ने किया वोट का बहिष्कार - Election boycott In AURANGABAD

No Road No Vote: 2024 के लोकसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग जारी है. बिहार में पहले चरण के दौरान गया, नवादा, जमुई और औरंगाबाद में वोटिंग जारी है. इस बीच औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र के एक गांव के लोगों ने रोड नहीं तो वोट नहीं के नारे के साथ मतदान का बहिष्कार किया, पढ़िये पूरी खबर,

रोड नहीं तो वोट नहीं
रोड नहीं तो वोट नहीं
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Apr 19, 2024, 12:33 PM IST

Updated : Apr 19, 2024, 12:56 PM IST

रोड नहीं तो वोट नहीं

गयाः 2024 के लोकसभा चुनाव के पहले चरण के दौरान औरंगाबाद लोकसभा सीट पर भी वोटिंग जारी है. वोटिंग को लेकर अधिकतर मतदान केंद्रों पर लोगों में जबरदस्त उत्साह दिख रहा है तो औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र में पड़नेवाले गुरुआ विधानसभा इलाके के एक गांव में रोड नहीं होने से नाराज लोगों ने वोटिंग का बहिष्कार किया और प्रदर्शन किया. लोगों का कहना है कि आजादी के बाद से ही गांव एक रोड के लिए तरस रहा है.

"रोड नहीं तो वोट नहींः' गया जिले के गुरुआ विधानसभा के केलौना पंचायत के सूंगारिस गांव के वार्ड नंबर 8 के हजारों मुस्लिम मतदाताओं ने वोट का बहिष्कार किया और प्रदर्शन किया. गांव के बुजुर्ग शमीम अख्तर अंसारी कहते हैं कि "मुख्य सड़क से गांव तक करीब 1 किलोमीटर का पहुंच पथ है लेकिन आजादी के बाद इस रास्ते पर सड़क का निर्माण नहीं हुआ है. इसलिए हमलागों ने रोड नहीं तो वोट नहीं का नारा देते हुए वोटिंग का बहिष्कार किया है."

'चुनाव खत्म होते ही भूल जाते हैं वादे': गांव के लोगों का कहना है कि "इस गांव में करीब 52 सालों से मो. परवेज आलम और उनके पुरखे मुखिया पद पर काबिज हैं. वहीं कई सांसध और विधायक बदल चुके हैं लेकिन गांव तक पहुंचनेवाले रास्ते पर सड़क नहीं बनी.जब-जब चुनाव आता है, तब-तब नेता लोग गांव में आते हैं और सड़क बनाने का वादा करते हैं, लेकिन चुनाव जीत जाने के बाद सड़क बनाने की दिशा में कोई काम नहीं होता."

'खटिया पर लादकर ले जाना पड़ता है अस्पताल': लोगों का कहना है कि "सड़क नहीं होने का खामियाजा सालों से गांव के लोग भुगत रहे हैं. हालत ये है कि अगर कोई बीमार पड़ जाए तो उसे खटिया पर लादकर अस्पताल ले जाना पड़ता है. इतना ही नहीं कोई गाड़ी वाला गांव के अंदर नहीं आना चाहता है. वर्षों से यही स्थिति बनी हुई है."

'न चाहते हुए भी किया वोटिंग का बहिष्कारः' गांववालों का कहना है कि "लोकतंत्र के इस महापर्व को लेकर हमलोगों में उत्साह रहता है लेकिन जिस तरह जनप्रतिनिधि सिर्फ आश्वासन की घुट्टी पिलाते रहे हैं, न चाहते हुए भी हमलोगों ने वोट बहिष्कार करने का ही रास्ता अख्तियार किया है." वोटिंग बहिष्कार के कारण बूथ संख्या 325 खाली दिख रहा है. हालांकि मिल रही जानकारी के अनुसार अब तक 17 लोग वोटिंग कर चुके हैं.

ये भी पढ़ेंः'10 साल सांसद लेकिन इस गांव में नहीं बनी सड़क', जनता बोली- 'किस मुंह से वोट मांगने आएंगे नेताजी' - No Road No Vote

ये भी पढ़ेंःआजादी के 70 सालों बाद भी सड़क के लिए तरसता गांव, गांववालों ने दिया नारा- रोड नहीं तो वोट नहीं

रोड नहीं तो वोट नहीं

गयाः 2024 के लोकसभा चुनाव के पहले चरण के दौरान औरंगाबाद लोकसभा सीट पर भी वोटिंग जारी है. वोटिंग को लेकर अधिकतर मतदान केंद्रों पर लोगों में जबरदस्त उत्साह दिख रहा है तो औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र में पड़नेवाले गुरुआ विधानसभा इलाके के एक गांव में रोड नहीं होने से नाराज लोगों ने वोटिंग का बहिष्कार किया और प्रदर्शन किया. लोगों का कहना है कि आजादी के बाद से ही गांव एक रोड के लिए तरस रहा है.

"रोड नहीं तो वोट नहींः' गया जिले के गुरुआ विधानसभा के केलौना पंचायत के सूंगारिस गांव के वार्ड नंबर 8 के हजारों मुस्लिम मतदाताओं ने वोट का बहिष्कार किया और प्रदर्शन किया. गांव के बुजुर्ग शमीम अख्तर अंसारी कहते हैं कि "मुख्य सड़क से गांव तक करीब 1 किलोमीटर का पहुंच पथ है लेकिन आजादी के बाद इस रास्ते पर सड़क का निर्माण नहीं हुआ है. इसलिए हमलागों ने रोड नहीं तो वोट नहीं का नारा देते हुए वोटिंग का बहिष्कार किया है."

'चुनाव खत्म होते ही भूल जाते हैं वादे': गांव के लोगों का कहना है कि "इस गांव में करीब 52 सालों से मो. परवेज आलम और उनके पुरखे मुखिया पद पर काबिज हैं. वहीं कई सांसध और विधायक बदल चुके हैं लेकिन गांव तक पहुंचनेवाले रास्ते पर सड़क नहीं बनी.जब-जब चुनाव आता है, तब-तब नेता लोग गांव में आते हैं और सड़क बनाने का वादा करते हैं, लेकिन चुनाव जीत जाने के बाद सड़क बनाने की दिशा में कोई काम नहीं होता."

'खटिया पर लादकर ले जाना पड़ता है अस्पताल': लोगों का कहना है कि "सड़क नहीं होने का खामियाजा सालों से गांव के लोग भुगत रहे हैं. हालत ये है कि अगर कोई बीमार पड़ जाए तो उसे खटिया पर लादकर अस्पताल ले जाना पड़ता है. इतना ही नहीं कोई गाड़ी वाला गांव के अंदर नहीं आना चाहता है. वर्षों से यही स्थिति बनी हुई है."

'न चाहते हुए भी किया वोटिंग का बहिष्कारः' गांववालों का कहना है कि "लोकतंत्र के इस महापर्व को लेकर हमलोगों में उत्साह रहता है लेकिन जिस तरह जनप्रतिनिधि सिर्फ आश्वासन की घुट्टी पिलाते रहे हैं, न चाहते हुए भी हमलोगों ने वोट बहिष्कार करने का ही रास्ता अख्तियार किया है." वोटिंग बहिष्कार के कारण बूथ संख्या 325 खाली दिख रहा है. हालांकि मिल रही जानकारी के अनुसार अब तक 17 लोग वोटिंग कर चुके हैं.

ये भी पढ़ेंः'10 साल सांसद लेकिन इस गांव में नहीं बनी सड़क', जनता बोली- 'किस मुंह से वोट मांगने आएंगे नेताजी' - No Road No Vote

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Last Updated : Apr 19, 2024, 12:56 PM IST
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