रांची: आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर झारखंड में भी सभी राजनीतिक पार्टियों ने कमर कस ली है. गठबंधन और उम्मीदवारों को लेकर भी लगातार चर्चा हो रही है. रविवार को सीपीआई के राज्य सचिव और पूर्व सांसद भुनेश्वर मेहता ने कहा कि पिछले एक महीने से गठबंधन का लिहाज करते हुए हजारीबाग से लड़ने की तैयारी की जा रही थी, लेकिन गठबंधन के नेताओं की तरफ से कोई जवाब नहीं मिलने के कारण सीपीआई ने अपना मन बदल लिया है.
सीपीआई को एक सीट देने की बात
पूर्व सांसद भुवनेश्वर महतो ने कहा कि दिल्ली में भी कांग्रेस के नेताओं के साथ बातचीत हुई है, जिसमें यह कहा गया है कि एक सीट दिया जाएगा. जिसमें कोडरमा से भाकपा माले को सीट देने की बात कही जा रही है. कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया की तरफ से हजारीबाग सीट की मांग की गई थी, उस सीट पर सहमति नहीं बन पा रही है, इसलिए सीपीआई की तरफ से यह फैसला लिया गया है कि हजारीबाग सीट नहीं दिया जाता है तो पार्टी राज्य के सभी सीटों से अकेले चुनाव लड़ेगी. उन्होंने कहा कि फिलहाल दस सीटों पलामू, रांची, चतरा, हजारीबाग, गोड्डा, कोडरमा, साहिबगंज, धनबाद, लोहरदगा और जमशेदपुर पर सोच विचार किया जा रहा है.
सीपीआई अकेले लड़ सकती है चुनाव
पूर्व सांसद और सीपीआई के वरिष्ठ नेता भुवनेश्वर मेहता ने कहा कि जिस तरह से कांग्रेस और झामुमो के नेताओं का रवैया देखने को मिल रहा है, इससे यही लग रहा है कि आने वाले समय में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी अकेले ही चुनाव लड़कर भारतीय जनता पार्टी को पटखनी देगी. क्योंकि झामुमो और कांग्रेस सीपीआई को साथ ले लेकर चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं.
गौरतलब है कि इंडिया ब्लॉक में वाम दल की तरफ से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली मानी जाती है, लेकिन अब भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के अलग होने से महागठबंधन पर कितना असर पड़ता है यह तो आने वाला चुनाव का परिणाम ही बताएगा.
ये भी पढ़ें:
यशवंत सिन्हा ने फिर ली एक्टिव राजनीति में इंट्री! हजारीबाग लोकसभा सीट हुआ हॉट
लोकसभा चुनाव 2024: हजारीबाग सीट का क्या रहा है इतिहास, ग्राफिक्स के जरिए जानिए