जोधपुर. राजस्थान मरुधरा ग्रामीण बैंक के जैसलमेर जिले में पदस्थापित ब्रांच मैनेजर और सहायक मैनेजर की ओर से बैंक के वकील और किसानों के साथ मिलीभगत कर फर्जी दस्तावेजों से केसीसी एकाउंट खोल ऋण बांटने का मामला सामने आया है. इसको लेकर बैंक प्रबंधन की ओर से जोधपुर सीबीआई को आरोपियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने के लिए भेजी गई रिपोर्ट पर सीबीआई ने दो नामजद सहित अन्य के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. इसकी जांच जोधपुर सीबीआई के डीएसपी विनय सिंह मीना करेंगे.
बैंक के महाप्रबंधक संजीव कुमार की ओर से सीबीआई को भेजी गई रिपोर्ट में बताया गया है कि जैसलमेर जिले के सताया ब्रांच के मैनेजर शील कुमार और असिस्टेंट मैनेजर सतीश कुमार नंदा ने 2022 में बैंक क्षेत्र के गांवों के 38 किसानों के नाम से किसान क्रेडिट कार्ड के लोन अकाउंट खोल दिए. अलग-अलग समय में इनको 3 करोड़ 21 लाख 42 हजार 91 रुपए का लोन दिया.
जमीन के कागज, वकील की सर्च रिपोर्ट और नक्शे सब फर्जी : बैंक में आंतरिक जांच की गई तो सामने आया कि जिन खातों पर लोन दिया गया उनके लिए पेश किए गए दस्तावेज में कई फर्जी दस्तावेज थे. इनमें सर्च रिपोर्ट, गिरदावरी, नक्शे और लैंड सर्टिफिकेट जांच में सही नहीं पाए गए. मैनेजर सुनील कुमार और सहायक मैनेजर सतीश नंदा ने बैंक से अनुबंध वकील व अन्य के साथ मिलकर फर्जी दस्तावेजों पर लोन जारी किए.
लोन जारी किए पर वसूली नहीं हुई : जांच में पाया गया कि बैंक मैनेजर ने मिली भगत कर लोन जारी कर दिए, लेकिन उनकी वसूली नहीं हुई. केसीसी खातों में स्वीकृत लोन से ज्यादा राशि वर्तमान में बकाया है. दो साल में एक भी खाते की राशि कम नहीं हुई. ऐसे में बैंक को 3 करोड़ 21 लाख 42 हजार 91 रुपए का नुकसान हुआ है.