धनबाद,निरसाः पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आदेश पर झारखंड-बंगाल सीमा मैथन बॉर्डर को सील कर दिया गया है. जिसके कारण पश्चिम बंगाल और झारखंड को जोड़ने वाली मुख्य राष्ट्रीय मार्ग दिल्ली कोलकाता एनएच 2 पर मालवाहक वाहनों की करीब 20 किलोमीटर लंबी कतार लग गई है. ऐसी परिस्थिति में वाहन चालकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
24 घंटे बाद झारखंड-बंगाल सीमा खुला
पिछले 24 घंटे से अधिक समय के बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने डीबुडीह चेकपोस्ट पर लगे सील को शुक्रवार शाम तकरीबन 6 बजकर 30 मिनट पर खोल दिया. इसके बाद से झारखंड से पश्चिम बंगाल में मालवाहक गाड़ियों का प्रवेश शुरू हो गया है. इधर वादा अनुसार झारखंड में भी पूर्व विधायक अरूप चटर्जी द्वारा लगाए गए जाम को भी खोल दिया गया. जिसके बाद वाहन चालकों ने राहत की सांस ली है. गुरुवार की शाम लगभग चार बजे से बंगाल सरकार के आदेश के बाद पश्चिम बंगाल के बॉर्डर को सील कर दिया था.
पश्चिम बंगाल के कुल्टी से भाजपा विधायक डॉक्टर अजय पोद्दार ने बताया कि मैथन डैम और पंचेत डैम से पानी छोड़े जाने के बाद पश्चिम बंगाल में बाढ़ की स्थिति बन गई है. इसकी वजह से ममता सरकार ने अपने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिया है कि किसी भी तरह के झारखंड से आने वाले मालवाहक वाहन को पश्चिम बंगाल में प्रवेश नहीं होने देना है. सीएम ममता बनर्जी ने तीन दिनों के लिए सभी मालवाहक गाड़ियों को बंगाल प्रवेश करने पर प्रतिबंध लगा दी है. जिसके कारण आम यात्री भी परेशान हैं.
वाहनों को रोकने के पीछे डैम का पानी छोड़ना है वजह
पश्चिम बंगाल में बाढ़ के हालात को देखते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बंगाल-झारखंड सीमा को सील करने का आदेश दिया है. दोनों राज्यों के बॉर्डर को सील किए जाने की वजह से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. खासतौर पर बंगाल जाने वाली गाड़ियों के लिए दिक्कत हो रही है. झारखंड में लगातार हुए तीन दिन की मूसलाधार बारिश के कारण डैमों का जलस्तर बढ़ जाने से मैथन व पंचेत डैम का जलस्तर खतरे के निशान तक पहुंच गया था. अन्य डैमों में भारी मात्रा में जल जमाव हुआ. डैमों की सुरक्षा को ध्यान में रख केन्द्रीय जल आयोग व डीवीसी के एमआरओ विभाग को मैथन व पंचेत डैम से पानी छोड़ना पड़ा. पानी छोड़ने के कारण पश्चिम बंगाल में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई. इसे देखते हुए पश्चिम बंगाल सरकार ने झारखंड पर दबाव बनाना शुरू कर दिया. जिसके परिणाम स्वरूप बंगाल में वाहनों की एंट्री पर रोक लगा दी गई है.
मालवाहक चालकों की बढ़ी परेशानी
बॉर्डर सील किए जाने बाद सीमा पर वाहनों की लंबी कतारें लग गई हैं. हालांकि, बंगाल से आने वाले वाहन चालकों को कोई परेशानी नहीं हो रही है, जबकि झारखंड से आने वाले वाहनों को बंगाल में प्रवेश नहीं दिया जा रहा, जिससे उन्हें काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. ट्रक चालकों का कहना है कि आचनक झारखंड से आने वाले वाहनों को बंगाल में प्रवेश नहीं दिया जा रहा. जिससे उन्हें काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. कच्चे सामान ट्रक में लोड है जिसे समय पर गंतव्य स्थान तक नहीं पहुंचाया गया तो खराब हो जाएंगे. उन्हें भारी नुकसान चुकाना पड़ सकता है.
समस्या का जल्द हो समाधान- अपर्णा सेनगुप्ता
निरसा विधायक अपर्णा सेनगुप्ता ने जाम का जायजा लिया और कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार से बात की जा रही है. उम्मीद है कि जल्द ही इस समस्या का समाधान किया जाएगा. स्थानीय लोगों ने सरकार से अपील की है कि यातायात में सुगमता लाई जाए ताकि उन्हें किसी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े. वहीं निरसा के पूर्व विधायक अरूप चटर्जी के दर्जनों समर्थकों द्वारा बंगाल से झारखंड प्रवेश करने वाले वाहनों को रोक दिया, जिसके कारण दोनों ओर लंबी जाम लग गई है. समर्थकों का कहना है कि अगर बंगाल सरकार अविलंब इस फैसले को वापस नहीं लेती है तो झारखंड में भी कोई भी वहां को प्रवेश नहीं करने देंगे.
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