ETV Bharat / state

अयोध्या में राममंदिर को जगमग कर रही है करनाल की स्वदेशी लड़ियां, देखें वीडियो

करनाल की सेवा भारती संस्था से जुड़ी महिलाओं ने लड़ियां बनाई. जिससे अयोध्या राम मंदिर सजाया जा रहा है.

Deepawali Special 2024
Deepawali Special 2024 (Etv Bharat)
author img

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Oct 25, 2024, 1:34 PM IST

Updated : Oct 25, 2024, 4:28 PM IST

Deepawali Special 2024 (Etv Bharat)

करनाल: दीपावली का त्योहार 31 अक्टूबर को बड़े ही उल्लास के साथ मनाया जाएगा. देशभर में दिवाली की तैयारियां भी जोरो-शोरो से जारी है. इसलिए बाजारों में रौनक देखी जा रही है. वहीं, देश में इस बार लोकल फॉर वोकल को भी बढ़ावा दिया जा रहा है. जिसके चलते लोकल फॉर वोकल को आगे बढ़ाकर चीन के सामान की कम बिक्री हो रही है. इस बार लोकल सामान ने चाइनीज सामान को कड़ी टक्कर दी है. इस बार चाइनीज लड़ियों की जगह, स्वदेशी लड़ियां नजर आ रही है. जिसकी ज्यादातर बिक्री हो रही है.

स्वदेशी लड़ियों से सजेगा अयोध्या राम मंदिर: हरियाणा में करनाल की सेवा भारती संस्था से जुड़कर महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही है. ऐसे में खास बात ये है कि करनाल की महिलाओं द्वारा बनाई गई लड़ियों से ही अयोध्या का राम मंदिर सजाया जा रहा है. कुछ इसी तर्ज पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संग के संगठन सेवा भारती ने दीपावली पर घरों को स्वदेशी रोशनी से जगमग करने का अभियान शुरू किया है. इसके तहत सेवा भारती संस्था ने करनाल में स्वदेशी लाइट, झालरें और LED बल्ब तैयार किए हैं. ये लाइट झालरें और बल्ब चाइनीज सामान की तुलना में अच्छी क्वालिटी का और सस्ता भी है.

हरियाणा की महिलाओं ने बनाई स्वदेशी लड़ियां: दीपावली हो या अन्य कोई त्यौहार हो, देश के बाजारों में चाइनीज लड़ियों की ही भरमार रहती थी. लेकिन प्रधनामंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर लोकल फॉर वोकल का अभियान तेजी से आगे बढ़ रहा है. सेवा भारती ने लड़ियां बनाना का काम 2020 में शुरू किया था. 200 महिलाओं ने मिलकर स्वदेशी सामान बनाना शुरू किया है. महिलाओं का कहना है कि अब घर में बैठकर भी काम किया जा रहा है. जिससे उनको फायदा हो रहा है. महिलाएं आत्मनिर्भर होकर काम कर रही है.

स्वदेशी लाइटों से जगमग होंगे मंदिर, घर: महिलाओं ने बताया कि 2020 में जब काम शुरू किया था, तो उस समय 10 हजार लड़ियां बनी थी और लड़ियां बनाने वाली महिलाओं की संख्या 55 के आसपास थी. वहीं, 25 हजार लड़ियां बनाने का लक्ष्य रखा था. 200 महिलाओं ने रंग-बिरंगी लड़ियों की सबसे ज्यादा डिमांड है. हरियाणा में बनाई जा रही लड़ियां न सिर्फ राज्य में बल्कि देश के अन्य राज्यों में भी जाती है. ये लड़ियां निर्माण लागत पर ही बेची जा रही है. कुल मिलाकर इस बार देश भर के घर और मंदिर ज्यादातर स्वदेशी लड़ियों और मिट्टी के दीपक से ही जगमग होंगे.

ये भी पढ़ें: इस दीपावली मिट्टी के दीपक से जगमग होंगे घर-आंगन, फिकी पड़ी चाइनीज लड़ियों की चमक

ये भी पढ़ें:हरियाणा के कुरुक्षेत्र में 28 नवंबर से 15 दिसंबर तक होगा अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव, तंजानिया होगा पार्टनर देश, ओडिशा पार्टनर स्टेट बनेगा

Deepawali Special 2024 (Etv Bharat)

करनाल: दीपावली का त्योहार 31 अक्टूबर को बड़े ही उल्लास के साथ मनाया जाएगा. देशभर में दिवाली की तैयारियां भी जोरो-शोरो से जारी है. इसलिए बाजारों में रौनक देखी जा रही है. वहीं, देश में इस बार लोकल फॉर वोकल को भी बढ़ावा दिया जा रहा है. जिसके चलते लोकल फॉर वोकल को आगे बढ़ाकर चीन के सामान की कम बिक्री हो रही है. इस बार लोकल सामान ने चाइनीज सामान को कड़ी टक्कर दी है. इस बार चाइनीज लड़ियों की जगह, स्वदेशी लड़ियां नजर आ रही है. जिसकी ज्यादातर बिक्री हो रही है.

स्वदेशी लड़ियों से सजेगा अयोध्या राम मंदिर: हरियाणा में करनाल की सेवा भारती संस्था से जुड़कर महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही है. ऐसे में खास बात ये है कि करनाल की महिलाओं द्वारा बनाई गई लड़ियों से ही अयोध्या का राम मंदिर सजाया जा रहा है. कुछ इसी तर्ज पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संग के संगठन सेवा भारती ने दीपावली पर घरों को स्वदेशी रोशनी से जगमग करने का अभियान शुरू किया है. इसके तहत सेवा भारती संस्था ने करनाल में स्वदेशी लाइट, झालरें और LED बल्ब तैयार किए हैं. ये लाइट झालरें और बल्ब चाइनीज सामान की तुलना में अच्छी क्वालिटी का और सस्ता भी है.

हरियाणा की महिलाओं ने बनाई स्वदेशी लड़ियां: दीपावली हो या अन्य कोई त्यौहार हो, देश के बाजारों में चाइनीज लड़ियों की ही भरमार रहती थी. लेकिन प्रधनामंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर लोकल फॉर वोकल का अभियान तेजी से आगे बढ़ रहा है. सेवा भारती ने लड़ियां बनाना का काम 2020 में शुरू किया था. 200 महिलाओं ने मिलकर स्वदेशी सामान बनाना शुरू किया है. महिलाओं का कहना है कि अब घर में बैठकर भी काम किया जा रहा है. जिससे उनको फायदा हो रहा है. महिलाएं आत्मनिर्भर होकर काम कर रही है.

स्वदेशी लाइटों से जगमग होंगे मंदिर, घर: महिलाओं ने बताया कि 2020 में जब काम शुरू किया था, तो उस समय 10 हजार लड़ियां बनी थी और लड़ियां बनाने वाली महिलाओं की संख्या 55 के आसपास थी. वहीं, 25 हजार लड़ियां बनाने का लक्ष्य रखा था. 200 महिलाओं ने रंग-बिरंगी लड़ियों की सबसे ज्यादा डिमांड है. हरियाणा में बनाई जा रही लड़ियां न सिर्फ राज्य में बल्कि देश के अन्य राज्यों में भी जाती है. ये लड़ियां निर्माण लागत पर ही बेची जा रही है. कुल मिलाकर इस बार देश भर के घर और मंदिर ज्यादातर स्वदेशी लड़ियों और मिट्टी के दीपक से ही जगमग होंगे.

ये भी पढ़ें: इस दीपावली मिट्टी के दीपक से जगमग होंगे घर-आंगन, फिकी पड़ी चाइनीज लड़ियों की चमक

ये भी पढ़ें:हरियाणा के कुरुक्षेत्र में 28 नवंबर से 15 दिसंबर तक होगा अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव, तंजानिया होगा पार्टनर देश, ओडिशा पार्टनर स्टेट बनेगा

Last Updated : Oct 25, 2024, 4:28 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.