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दिल्ली की सात जिला अदालतों में आज होगा लोक अदालत का आयोजन, इन मामलों पर होगी सुनवाई - lok adalat in delhi today

Lok Adalat in Delhi: दिल्ली की 6 जिला अदालतों में शनिवार, 9 मार्च को लोक अदालत का आयोजन है. इसमें ट्रैफिक चालान, चेक बाउंस, पारिवारिक विवाद जैसे मामले इनमें सुलझाये जायेंगे. लोक अदालत का समय सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक रखा गया है.

Lok Adalat 2024 in delhi
Lok Adalat 2024 in delhi
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Mar 9, 2024, 8:22 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली की सभी सात जिला अदालतों में आज राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है. लोक अदालत विवादों या किसी भी तरह की लड़ाई को समझौते के माध्यम से सुलझाने के लिए एक वैकल्पिक मंच है. इसमें ट्रैफिक चालान, चेक बाउंस, पारिवारिक विवाद जैसे मामलों के निपटारे के लिए सभी जिलों में लोक अदालत का आयोजन किया गया है.

दिल्ली में तीस हजारी कोर्ट, पटियाला हाउस कोर्ट, कड़कड़डूमा कोर्ट, राऊज एवेन्यू कोर्ट, रोहिणी कोर्ट, द्वारका कोर्ट और साकेत कोर्ट जिला अदालत है. लोक अदालत का अर्थ है जनता की अदालत. ये एक ऐसा मंच है जहां आपसी सहमति से विवादों का निपटारा किया जाता है. लोक अदालत विवादों को सुलझाने का वैकल्पिक साधन है. लोक अदालत में पक्षकारों की सहमति ही विवादों के समाधान का आधार होते हैं, लेकिन इन अदालतों में हुए समाधान कानून के विपरीत नहीं हो सकते हैं.

ये भी पढ़ें- इंद्रलोक इलाके में नमाजियों को दिल्ली पुलिस के जवान ने मारी लात, चौकी प्रभारी सस्पेंड

इन लोक अदालत में उन आपराधिक मुकदमों को छोड़कर, जिनमें कानूनी समझौता संभव नहीं है, सभी दीवानी और आपराधिक मुकदमों का आपसी समझौते से निपटारा किया जाता है. कोर्ट में मामला जाने से पहले भी ऐसे विवाद, जिन्हें कोर्ट के समक्ष दायर नहीं किया गया है, उनका भी प्री लिटिगेशन स्तर पर यानि मुकदमा दायर किये बिना ही दोनो पक्षोंं की सहमति से लोक अदालतों में निपटारा किया जा सकता है.

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नई दिल्ली: दिल्ली की सभी सात जिला अदालतों में आज राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है. लोक अदालत विवादों या किसी भी तरह की लड़ाई को समझौते के माध्यम से सुलझाने के लिए एक वैकल्पिक मंच है. इसमें ट्रैफिक चालान, चेक बाउंस, पारिवारिक विवाद जैसे मामलों के निपटारे के लिए सभी जिलों में लोक अदालत का आयोजन किया गया है.

दिल्ली में तीस हजारी कोर्ट, पटियाला हाउस कोर्ट, कड़कड़डूमा कोर्ट, राऊज एवेन्यू कोर्ट, रोहिणी कोर्ट, द्वारका कोर्ट और साकेत कोर्ट जिला अदालत है. लोक अदालत का अर्थ है जनता की अदालत. ये एक ऐसा मंच है जहां आपसी सहमति से विवादों का निपटारा किया जाता है. लोक अदालत विवादों को सुलझाने का वैकल्पिक साधन है. लोक अदालत में पक्षकारों की सहमति ही विवादों के समाधान का आधार होते हैं, लेकिन इन अदालतों में हुए समाधान कानून के विपरीत नहीं हो सकते हैं.

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इन लोक अदालत में उन आपराधिक मुकदमों को छोड़कर, जिनमें कानूनी समझौता संभव नहीं है, सभी दीवानी और आपराधिक मुकदमों का आपसी समझौते से निपटारा किया जाता है. कोर्ट में मामला जाने से पहले भी ऐसे विवाद, जिन्हें कोर्ट के समक्ष दायर नहीं किया गया है, उनका भी प्री लिटिगेशन स्तर पर यानि मुकदमा दायर किये बिना ही दोनो पक्षोंं की सहमति से लोक अदालतों में निपटारा किया जा सकता है.

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