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एसकेएमयू में तालाबंदी दूसरे दिन भी जारी, कुलपति ने आंदोलनरत छात्रों को कानूनी कार्रवाई की दी चेतावनी, कहा-छात्रों की डिमांड इलीगल - Student Protest In Dumka

Lockout in SKMU Dumka. एसकेएमयू के कुलपति ने आंदोलनरत छात्रों को कानूनी काररवाई की चेतावनी दी है. नीड बेस्ड असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति में विसंगतियों के आरोप में छात्र समन्वय समिति का आंदोलन जारी है. इस दौरान बातचीत के लिए पहुंचे कुलपति से भी छात्रों की बहस हो गई. वहीं एसकेएम यूनिवर्सिटी में दूसरे दिन भी तालाबंदी जारी रही.

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Lockout In SKMU Dumka
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Mar 13, 2024, 10:38 PM IST

दुमकाः सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय में 273 नीड बेस्ड असिस्टेंट प्रोफेसर नियुक्ति प्रक्रिया के विरोध में छात्र समन्वय समिति का धरना प्रदर्शन दूसरे दिन बुधवार को भी जारी रहा. इस दौरान दूसरे दिन भी एसकेएम यूनिवर्सिटी में तालाबंदी जारी रही. इधर, जानकारी मिलते ही विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ बिमल प्रसाद सिंह छात्रों को समझाने विश्वविद्यालय के मुख्य गेट पर पहुंचे तो छात्र नेताओं के साथ उनकी तू-तू मैं-मैं हो गई.

विश्वविद्यालय में तालाबंदी से कामकाज प्रभावित

कुलपति ने लौटने के बाद अपने आवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर छात्रों की डिमांड को इलीगल बताया. उन्होंने कहा कि उनके द्वारा की गई तालाबंदी से हमारा कामकाज काफी प्रभावित हो रहा है. उन्होंने कहा कि इस मामले में दुमका पुलिस प्रशासन को सूचना दी है और आवश्यक कदम उठाने का आग्रह किया गया है. साथ ही साथ अगर वे नहीं गेट पर से नहीं हटते हैं तो कानून संगत कार्रवाई की जाएगी.

प्रोफेसर नियुक्ति की प्रक्रिया सरकार के निर्देशानुसार, छात्रों की मांग इलीगलः कुलपति

पत्रकारों से बातचीत में सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ बिमल प्रसाद सिंह ने छात्रों द्वारा सौंपे गए डिमांड पत्र में लगाए गए सभी आरोपों पर सिलसिलेवार जवाब दिया. उन्होंने कहा कि आंदोलनरत छात्रों ने नीड बेस्ड असिस्टेंट प्रोफेसर का विज्ञापन रद्द करते हुए नियुक्ति प्रक्रिया रोकने की मांग की है. इस पर कुलपति ने कहा कि यह नियुक्ति प्रक्रिया उच्च और तकनीकी शिक्षा विभाग और राजभवन के आदेश पर शुरू की गई है और वर्तमान में एसकेएमयू में कुल स्वीकृत पद के केवल 27 फीसदी शिक्षक कार्यरत हैं. ऐसे में नियुक्ति प्रक्रिया को नहीं रोकी जा सकती है.

रोस्टर में गड़बड़ी का आरोप बेबुनियाद

छात्रों का कहना कि विज्ञापन के रोस्टर में गड़बड़ी है. इस पर कुलपति ने कहा कि इस नियुक्ति के लिए विज्ञापन सरकार द्वारा स्वीकृत पदों के विरुद्ध झारखंड सरकार के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा अनुमोदित रोस्टर के आधार की जा रही है. इसलिए यह आरोप बिलकुल निराधार है कि रोस्टर में गड़बड़ी है.

विज्ञापन में दिव्यांगों के लिए आरक्षण का है प्रावधान

इस प्रकार छात्रों कहना था कि विज्ञापन में दिव्यांगों के लिए आरक्षण का प्रावधान नहीं किया गया है. इस पर कुलपति ने कहा कि यह आरोप बिल्कुल गलत है. विज्ञापन में दिव्यांग के लिए आरक्षण का प्रावधान किया गया है.

तालाबंदी की सूचना सरकार और जिला प्रशासन को दी गई

कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय में तालाबंदी की सूचना झारखंड सरकार के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग और जिला प्रसाशन को दे दी गई है. इस तालाबंदी के कारण यूनिवर्सिटी का प्रशासनिक कार्य के साथ-साथ परीक्षा और मूल्यांकन जैसे छात्र हित के कार्य भी बाधित हो रहे हैं. अगर आंदोलनरत छात्र ताला नहीं खोलते हैं तो विश्वविद्यालय न्यायसंगत कानूनी प्रक्रिया करने को बाध्य होगी.

ये भी पढ़ें-

दुमका में नीड बेस्ड असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति प्रक्रिया पर छात्र समन्वय समिति ने जताया ऐतराज, एसकेएम यूनिवर्सिटी में जड़ा ताला

एसकेएमयू के मेन गेट पर शिक्षक और विद्यार्थियों का धरना, सोहराय पर्व पर पांच दिनों की छुट्टी की मांग

स्थापना काल से शिक्षकों की कमी से जूझ रहा एसकेएम यूनिवर्सिटी, पठन-पाठन कार्य हो रहा प्रभावित

दुमकाः सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय में 273 नीड बेस्ड असिस्टेंट प्रोफेसर नियुक्ति प्रक्रिया के विरोध में छात्र समन्वय समिति का धरना प्रदर्शन दूसरे दिन बुधवार को भी जारी रहा. इस दौरान दूसरे दिन भी एसकेएम यूनिवर्सिटी में तालाबंदी जारी रही. इधर, जानकारी मिलते ही विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ बिमल प्रसाद सिंह छात्रों को समझाने विश्वविद्यालय के मुख्य गेट पर पहुंचे तो छात्र नेताओं के साथ उनकी तू-तू मैं-मैं हो गई.

विश्वविद्यालय में तालाबंदी से कामकाज प्रभावित

कुलपति ने लौटने के बाद अपने आवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर छात्रों की डिमांड को इलीगल बताया. उन्होंने कहा कि उनके द्वारा की गई तालाबंदी से हमारा कामकाज काफी प्रभावित हो रहा है. उन्होंने कहा कि इस मामले में दुमका पुलिस प्रशासन को सूचना दी है और आवश्यक कदम उठाने का आग्रह किया गया है. साथ ही साथ अगर वे नहीं गेट पर से नहीं हटते हैं तो कानून संगत कार्रवाई की जाएगी.

प्रोफेसर नियुक्ति की प्रक्रिया सरकार के निर्देशानुसार, छात्रों की मांग इलीगलः कुलपति

पत्रकारों से बातचीत में सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ बिमल प्रसाद सिंह ने छात्रों द्वारा सौंपे गए डिमांड पत्र में लगाए गए सभी आरोपों पर सिलसिलेवार जवाब दिया. उन्होंने कहा कि आंदोलनरत छात्रों ने नीड बेस्ड असिस्टेंट प्रोफेसर का विज्ञापन रद्द करते हुए नियुक्ति प्रक्रिया रोकने की मांग की है. इस पर कुलपति ने कहा कि यह नियुक्ति प्रक्रिया उच्च और तकनीकी शिक्षा विभाग और राजभवन के आदेश पर शुरू की गई है और वर्तमान में एसकेएमयू में कुल स्वीकृत पद के केवल 27 फीसदी शिक्षक कार्यरत हैं. ऐसे में नियुक्ति प्रक्रिया को नहीं रोकी जा सकती है.

रोस्टर में गड़बड़ी का आरोप बेबुनियाद

छात्रों का कहना कि विज्ञापन के रोस्टर में गड़बड़ी है. इस पर कुलपति ने कहा कि इस नियुक्ति के लिए विज्ञापन सरकार द्वारा स्वीकृत पदों के विरुद्ध झारखंड सरकार के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा अनुमोदित रोस्टर के आधार की जा रही है. इसलिए यह आरोप बिलकुल निराधार है कि रोस्टर में गड़बड़ी है.

विज्ञापन में दिव्यांगों के लिए आरक्षण का है प्रावधान

इस प्रकार छात्रों कहना था कि विज्ञापन में दिव्यांगों के लिए आरक्षण का प्रावधान नहीं किया गया है. इस पर कुलपति ने कहा कि यह आरोप बिल्कुल गलत है. विज्ञापन में दिव्यांग के लिए आरक्षण का प्रावधान किया गया है.

तालाबंदी की सूचना सरकार और जिला प्रशासन को दी गई

कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय में तालाबंदी की सूचना झारखंड सरकार के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग और जिला प्रसाशन को दे दी गई है. इस तालाबंदी के कारण यूनिवर्सिटी का प्रशासनिक कार्य के साथ-साथ परीक्षा और मूल्यांकन जैसे छात्र हित के कार्य भी बाधित हो रहे हैं. अगर आंदोलनरत छात्र ताला नहीं खोलते हैं तो विश्वविद्यालय न्यायसंगत कानूनी प्रक्रिया करने को बाध्य होगी.

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