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Delhi: आयुष्मान भारत योजना न लागू करने पर एलजी ने केजरीवाल को लिखा पत्र, खोली- दिल्ली हेल्थ मॉडल की पोल

Ayushman Yojana: दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने अरविंद केजरीवाल को आयुष्मान भारत योजना न लागू करने पर पत्र लिख कड़ा जवाब दिया.

आयुष्मान भारत योजना न लागू करने पर एलजी ने केजरीवाल को लिखा पत्र
आयुष्मान भारत योजना न लागू करने पर एलजी ने केजरीवाल को लिखा पत्र (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 30, 2024, 8:37 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली में आयुष्मान भारत योजना न लागू करने की चर्चा दिन भर रही. आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल से लेकर स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज व अन्य नेताओं ने आयुष्मान भारत योजना को एक स्कैन बताया और कहा प्रधानमंत्री मोदी को दिल्ली के हेल्थ मॉडल से सीख लेना चाहिए और इसे पूरे देश में लागू करना चाहिए.

आम आदमी पार्टी के इस विरोध पर दिल्ली के उपराज्यपाल विनय सक्सेना ने केजरीवाल को पत्र लिखकर दिल्ली में आयुष्मान भारत योजना न लागू करने पर कड़ा हमला किया. उन्होंने यहां तक लिखा है कि अनर्गल कार्यों के चलते आयुष्मान भारत स्कीम लागू नहीं हो पाई, जिससे लाखों लोग इस स्कीम से वंचित रह गए. इसके साथी उपराज्यपाल ने दिल्ली के हेल्थ मॉडल की भी पोल खोली.

केजरीवाल को लिखे पत्र में उपराज्यपाल ने कहा है कि "आपके अनर्गल वक्तव्यों का संज्ञान मैं नहीं लेता, परंतु यह पोस्ट भारत सरकार की एक अत्यंत जनोन्मुखी योजना- आयुष्मान भारत के विषय में है, जिससे करोड़ों हिन्दुस्तानियों को लाभ होता है. आपने दिल्ली के लाखों लोगों को अब तक इस योजना से मात्र इसलिए वंचित रखा है, कहीं इसके क्रियान्वयन से आपके द्वारा प्रचारित झूठे हेल्थ मॉडल का सच सामने न आ जाए. आपने आयुष्मान भारत योजना का विरोध सिर्फ इसलिए किया क्योंकि आप चाहते थे कि आपका नाम इस योजना के साथ किसी भी तरह से जोड़ दिया जाए."

जून 2018 में ही आपकी सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने योजना के लाभों के दृष्टिगत जनहित में इसको लागू करने के अनुशंसा की थी और तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री ने आयुष्मान भारत योजना को दिल्ली में लागू करने की अनुमति दे दी थी. उसके बाद अगस्त 2018 में आपकी सरकार ने आयुष्मान भारत योजना का नाम "मुख्यमंत्री आम आदमी स्वास्थ्य बीमा योजना आयुष्मान भारत" रखने की बात कही. भारत सरकार, जो कि इस योजना का अधिकतम खर्च वहन करती है. वह भी आपके द्वारा खुद के महिमा मंडन के लिए तैयार हो गई. मात्र यह कहते हुए कि आप अपना नाम "आयुष्मान भारत” के बाद इस्तेमाल करें. इसके बावजूद आपकी आत्ममुग्धता और प्रचार की भूख ने दिल्ली सरकार को यह योजना अब तक लागू नहीं करने दी.

LG ने दिल्ली के हेल्थ मॉडल की खोली पोल: उपराज्यपाल ने पत्र में मुख्यमंत्री को लिखा है कि आपकी सरकार ने 2013 से अब तक सालाना रिवाइज होने वाली एसेंशियल ड्रग लिस्ट को अब तक रिवाइज नहीं किया जिसके कारण अस्पतालों में दवाईयों की भारी कमी है और भ्रष्ट्राचार का बोलबाला है. आपकी सरकार न्यायालयों को खुद बताती है कि आपके अस्पतालों में अधिकतर वॉलिंटियर्स सीटी स्कैन तथा एक्स रे मशीनें काम नहीं करती हैं. पैथोलॉजी लैब कानून के मुताबिक काम नहीं करते और दिल्ली की 3 करोड़ आबादी के लिए दिल्ली सरकार के अस्पतालों में मात्र 6 सीटी स्कैन मशीनें हैं. आये दिन लोगों के इलाज़ के अभाव में मरने की खबरें छपती हैं और न्यायालयों को इलाज़ उपलब्ध कराने का आदेश देना पड़ता है.

दिल्ली का हेल्थ मॉडल वह है, जहां 10,000 करोड़ रुपये खर्च करके 24 अस्पतालों की बिल्डिंग बनाने का काम किया जाता है, परन्तु इन अस्पतालों में 38,000 डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों की नियुक्ति का कोई प्रावधान नहीं किया जाता. बिल्डिंग्स के रूप में खोखे तैयार किये जाते हैं, परन्तु इनमें किसी मशीन, ऑपरेशन थिएटर, नर्सिंग स्टेशन अथवा मोर्चरी तक की व्यवस्था नहीं की जाती.

मोहल्ला क्लीनिक में टेस्ट के नाम पर भ्रष्टाचार: उपराज्यपाल ने केजरीवाल को लिखे पत्र में कहा है कि मोहल्ला क्लिनिक में टेस्ट के नाम पर हो रहे भ्रष्ट्राचार की जांच सीबीआई कर रही है. इनकी बदहाल स्थिति सड़कों पर हर आदमी देख सकता है. देश के अनेक राज्यों के अस्पतालों में लागू हॉस्पिटल मैनेजमेंट इनफार्मेशन सिस्टम दिल्ली सरकार के अस्पतालों में अब तक लागू नहीं किया गया है. कितने बेड खाली हैं, ओपीडी में कितनी भीड़ है, कितनों को इलाज का लाभ मिल रहा है. इसका कोई अता पता नहीं है.

खोखले हेल्थ मॉडल से जनता त्रस्त: उपराज्यपाल ने केजरीवाल को लिखे पत्र में कहा है कि जहां तक "दिल्ली के हेल्थ मॉडल" को राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने का आपका सुझाव है, उससे अराजकता, भ्रष्टाचार और मरीजों की बदहाली की भयावह स्थिति के अलावा कुछ भी प्राप्त नहीं होगा. दीपावली के शुभ अवसर पर ऐसी अशुभ बात ना हो तो अच्छा है. आपके और लोगों के सूचनार्थ कुछ मीडिया रिपोर्ट संलग्न कर रहा हूं. पिछले 10 वर्षों में आपके इस खोखले हेल्थ मॉडल से दिल्ली की जनता बहुत त्रस्त हो चुकी है, आशा करता हूँ कि आप राजनीति छोड़, सत्य को स्वीकार करते हुए दिल्ली के लोगों को आयुष्मान भारत योजना को दिल्ली में जल्द से जल्द लागू करेंगे. चूँकि आप अब मुख्यमंत्री नहीं हैं, तो अब शायद आपको इस बात की आवश्यकता महसूस नहीं होगी कि आयुष्मान भारत योजना का नाम मुख्यमंत्री के नाम पर रखा जाएं.

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  1. Delhi: हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार, विधानसभा स्पीकर, सीएजी और LG ऑफिस को नोटिस जारी किया, जानिए पूरा मामला
  2. LG Vs Delhi Minister: जानिए एलजी ने किसे कहा दिल्ली सरकार में प्रेस कॉन्फ्रेंस मंत्री और क्यों ?

नई दिल्ली: दिल्ली में आयुष्मान भारत योजना न लागू करने की चर्चा दिन भर रही. आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल से लेकर स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज व अन्य नेताओं ने आयुष्मान भारत योजना को एक स्कैन बताया और कहा प्रधानमंत्री मोदी को दिल्ली के हेल्थ मॉडल से सीख लेना चाहिए और इसे पूरे देश में लागू करना चाहिए.

आम आदमी पार्टी के इस विरोध पर दिल्ली के उपराज्यपाल विनय सक्सेना ने केजरीवाल को पत्र लिखकर दिल्ली में आयुष्मान भारत योजना न लागू करने पर कड़ा हमला किया. उन्होंने यहां तक लिखा है कि अनर्गल कार्यों के चलते आयुष्मान भारत स्कीम लागू नहीं हो पाई, जिससे लाखों लोग इस स्कीम से वंचित रह गए. इसके साथी उपराज्यपाल ने दिल्ली के हेल्थ मॉडल की भी पोल खोली.

केजरीवाल को लिखे पत्र में उपराज्यपाल ने कहा है कि "आपके अनर्गल वक्तव्यों का संज्ञान मैं नहीं लेता, परंतु यह पोस्ट भारत सरकार की एक अत्यंत जनोन्मुखी योजना- आयुष्मान भारत के विषय में है, जिससे करोड़ों हिन्दुस्तानियों को लाभ होता है. आपने दिल्ली के लाखों लोगों को अब तक इस योजना से मात्र इसलिए वंचित रखा है, कहीं इसके क्रियान्वयन से आपके द्वारा प्रचारित झूठे हेल्थ मॉडल का सच सामने न आ जाए. आपने आयुष्मान भारत योजना का विरोध सिर्फ इसलिए किया क्योंकि आप चाहते थे कि आपका नाम इस योजना के साथ किसी भी तरह से जोड़ दिया जाए."

जून 2018 में ही आपकी सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने योजना के लाभों के दृष्टिगत जनहित में इसको लागू करने के अनुशंसा की थी और तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री ने आयुष्मान भारत योजना को दिल्ली में लागू करने की अनुमति दे दी थी. उसके बाद अगस्त 2018 में आपकी सरकार ने आयुष्मान भारत योजना का नाम "मुख्यमंत्री आम आदमी स्वास्थ्य बीमा योजना आयुष्मान भारत" रखने की बात कही. भारत सरकार, जो कि इस योजना का अधिकतम खर्च वहन करती है. वह भी आपके द्वारा खुद के महिमा मंडन के लिए तैयार हो गई. मात्र यह कहते हुए कि आप अपना नाम "आयुष्मान भारत” के बाद इस्तेमाल करें. इसके बावजूद आपकी आत्ममुग्धता और प्रचार की भूख ने दिल्ली सरकार को यह योजना अब तक लागू नहीं करने दी.

LG ने दिल्ली के हेल्थ मॉडल की खोली पोल: उपराज्यपाल ने पत्र में मुख्यमंत्री को लिखा है कि आपकी सरकार ने 2013 से अब तक सालाना रिवाइज होने वाली एसेंशियल ड्रग लिस्ट को अब तक रिवाइज नहीं किया जिसके कारण अस्पतालों में दवाईयों की भारी कमी है और भ्रष्ट्राचार का बोलबाला है. आपकी सरकार न्यायालयों को खुद बताती है कि आपके अस्पतालों में अधिकतर वॉलिंटियर्स सीटी स्कैन तथा एक्स रे मशीनें काम नहीं करती हैं. पैथोलॉजी लैब कानून के मुताबिक काम नहीं करते और दिल्ली की 3 करोड़ आबादी के लिए दिल्ली सरकार के अस्पतालों में मात्र 6 सीटी स्कैन मशीनें हैं. आये दिन लोगों के इलाज़ के अभाव में मरने की खबरें छपती हैं और न्यायालयों को इलाज़ उपलब्ध कराने का आदेश देना पड़ता है.

दिल्ली का हेल्थ मॉडल वह है, जहां 10,000 करोड़ रुपये खर्च करके 24 अस्पतालों की बिल्डिंग बनाने का काम किया जाता है, परन्तु इन अस्पतालों में 38,000 डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों की नियुक्ति का कोई प्रावधान नहीं किया जाता. बिल्डिंग्स के रूप में खोखे तैयार किये जाते हैं, परन्तु इनमें किसी मशीन, ऑपरेशन थिएटर, नर्सिंग स्टेशन अथवा मोर्चरी तक की व्यवस्था नहीं की जाती.

मोहल्ला क्लीनिक में टेस्ट के नाम पर भ्रष्टाचार: उपराज्यपाल ने केजरीवाल को लिखे पत्र में कहा है कि मोहल्ला क्लिनिक में टेस्ट के नाम पर हो रहे भ्रष्ट्राचार की जांच सीबीआई कर रही है. इनकी बदहाल स्थिति सड़कों पर हर आदमी देख सकता है. देश के अनेक राज्यों के अस्पतालों में लागू हॉस्पिटल मैनेजमेंट इनफार्मेशन सिस्टम दिल्ली सरकार के अस्पतालों में अब तक लागू नहीं किया गया है. कितने बेड खाली हैं, ओपीडी में कितनी भीड़ है, कितनों को इलाज का लाभ मिल रहा है. इसका कोई अता पता नहीं है.

खोखले हेल्थ मॉडल से जनता त्रस्त: उपराज्यपाल ने केजरीवाल को लिखे पत्र में कहा है कि जहां तक "दिल्ली के हेल्थ मॉडल" को राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने का आपका सुझाव है, उससे अराजकता, भ्रष्टाचार और मरीजों की बदहाली की भयावह स्थिति के अलावा कुछ भी प्राप्त नहीं होगा. दीपावली के शुभ अवसर पर ऐसी अशुभ बात ना हो तो अच्छा है. आपके और लोगों के सूचनार्थ कुछ मीडिया रिपोर्ट संलग्न कर रहा हूं. पिछले 10 वर्षों में आपके इस खोखले हेल्थ मॉडल से दिल्ली की जनता बहुत त्रस्त हो चुकी है, आशा करता हूँ कि आप राजनीति छोड़, सत्य को स्वीकार करते हुए दिल्ली के लोगों को आयुष्मान भारत योजना को दिल्ली में जल्द से जल्द लागू करेंगे. चूँकि आप अब मुख्यमंत्री नहीं हैं, तो अब शायद आपको इस बात की आवश्यकता महसूस नहीं होगी कि आयुष्मान भारत योजना का नाम मुख्यमंत्री के नाम पर रखा जाएं.

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