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16 वर्षीय बालिका से दुष्कर्म और हत्या मामले में आरोपी को आजीवन कारावास - RAPE AND MURDER ACCUSED SENTENCED

अजमेर की पॉक्सो कोर्ट ने 16 साल की नाबालिग से दुष्कर्म और हत्या के मामले में आरोपी को आजीवन कारावास की सजा दी है.

Rape and Murder accused sentenced
दुष्कर्म और हत्या मामले में आरोपी को आजीवन कारावास (ETV Bharat Ajmer)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 11, 2024, 11:03 PM IST

अजमेर: 16 वर्षीय नाबालिग बालिका के साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या करने के मामले में अजमेर की पॉक्सो एक्ट प्रकरण की विशेष कोर्ट संख्या एक ने आरोपी को शेष प्राकृतिक जीवन तक कारावास में रहने की सजा और 2 लाख रुपए से दंडित किया है. यह मामला ब्यावर जिले के मसूदा थाना क्षेत्र का है.

विशिष्ट लोक अभियोजक रूपेंद्र परिहार ने बताया कि 2 सितंबर, 2022 को पीड़िता के पिता ने मसूदा थाने में शिकायत दी थी कि 27 अगस्त को एक ही गांव के ही रहने वाले आरोपी शंभू सिंह ने उसकी 16 वर्षीय पुत्री को खेत में जबरन ले जाकर दुष्कर्म किया और जहर पिलाकर उसकी हत्या कर दी. आरोपी शंभू सिंह तीन माह से उसकी पुत्री को परेशान कर रहा था. जहर के असर से पुत्री अचेत हो गई थी. इलाज के लिए उसे अस्पताल लाया गया. जहां चिकित्सकों ने उसे अजमेर जेएलएन अस्पताल के लिए रेफर कर दिया. इलाज के दौरान 1 सितंबर, 2022 को उसकी मौत हो गई. शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर अनुसंधान किया.

पढ़ें: बच्चे से कुकर्म करने वाले अभियुक्त को आजीवन कारावास की सजा

उन्होंने बताया कि 15 जनवरी, 2024 को मसूदा थाना पुलिस ने आरोपी शंभू सिंह के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र पेश किया. पीड़िता की मृत्यु हो जाने के कारण 161 और 164 सीआरपीसी के तहत बयान लेखबद्ध नहीं हो पाए थे. विसरा की रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट में साबित किया गया कि पीड़िता के साथ दुष्कर्म हुआ और उसकी बाद जहर देकर उसकी हत्या की गई. परिहार ने बताया कि अभियोजन पक्ष की ओर से प्रकरण में 21 गवाह और 34 दस्तावेज कोर्ट में पेश किए गए. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया कि पीड़िता की मौत जहर से हुई थी.

पढ़ें: पॉक्सो कोर्ट ने नाबालिग से दुष्कर्म मामले में मुख्य आरोपी को आजीवन कारावास की सुनाई सजा

कोर्ट का मत: परिहार ने बताया कि न्यायालय ने अपना मत फैसले के साथ जाहिर करते हुए लिखा कि अभियुक्त की ओर से 18 वर्ष से कम आयु की बालिका के साथ उसकी सहमति और इच्छा के विरुद्ध शारीरिक संबंध स्थापित कर लैंगिक हमला किया गया. इसके बाद पीड़िता को जहर पिलाकर हत्या की गई. वही आरोपी ने घटनास्थल से साक्षी छुपाने के आशय से साक्ष्य विलोपित किए. ऐसे अपराध के विरुद्ध नरमी का रुख अपनाया जाना न्याय उचित प्रतीत नहीं होता है. उसे कठोर दंड से दंडित किया जाए. उन्होंने बताया कि कोर्ट ने प्रतिकर स्कीम के तहत पीड़िता के परिजनों को 6 लाख रुपए देने के आदेश भी दिए हैं.

अजमेर: 16 वर्षीय नाबालिग बालिका के साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या करने के मामले में अजमेर की पॉक्सो एक्ट प्रकरण की विशेष कोर्ट संख्या एक ने आरोपी को शेष प्राकृतिक जीवन तक कारावास में रहने की सजा और 2 लाख रुपए से दंडित किया है. यह मामला ब्यावर जिले के मसूदा थाना क्षेत्र का है.

विशिष्ट लोक अभियोजक रूपेंद्र परिहार ने बताया कि 2 सितंबर, 2022 को पीड़िता के पिता ने मसूदा थाने में शिकायत दी थी कि 27 अगस्त को एक ही गांव के ही रहने वाले आरोपी शंभू सिंह ने उसकी 16 वर्षीय पुत्री को खेत में जबरन ले जाकर दुष्कर्म किया और जहर पिलाकर उसकी हत्या कर दी. आरोपी शंभू सिंह तीन माह से उसकी पुत्री को परेशान कर रहा था. जहर के असर से पुत्री अचेत हो गई थी. इलाज के लिए उसे अस्पताल लाया गया. जहां चिकित्सकों ने उसे अजमेर जेएलएन अस्पताल के लिए रेफर कर दिया. इलाज के दौरान 1 सितंबर, 2022 को उसकी मौत हो गई. शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर अनुसंधान किया.

पढ़ें: बच्चे से कुकर्म करने वाले अभियुक्त को आजीवन कारावास की सजा

उन्होंने बताया कि 15 जनवरी, 2024 को मसूदा थाना पुलिस ने आरोपी शंभू सिंह के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र पेश किया. पीड़िता की मृत्यु हो जाने के कारण 161 और 164 सीआरपीसी के तहत बयान लेखबद्ध नहीं हो पाए थे. विसरा की रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट में साबित किया गया कि पीड़िता के साथ दुष्कर्म हुआ और उसकी बाद जहर देकर उसकी हत्या की गई. परिहार ने बताया कि अभियोजन पक्ष की ओर से प्रकरण में 21 गवाह और 34 दस्तावेज कोर्ट में पेश किए गए. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया कि पीड़िता की मौत जहर से हुई थी.

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कोर्ट का मत: परिहार ने बताया कि न्यायालय ने अपना मत फैसले के साथ जाहिर करते हुए लिखा कि अभियुक्त की ओर से 18 वर्ष से कम आयु की बालिका के साथ उसकी सहमति और इच्छा के विरुद्ध शारीरिक संबंध स्थापित कर लैंगिक हमला किया गया. इसके बाद पीड़िता को जहर पिलाकर हत्या की गई. वही आरोपी ने घटनास्थल से साक्षी छुपाने के आशय से साक्ष्य विलोपित किए. ऐसे अपराध के विरुद्ध नरमी का रुख अपनाया जाना न्याय उचित प्रतीत नहीं होता है. उसे कठोर दंड से दंडित किया जाए. उन्होंने बताया कि कोर्ट ने प्रतिकर स्कीम के तहत पीड़िता के परिजनों को 6 लाख रुपए देने के आदेश भी दिए हैं.

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