जयपुर. वन्यजीव जंगलों से निकलकर आबादी क्षेत्र की ओर रुख कर रहे हैं. मंगलवार सुबह झालाना लेपर्ड सफारी से निकलकर एक लेपर्ड आबादी क्षेत्र में पहुंच गया. लेपर्ड ने जंगल से करीब 500 मीटर दूर एक फैक्ट्री में घुसकर कर्मचारी पर हमला कर दिया, जिससे एक कर्मचारी घायल हो गया है. घायल को नजदीकी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है, जहां पर उसका इलाज जारी है. सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और लेपर्ड का रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया. डीएफओ जगदीश गुप्ता, वरिष्ठ वन्यजीव पशु चिकित्सक डॉ. अशोक तंवर, रेंज अधिकारी सुरेंद्र शर्मा और नाका प्रभारी वनपाल कृष्ण कुमार मीणा भी मौके पर पहुंचे. कड़ी मशक्कत के बाद लेपर्ड को ट्रेंकुलाइज कर वापस झालाना जंगल में छोड़ दिया गया.
डीएफओ जगदीश गुप्ता के मुताबिक मंगलवार सुबह सूचना मिली थी कि करीब 9 बजे झालाना जंगल से करीब 500 मीटर दूर एक फैक्ट्री में लेपर्ड घुस गया है. फैक्ट्री में काम कर रहे एक कर्मचारी पर लेपर्ड ने हमला करके घायल कर दिया है. सूचना पर वरिष्ठ वन्यजीव पशु चिकित्सक डॉ अशोक तंवर के नेतृत्व में वन विभाग की रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची. वनकमी राजेंद्र सिंह, मामराज समेत वन कर्मियों ने लेपर्ड को रेस्क्यू करने का प्रयास शुरू किया. कुछ देर तक लेपर्ड नजर नहीं आया, लेकिन फिर सर्च के दौरान पता चला कि लेपर्ड बिरला इंस्टिट्यूट से होता हुआ करीब 10 बजे मालवीय नगर के एक मकान में घुस गया है.
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घर में घूमता रहा लेपर्ड : मकान में एक महिला और उनके बच्चों समेत परिवार के अन्य सदस्य मौजूद थे. परिवार के लोगों ने अपने आप को कमरे और बाथरूम में बंद कर लिया. वन विभाग की टीम ने मकान में पहुंचकर लेपर्ड को ट्रेंकुलाइज करने का प्रयास किया. कड़ी मशक्कत के बाद लेपर्ड को रेस्क्यू कर लिया गया. वन विभाग की टीम ने रेस्क्यू करने के बाद लेपर्ड को जंगल में रिलीज कर दिया. जिस मकान में लेपर्ड घुसा था, वहां रहने वाली महिला के मुताबिक घर में अचानक लेपर्ड आ गया. डर की वजह से अपने आप को बाथरूम में बंद करके जान बचाई. वहीं, बच्चों को भी आवाज लगाकर कमरे का गेट अंदर से बंद करने के लिए कहा. बच्चे कमरे में बंद हो गए और लेपर्ड मकान में घूमता रहा. एक घंटे से ज्यादा समय तक लेपर्ड घर में रहा, जिससे दहशत का माहौल बना रहा. बच्चे घबराते रहे. वन विभाग की टीम ने लेपर्ड का रेस्क्यू किया तब जाकर राहत की सांस.