लातेहार: एक तरफ मूसलाधार बारिश के कारण देश के विभिन्न हिस्सों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. वहीं दूसरी तरफ इस बारिश के कारण एक सुखद नजारा भी देखने को मिल रहा है. मूसलाधार बारिश के कारण लातेहार के लोध जलप्रपात (बूढ़ा जलप्रपात) का नजारा मनोरम हो गया है.
लोध जलप्रपात झारखंड राज्य का सबसे ऊंचा जलप्रपात है. यह लातेहार के महुआडांड़ प्रखंड में स्थित है. यह जलप्रपात करीब 143 मीटर ऊंचा है. इस कारण मूसलाधार बारिश के बाद जब नदी में पानी बढ़ता है तो जलप्रपात का नजारा मनोरम हो जाता है. हालांकि जलस्तर बढ़ने के कारण यह जलप्रपात कई मायनों में खतरनाक भी हो जाता है. इसलिए भारी बारिश के बाद यहां आने वाले पर्यटकों को किसी भी हालत में जलप्रपात के पानी में नहीं उतरने की सलाह दी जाती है.
रांची से 200 किलोमीटर दूर है यह जलप्रपात
लोध जलप्रपात लातेहार जिले के महुआडांड़ प्रखंड में स्थित है, प्रखंड मुख्यालय से इसकी दूरी करीब 17 किलोमीटर है. जबकि लातेहार जिला मुख्यालय से यह 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. राजधानी रांची से इसकी दूरी करीब 200 किलोमीटर है. यहां सड़क मार्ग से ही पहुंचा जा सकता है.
रांची से आने वाले पर्यटक सड़क मार्ग से लोहरदगा या लातेहार होते हुए महुआडांड़ पहुंच सकते हैं, जिसके बाद लोध जलप्रपात तक पहुंचने के लिए पक्की सड़क बनी हुई है. यह इलाका छत्तीसगढ़ से भी काफी नजदीक है. यहां से छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले की सीमा काफी नजदीक है. छत्तीसगढ़ से आने वाले पर्यटक महुआडांड़ होते हुए यहां पहुंचते हैं. लोध जलप्रपात का मनोरम दृश्य देखने के लिए बड़ी संख्या में स्थानीय लोग यहां पहुंच रहे हैं.
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