बरेली : पास्को की विशेष अदालत ने दलित नाबालिग छात्रा को बहला-फुसलाकर ले जाने के बाद गैंगरेप के मामले में तीन दोस्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए दो लाख पच्चीस हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. आरोपियों ने 2014 में छात्रा का अपहरण किया था. इसके बाद वे छात्रा को लेकर दिल्ली ले गए. उसके बाद अलग-अलग जगह रखकर उसके साथ गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया.
बरेली के फतेहगंज पश्चिमी थाना क्षेत्र की रहने वाली इंटर की छात्रा के पिता ने 13 मई 2014 को पुलिस को तहरीर देते हुए आरोप लगाया था कि जब उनकी बेटी घर में अकेली थी, तभी दीपक, हरिओम और राजकुमार तीनों मिलकर बेटी को बहला फुसलाकर दिल्ली ले गए. इसके बाद पुलिस ने दलित छात्रा के अपहरण का मुकदमा दर्ज कर जब उसकी तलाश शुरू की तो 3 महीने बाद उसे बरामद कर लिया. जब उसके बयान दर्ज किया तो पता चला कि दीपक उसे बहला-फुसला कर दिल्ली ले गया था और उसके साथ हरि ओम और राजकुमार भी थे. जहां उन्होंने कुछ दिन दिल्ली में रखा और उसके बाद कई अन्य शहरों में अलग-अलग जगह कमरों में छुपा कर रखा. इस दौरान तीनों ने उसके साथ गैंगरेप की घटना को भी कई महीने तक अंजाम दिया. इसके बाद पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. तब से मामला कोर्ट में विचाराधीन था. घटना के दौरान किशोरी 16 साल की थी.
कोर्ट ने सुनाई तीन दोस्तों को आजीवन कारावास की सजा
अदालत में चले मुकदमे में सोमवार को विशेष पास्को कोर्ट में तीनों आरोपियों के खिलाफ अदालत ने फैसला सुनाते हुए कठोर कार्रवाई का आदेश दिया. अदालत ने दीपक, हरिओम और राजकुमार तीनों दोस्तों को नाबालिग छात्रा को बहला फुसलाकर ले जाने और उसके गैंगरेप का दोषी मानते हुए पास्को एक्ट और एससी-एसटी की धारा में दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई. साथ ही उन पर 225000 का अर्थ दंड लगाया. अर्थदंड की आधी धनराशि पीड़िता के मां-बाप को देने का आदेश दिया.
डीजीसी क्राइम सुनीति पाठक ने बताया कि 2014 में इंटर की छात्रा को बहला फुसलाकर ले जाने और उसके साथ गैंगरेप के मामले में पास्को एक्ट की अदालत ने आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए अर्थ दंड लगाया है. तीनों दोस्तों को सजा के ऐलान के बाद जिला जेल भेज दिया गया.