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लेमरू और सतरेंगा में धरती पर उतरा स्वर्ग, देवपहरी के झरने को देखकर दिल हो गया बाग बाग - Lemru and Satrenga tourist place

मॉनसून के मौसम में कोरबा की धरती पर साक्षात स्वर्ग उतर आता है. कोरबा के लेमरू और सतरेंगा में बारिश का नजारा इतना खूबसूरत होता है कि पर्यटक वहां से लौटना नहीं चाहता. आंखे बस उस नजारे को हमेशा के लिए अपनी आंखों में कैद कर लेना चाहती है.

Lemru and Satrenga tourist place
देवपहरी के झरने को देखकर दिल हो गया बाग बाग (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Aug 3, 2024, 8:35 AM IST

कोरबा: कभी कश्मीर के लिए ये कहा गया था कि धरती पर अगर कहीं स्वर्ग है तो यहीं है यहीं है. कश्मीर सा सुंदर नजारा इन दिनों कोरबा के लेमरू और सतरेंगा में भी दिखाई दे रहा है. बारिश के दिनों यहां की खूबसूरती मन को मोह लेती है. जो पर्यटक यहां परदेशी बनकर आते हैं उनको यहां बस जाने का मन करने लगता है. लेमरू और सतरेंगा के पास ही देवपहरी का गोविंद झुंझ वाटरफॉल है. पानी से लबालब होने के चलते वाटरफॉल की सुरंदरता में चार चांद लग गए हैं. बड़ी संख्या में पर्यटक यहां गोविंद झुंझ वाटरफॉल को देखने आ रहे हैं.

देवपहरी के झरने को देखकर दिल हो गया बाग बाग (ETV Bharat Chhattisgarh)

कोरबा में उतरता है 'धरती पर स्वर्ग': देवपहरी का गोविंद झुंझ वॉटरफॉल चोरनई नदी पर बनता है. यहां करीब 40 फीट की ऊंचाई से पानी नीचे गिरता है. झरने के गिरने की आवाज करीब 200 मीटर की दूरी से सुनाई देने लगती है. गोविंद झुंझ वॉटरफॉल पूरी तरह से चट्टानों से घिरा हुआ है. अलग-अलग स्थान पर कई जगह ऐसे हैं जहां से पानी चट्टानों से होकर नदी में गिरती है. पानी की अधिकता के चलते कई छोटे-छोटे वॉटरफॉल भी यहां बन जाते हैं.

मॉनसून में पर्यटकों की पहली पसंद: तीनों ओर से पहाड़ियों से घिरे इस वाटरफॉल की खूबसूरती बारिश के दिनों और बढ़ जाती. दूर-दूर से लोग प्रकृति की वादियों में वक्त बिताने आते हैं. देवपहरी गांव के किनारे चोरनई नदी पर स्थित गोविंद झुंझ जलप्रपात अपने आप में मनमोहक है. प्राकृतिक दृष्टि से देखें तो ये इलाका चारों ओर से पहाड़ों से घिरा हुआ है. बीच के भाग में मैदानी क्षेत्र है. दोपहर में सूर्य की तेज रोशनी से पत्थर भी चमकते हैं. गोविंद झुंझ जलप्रपात सैलानियों को एमपी के मशहूर भेड़ाघाट की याद दिलाता है. पत्थरों को चीरते हुए चोरनई नदी आगे बढ़ती है. यह आगे जाकर हसदेव नदी में मिल जाती है.

हम इस प्लेस को एक्सप्लोर करने के लिए यहां आए हैं. काफी सुंदर इलाका है. ऑफिशियल टूर करने के लिए भी लोग यहां आते हैं. बारिश के मौसम में यहां बादल बड़े ही खूबसूरत नजर आते हैं. - राहुल, पर्यटक

यहां पर कुछ असुविधाएं भई हैं. पर्यटन स्थल के आस पास माताओं और बहनों के लिए टॉयलेट की व्यवस्था नहीं है. पीने के पानी की भी यहां पर दिक्कत है. वन विभाग को हमने कई बार इस संबंध में जानकारी दी है. यहं आने वाले लोगों को भी हम आगाह करते रहते हैं कि वो जान जोखिम में डालकर प्रतिबंधित इलाकों में नहीं जाएं. - श्याम सिंह, सदस्य, वन सुरक्षा समिति

खतरे से भी रहें सावधान: देवपहरी का वाटरफॉल जितना सुंदर है उतना है ये इलाका जोखिम और खतरे भरे रास्तों के लिए भी जाना जाता है. यहां आने वाले पर्यटकों को अपना खास ध्यान रखना चाहिए. यहां आने वाले कई सैलानी वॉटरफॉल में में डूबकर अपनी जान गंवा चुके हैं.

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अगर आप भी हैं घूमने के शौकीन, तो एक बार जरूर आएं कबीरधाम, यहां होगा प्राकृतिक सुंदरता का दीदार

कोरबा: कभी कश्मीर के लिए ये कहा गया था कि धरती पर अगर कहीं स्वर्ग है तो यहीं है यहीं है. कश्मीर सा सुंदर नजारा इन दिनों कोरबा के लेमरू और सतरेंगा में भी दिखाई दे रहा है. बारिश के दिनों यहां की खूबसूरती मन को मोह लेती है. जो पर्यटक यहां परदेशी बनकर आते हैं उनको यहां बस जाने का मन करने लगता है. लेमरू और सतरेंगा के पास ही देवपहरी का गोविंद झुंझ वाटरफॉल है. पानी से लबालब होने के चलते वाटरफॉल की सुरंदरता में चार चांद लग गए हैं. बड़ी संख्या में पर्यटक यहां गोविंद झुंझ वाटरफॉल को देखने आ रहे हैं.

देवपहरी के झरने को देखकर दिल हो गया बाग बाग (ETV Bharat Chhattisgarh)

कोरबा में उतरता है 'धरती पर स्वर्ग': देवपहरी का गोविंद झुंझ वॉटरफॉल चोरनई नदी पर बनता है. यहां करीब 40 फीट की ऊंचाई से पानी नीचे गिरता है. झरने के गिरने की आवाज करीब 200 मीटर की दूरी से सुनाई देने लगती है. गोविंद झुंझ वॉटरफॉल पूरी तरह से चट्टानों से घिरा हुआ है. अलग-अलग स्थान पर कई जगह ऐसे हैं जहां से पानी चट्टानों से होकर नदी में गिरती है. पानी की अधिकता के चलते कई छोटे-छोटे वॉटरफॉल भी यहां बन जाते हैं.

मॉनसून में पर्यटकों की पहली पसंद: तीनों ओर से पहाड़ियों से घिरे इस वाटरफॉल की खूबसूरती बारिश के दिनों और बढ़ जाती. दूर-दूर से लोग प्रकृति की वादियों में वक्त बिताने आते हैं. देवपहरी गांव के किनारे चोरनई नदी पर स्थित गोविंद झुंझ जलप्रपात अपने आप में मनमोहक है. प्राकृतिक दृष्टि से देखें तो ये इलाका चारों ओर से पहाड़ों से घिरा हुआ है. बीच के भाग में मैदानी क्षेत्र है. दोपहर में सूर्य की तेज रोशनी से पत्थर भी चमकते हैं. गोविंद झुंझ जलप्रपात सैलानियों को एमपी के मशहूर भेड़ाघाट की याद दिलाता है. पत्थरों को चीरते हुए चोरनई नदी आगे बढ़ती है. यह आगे जाकर हसदेव नदी में मिल जाती है.

हम इस प्लेस को एक्सप्लोर करने के लिए यहां आए हैं. काफी सुंदर इलाका है. ऑफिशियल टूर करने के लिए भी लोग यहां आते हैं. बारिश के मौसम में यहां बादल बड़े ही खूबसूरत नजर आते हैं. - राहुल, पर्यटक

यहां पर कुछ असुविधाएं भई हैं. पर्यटन स्थल के आस पास माताओं और बहनों के लिए टॉयलेट की व्यवस्था नहीं है. पीने के पानी की भी यहां पर दिक्कत है. वन विभाग को हमने कई बार इस संबंध में जानकारी दी है. यहं आने वाले लोगों को भी हम आगाह करते रहते हैं कि वो जान जोखिम में डालकर प्रतिबंधित इलाकों में नहीं जाएं. - श्याम सिंह, सदस्य, वन सुरक्षा समिति

खतरे से भी रहें सावधान: देवपहरी का वाटरफॉल जितना सुंदर है उतना है ये इलाका जोखिम और खतरे भरे रास्तों के लिए भी जाना जाता है. यहां आने वाले पर्यटकों को अपना खास ध्यान रखना चाहिए. यहां आने वाले कई सैलानी वॉटरफॉल में में डूबकर अपनी जान गंवा चुके हैं.

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