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केजरीवाल सरकार पर CAG रिपोर्ट दबाने का आरोप, विधानसभा में पेश करने के लिए LG ने स्पीकर को लिखा पत्र - Delhi Assembly CAG report

LG Vs Delhi Govt: दिल्ली विधानसभा में लंबित सीएजी रिपोर्ट पेश करने के लिए दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल को पत्र लिखा है.

केजरीवाल सरकार पर CAG रिपोर्ट दबाने का आरोप
केजरीवाल सरकार पर CAG रिपोर्ट दबाने का आरोप (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Aug 16, 2024, 5:24 PM IST

नई दिल्ली: उपराज्यपाल (LG) वीके सक्सेना ने आम आदमी पार्टी शासित दिल्ली सरकार पर अलग-अलग विभागों के कुल 11 सीएजी रिपोर्ट दबाने का आरोप लगाया है. उपराज्यपाल ने शुक्रवार को विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल को पत्र लिखकर सीएजी रिपोर्ट विधानसभा में सदन पटल पर रखने को कहा है. पत्र में LG ने सरकार के वित्त, प्रदूषण, दिल्ली में शराब के विनियमन और आपूर्ति, सार्वजनिक उपक्रमों और सामाजिक और सामान्य क्षेत्रों से संबंधित विभागों के खातों और शेल्टर होम से संबंधित कुल 11 सीएजी रिपोर्ट वित्त मंत्री आतिशी के पास लंबित होने की बात कही है. इनमें से कुछ रिपोर्ट 2022 से लंबित हैं.

उपराज्यपाल ने पत्र में लिखा है कि वर्ष 2017-18 से 2021-22 की अवधि के दौरान दिल्ली में शराब की खरीद-बिक्री से संबंधित ऑडिट पर सीएजी की रिपोर्ट 4 मार्च 2024 को दिल्ली सरकार को भेजी गई थी, और यह 11 अप्रैल 2024 से मंत्री आतिशी के पास लंबित है. दिल्ली सरकार की विवादास्पद दिल्ली आबकारी नीति और उसकी ऑडिट रिपोर्ट काफी महत्वपूर्ण है. इसमें बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं. जिसे बाद में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद केजरीवाल सरकार ने रद्द कर दिया था.

उपराज्यपाल ने विधानसभा अध्यक्ष को लिखा है कि 18 जुलाई 2024 को दिल्ली के लेखा नियंत्रक ने एलजी सचिवालय को सूचित किया कि उपरोक्त सभी CAG ऑडिट रिपोर्ट वित्त मंत्री आतिशी के पास लंबित है. LG ने पत्र लिखकर आग्रह किया है कि इन रिपोर्टों को जल्द से जल्द विधानसभा में पेश किया जाए.

मुख्यमंत्री से भी किया था अनुरोध: उपराज्यपाल सचिवालय ने बताया कि 22 फरवरी को उपराज्यपाल ने सभी लंबित 11 सीएजी रिपोर्ट को विधानसभा में पेश किए जाने में देरी के संबंध में सीएम अरविंद केजरीवाल को भी लिखा था. तब उनसे अनुरोध किया था कि वे "वित्त मंत्री को सलाह दें कि वे इन्हें विधानसभा के समक्ष पेश करें.

क्या है नियम: दिल्ली सरकार अधिनियम, 1991 की धारा 48 के साथ संविधान के अनुच्छेद 151 और दिल्ली सरकार के नियम 210 के अनुसार, राज्य के वित्त और दिल्ली में शासन से संबंधित विभिन्न क्षेत्रों के प्रदर्शन पर सीएजी रिपोर्ट रखना संवैधानिक जनादेश है. उपराज्यपाल ने कहा, "सीएजी रिपोर्ट को विधानसभा में न रखकर, दिल्ली सरकार विधानसभा और बड़े पैमाने पर जनता की जांच से बच रही है, जो लोकतांत्रिक जवाबदेही के आधार को कमजोर कर रही है."

एलजी ने कहा, "लंबित रिपोर्ट को दिल्ली विधानसभा के समक्ष रखने के मामले में दिल्ली सरकार द्वारा इस तरह की चूक उनके संवैधानिक दायित्वों की घोर उपेक्षा है." बता दें, इससे पहले भी दिल्ली जल बोर्ड और दिल्ली में निजी बिजली डिस्कॉम के कामकाज सहित कई सीएजी रिपोर्टों को आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा जानबूझकर कई वर्षों तक लंबित रखा गया था.

नई दिल्ली: उपराज्यपाल (LG) वीके सक्सेना ने आम आदमी पार्टी शासित दिल्ली सरकार पर अलग-अलग विभागों के कुल 11 सीएजी रिपोर्ट दबाने का आरोप लगाया है. उपराज्यपाल ने शुक्रवार को विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल को पत्र लिखकर सीएजी रिपोर्ट विधानसभा में सदन पटल पर रखने को कहा है. पत्र में LG ने सरकार के वित्त, प्रदूषण, दिल्ली में शराब के विनियमन और आपूर्ति, सार्वजनिक उपक्रमों और सामाजिक और सामान्य क्षेत्रों से संबंधित विभागों के खातों और शेल्टर होम से संबंधित कुल 11 सीएजी रिपोर्ट वित्त मंत्री आतिशी के पास लंबित होने की बात कही है. इनमें से कुछ रिपोर्ट 2022 से लंबित हैं.

उपराज्यपाल ने पत्र में लिखा है कि वर्ष 2017-18 से 2021-22 की अवधि के दौरान दिल्ली में शराब की खरीद-बिक्री से संबंधित ऑडिट पर सीएजी की रिपोर्ट 4 मार्च 2024 को दिल्ली सरकार को भेजी गई थी, और यह 11 अप्रैल 2024 से मंत्री आतिशी के पास लंबित है. दिल्ली सरकार की विवादास्पद दिल्ली आबकारी नीति और उसकी ऑडिट रिपोर्ट काफी महत्वपूर्ण है. इसमें बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं. जिसे बाद में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद केजरीवाल सरकार ने रद्द कर दिया था.

उपराज्यपाल ने विधानसभा अध्यक्ष को लिखा है कि 18 जुलाई 2024 को दिल्ली के लेखा नियंत्रक ने एलजी सचिवालय को सूचित किया कि उपरोक्त सभी CAG ऑडिट रिपोर्ट वित्त मंत्री आतिशी के पास लंबित है. LG ने पत्र लिखकर आग्रह किया है कि इन रिपोर्टों को जल्द से जल्द विधानसभा में पेश किया जाए.

मुख्यमंत्री से भी किया था अनुरोध: उपराज्यपाल सचिवालय ने बताया कि 22 फरवरी को उपराज्यपाल ने सभी लंबित 11 सीएजी रिपोर्ट को विधानसभा में पेश किए जाने में देरी के संबंध में सीएम अरविंद केजरीवाल को भी लिखा था. तब उनसे अनुरोध किया था कि वे "वित्त मंत्री को सलाह दें कि वे इन्हें विधानसभा के समक्ष पेश करें.

क्या है नियम: दिल्ली सरकार अधिनियम, 1991 की धारा 48 के साथ संविधान के अनुच्छेद 151 और दिल्ली सरकार के नियम 210 के अनुसार, राज्य के वित्त और दिल्ली में शासन से संबंधित विभिन्न क्षेत्रों के प्रदर्शन पर सीएजी रिपोर्ट रखना संवैधानिक जनादेश है. उपराज्यपाल ने कहा, "सीएजी रिपोर्ट को विधानसभा में न रखकर, दिल्ली सरकार विधानसभा और बड़े पैमाने पर जनता की जांच से बच रही है, जो लोकतांत्रिक जवाबदेही के आधार को कमजोर कर रही है."

एलजी ने कहा, "लंबित रिपोर्ट को दिल्ली विधानसभा के समक्ष रखने के मामले में दिल्ली सरकार द्वारा इस तरह की चूक उनके संवैधानिक दायित्वों की घोर उपेक्षा है." बता दें, इससे पहले भी दिल्ली जल बोर्ड और दिल्ली में निजी बिजली डिस्कॉम के कामकाज सहित कई सीएजी रिपोर्टों को आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा जानबूझकर कई वर्षों तक लंबित रखा गया था.

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