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हिमाचल प्रदेश में मरीजों को अब नहीं जाना पड़ेगा PGI, आईजीएमसी शिमला में स्थापित हो रही है लीनियर एक्सीलेटर मशीन - Shimla IGMC News

Linear Accelerator Machine at IGMC, Shimla IGMC News: हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी शिमला में 4 करोड़ की लागत से लीनियर एक्सीलेटर मशीन स्थापित होगी, जिसकी खरीदारी के लिए टेंडर की प्रक्रिया पूरी हो गई है. इस मशीन का क्या फायदा है ये जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर...

Linear Accelerator Machine at IGMC
हिमाचल प्रदेश में मरीजों को अब नहीं जाना पड़ेगा PGI
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Feb 9, 2024, 9:40 PM IST

शिमला: हिमाचल वासियों को अब कैंसर के इलाज के लिए पीजीआई चंडीगढ़ जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. बीमारी का इलाज आईजीएमसी शिमला में ही संभव हो जाएगा. यहां 24 करोड़ की लागत से लीनियर एक्सीलेटर मशीन स्थापित होगी, जिसकी खरीदारी के लिए टेंडर की प्रक्रिया पूरी हो गई है. अस्पताल प्रशासन ने इसे मंजूरी के लिए सरकार को भेजा था, सरकार की मंजूरी भी मिल गई है. ऐसे में अगले हफ्ते मशीन को लगा दिया जाएगा.

स्व. वीरभद्र सिंह ने किया था बजट मंजूर: तत्कालीन सीएम स्वर्गीय वीरभद्र सिंह ने कैंसर अस्पताल में साल 2013 में लीनियर एक्सीलरेटर मशीन लगाने की घोषणा की थी. उन्होंने अस्पताल में भवन निर्माण के अलावा मशीनरी के लिए 45 करोड़ का बजट भी मंजूर किया था. इसके लिए औपचारिकताएं भी पूरी की जाने लगी थी, मगर चुनाव आचार संहिता लगने से काम ठंडे बस्ते में चल गया. अब वर्तमान कांग्रेस सरकार ने इसके लिए पहल की है.

इस मशीन से ऐसे होता है इलाज: लिनियर एक्सीलरेटर मशीन से सीधे ट्यूमर वाले हिस्से पर रेडिएशन डाला जाता है, जो दूसरे सेल को खत्म करने की बजाय केवल कैंसर सेल को खत्म करता है. इसमें दूसरी मशीनों के मुकाबले ज्यादा रेडिएशन निकलता है. इसलिए मशीन चलाने के दौरान Radiation Oncologist का होना जरूरी है. इससे जहां मरीजों को रेडिएशन दी जाती है. वहीं, मरीजों के चेस्ट एक्स-रे, सीटी स्कैन, आईएमआरटी व आईबीपी करवाए जाते हैं.

क्यों खास है ये मशीन: लीनियर एक्सेलरेटर की खासियत ये है कि इस मशीन से दी जाने वाली रेडिएशन कैंसर सेल्स को तो नष्ट करती है, लेकिन नार्मल व हेल्थी सेल्स को न के बराबर नुकसान भी नहीं करती. इस मशीन से रेडियो थेरेपी ट्रीटमेंट में रिस्क नहीं है, लेकिन आईजीएमसी के कैंसर अस्पताल में ये मशीन न जाने कब लगेगी. अभी तक इतनी एडवांस मशीन प्रदेश के किसी अस्पताल में नहीं है.

ये भी पढ़ें- राज्य चयन आयोग के रूल्स ऑफ बिजनेस को कैबिनेट की मंजूरी, भरे जाएंगे तहसीदार-नायब तहसीलदार के पद

शिमला: हिमाचल वासियों को अब कैंसर के इलाज के लिए पीजीआई चंडीगढ़ जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. बीमारी का इलाज आईजीएमसी शिमला में ही संभव हो जाएगा. यहां 24 करोड़ की लागत से लीनियर एक्सीलेटर मशीन स्थापित होगी, जिसकी खरीदारी के लिए टेंडर की प्रक्रिया पूरी हो गई है. अस्पताल प्रशासन ने इसे मंजूरी के लिए सरकार को भेजा था, सरकार की मंजूरी भी मिल गई है. ऐसे में अगले हफ्ते मशीन को लगा दिया जाएगा.

स्व. वीरभद्र सिंह ने किया था बजट मंजूर: तत्कालीन सीएम स्वर्गीय वीरभद्र सिंह ने कैंसर अस्पताल में साल 2013 में लीनियर एक्सीलरेटर मशीन लगाने की घोषणा की थी. उन्होंने अस्पताल में भवन निर्माण के अलावा मशीनरी के लिए 45 करोड़ का बजट भी मंजूर किया था. इसके लिए औपचारिकताएं भी पूरी की जाने लगी थी, मगर चुनाव आचार संहिता लगने से काम ठंडे बस्ते में चल गया. अब वर्तमान कांग्रेस सरकार ने इसके लिए पहल की है.

इस मशीन से ऐसे होता है इलाज: लिनियर एक्सीलरेटर मशीन से सीधे ट्यूमर वाले हिस्से पर रेडिएशन डाला जाता है, जो दूसरे सेल को खत्म करने की बजाय केवल कैंसर सेल को खत्म करता है. इसमें दूसरी मशीनों के मुकाबले ज्यादा रेडिएशन निकलता है. इसलिए मशीन चलाने के दौरान Radiation Oncologist का होना जरूरी है. इससे जहां मरीजों को रेडिएशन दी जाती है. वहीं, मरीजों के चेस्ट एक्स-रे, सीटी स्कैन, आईएमआरटी व आईबीपी करवाए जाते हैं.

क्यों खास है ये मशीन: लीनियर एक्सेलरेटर की खासियत ये है कि इस मशीन से दी जाने वाली रेडिएशन कैंसर सेल्स को तो नष्ट करती है, लेकिन नार्मल व हेल्थी सेल्स को न के बराबर नुकसान भी नहीं करती. इस मशीन से रेडियो थेरेपी ट्रीटमेंट में रिस्क नहीं है, लेकिन आईजीएमसी के कैंसर अस्पताल में ये मशीन न जाने कब लगेगी. अभी तक इतनी एडवांस मशीन प्रदेश के किसी अस्पताल में नहीं है.

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