गोरखपुर : भारत सेवाश्रम संघ, रामकृष्ण मिशन पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान पर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टीएमसी समेत पूरे इंडिया गठबंधन पर जोरदार हमला बोला है. उन्होंने कांग्रेस, टीएमसी, राजद, सपा और इंडिया गठबंधन के सभी दलों को हिंदू विरोध की राजनीति करने वाला कहा है. सीएम योगी ने यह बातें शनिवार को लोकसभा चुनाव के प्रचार के लिए गोरखपुर से बलिया रवाना होने से पहले मीडिया से कहीं.
![सीएम योगी की टिप्पणी.](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/25-05-2024/21556356_cm1.jpg)
गोरखनाथ मंदिर परिसर में मीडिया से बातचीत के दौरान सीएम योगी ने कहा कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों की पूरी राजनीति हिंदू विरोध पर आधारित है. उनके लिए देश की तुलना में सत्ता अधिक महत्वपूर्ण है. देश की कीमत पर ये दल सत्ता चाहते हैं और कोई भारतीय इसे स्वीकार नहीं करेगा.
योगी ने कहा कि रामकृष्ण मिशन ने स्वामी विवेकानंद के आदर्शों पर चलकर पूरे देश और दुनिया के अंदर सनातन धर्म के मूल्यों और आदर्शों को, भारत के आध्यात्मिक मूल्यों को देश और दुनिया तक पहुंचाने का बहुत ही सराहनीय कार्य किया है. इसी तरह भारत सेवाश्रम संघ भी सनातन हिंदू धर्म की प्रखर आध्यात्मिक संस्था है. इन दोनों संस्थाओं ने सेवा के विभिन्न प्रकल्पों को भी देश और दुनिया में आगे बढ़ाया है. सनातन धर्म का विरोध, हिंदू धर्म के मूल्यों और आदर्शों का विरोध कांग्रेस, सपा, टीएमसी, आरजेडी, आम आदमी पार्टी की सोच है.
सीएम योगी ने कहा कि जैसे रावण के समय में ऋषि मुनियों को धमकी दी जाती थी, उसी प्रकार की स्थिति इनके द्वारा पैदा करने का प्रयास किया जा रहा है, पर सनातन धर्म इस प्रकार की गीदड़ भभकियों से डरने वाला नहीं है और इसका मुंहतोड़ जवाब देगा.
ओबीसी आरक्षण में सेंधमारी के लिए माफी मांगे टीएमसी : सीएम योगी ने कहा कि एक तरफ इंडिया गठबंधन के दल हिंदुओं की धार्मिक और आध्यात्मिक संस्थाओं को धमकी दे रहे हैं. दूसरी तरफ पिछड़ी जाति के लोगों के अधिकारों का जबरन बंदरबांट करने का काम कर रहे हैं. टीएमसी सरकार ने पश्चिम बंगाल के अंदर वर्ष 2010 में 118 मुस्लिम जातियों को ओबीसी में शामिल करके ओबीसी के आरक्षण पर सेंधमारी की थी. पिछले 14 वर्षों में पिछड़ी जाति के लाखों लोग आरक्षण की सुविधाओं से वंचित हुए होंगे. इसके लिए ममता बनर्जी की टीएमसी सरकार को और कांग्रेस को ओबीसी समुदाय से माफी मांगनी चाहिए. जिन युवाओं जिन नागरिकों के अधिकार छीनने का यह कृत्य किया गया है. वह किसी भी स्थिति में स्वीकार योग्य नहीं है. यह बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की भावना के विपरीत है.