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छत्तीसगढ़ राजभाषा दिवस पर लीडर्स ने दी शुभकामनाएं, सीएम साय बोले परंपरा बचाना है जरुरी

छत्तीसगढ़ राजभाषा दिवस पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय समेत प्रदेश के नेताओं ने जनता को शुभकामनाएं दी है.

CHHATTISGARH RAJBHASHA DIWAS
छत्तीसगढ़ राजभाषा दिवस (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : 2 hours ago

रायपुर : छत्तीसगढ़ में राजभाषा दिवस पर राजनेताओं ने जनता को शुभकामनाएं दी है. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रदेशवासियों को छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस 28 नवम्बर के अवसर पर बधाई संदेश में कहा कि “जम्मो छत्तीसगढ़िया दाई-ददा, भाई-बहिनी मन ला छत्तीसगढ़ी राजभाखा दिवस के गाड़ा-गाड़ा बधई अउ सुभकामना. हमर मान, हमर सम्मान हरे, हमर छत्तीसगढ़ी राजभाखा.हमर भाखा म मया, दुलार अउ अपनत्व हे. हमन कोनो मेर भी रहन अपन भाखा ला नई भूलान”

नई पीढ़ी को भाषा और परंपरा सिखाना जरुरी : मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ी भाषा के विकास के लिए छत्तीसगढ़ी को दैनिक बोलचाल के साथ साहित्य सृजन और प्रचार-प्रसार की भाषा बनाने की आवश्यकता है. हमें अपने पारंपरिक संस्कारों को बढ़ावा देने के साथ उनका परिचय नई पीढ़ी से कराना भी जरूरी है.

अरुण साव,डिप्टी सीएम : छत्तीसगढ़ के जम्मो दाई-दीदी, भाई-बहिनी, संगी-संगवारी मन ला छत्तीसगढ़ी राजभाखा दिवस के गाड़ा-गाड़ा बधई अउ सुभकामना.आज के ये दिन हम जम्मो छत्तीसगढ़वासी मन बर अपन भाखा अउ संस्कृति ऊपर गर्व करे के दिन आए.

विजय शर्मा,डिप्टी सीएम : जम्मो संगवारी मन ला छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस के गाड़ा-गाड़ा बधई.


बृजमोहन अग्रवाल, रायपुर सांसद : जम्मों छत्तीसगढ़िया भाई-बहिनी मन ला छत्तीसगढ़ी राजभाखा दिवस के गाड़ा-गाड़ा बधई। ।।छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया।।


क्या है छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग विधेयक : आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग विधेयक को 28 नवंबर 2007 को पारित किया गया था. विधेयक के पास होने के बाद हर साल 28 नवंबर को राजभाषा दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस राजभाषा का प्रकाशन 11 जुलाई 2008 को राजपत्र में किया गया था. इस आयोग का कार्य 14 अगस्त 2008 से शुरु हुआ. छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के प्रथम सचिव पद्मश्री डॉ सुरेंद्र दुबे थे.

राजभाषा आयोग का उद्देश्य : राजभाषा आयोग के तीन उद्देश्य हैं.

पहला - राजभाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में दर्जा दिलाना

दूसरा - छत्तीसगढ़ी भाषा को राजकाज की भाषा में उपयोग में लाना

तीसरा - 13वें भाषा के रूप में शामिल पाठ्यक्रम में शामिल करना

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रायपुर : छत्तीसगढ़ में राजभाषा दिवस पर राजनेताओं ने जनता को शुभकामनाएं दी है. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रदेशवासियों को छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस 28 नवम्बर के अवसर पर बधाई संदेश में कहा कि “जम्मो छत्तीसगढ़िया दाई-ददा, भाई-बहिनी मन ला छत्तीसगढ़ी राजभाखा दिवस के गाड़ा-गाड़ा बधई अउ सुभकामना. हमर मान, हमर सम्मान हरे, हमर छत्तीसगढ़ी राजभाखा.हमर भाखा म मया, दुलार अउ अपनत्व हे. हमन कोनो मेर भी रहन अपन भाखा ला नई भूलान”

नई पीढ़ी को भाषा और परंपरा सिखाना जरुरी : मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ी भाषा के विकास के लिए छत्तीसगढ़ी को दैनिक बोलचाल के साथ साहित्य सृजन और प्रचार-प्रसार की भाषा बनाने की आवश्यकता है. हमें अपने पारंपरिक संस्कारों को बढ़ावा देने के साथ उनका परिचय नई पीढ़ी से कराना भी जरूरी है.

अरुण साव,डिप्टी सीएम : छत्तीसगढ़ के जम्मो दाई-दीदी, भाई-बहिनी, संगी-संगवारी मन ला छत्तीसगढ़ी राजभाखा दिवस के गाड़ा-गाड़ा बधई अउ सुभकामना.आज के ये दिन हम जम्मो छत्तीसगढ़वासी मन बर अपन भाखा अउ संस्कृति ऊपर गर्व करे के दिन आए.

विजय शर्मा,डिप्टी सीएम : जम्मो संगवारी मन ला छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस के गाड़ा-गाड़ा बधई.


बृजमोहन अग्रवाल, रायपुर सांसद : जम्मों छत्तीसगढ़िया भाई-बहिनी मन ला छत्तीसगढ़ी राजभाखा दिवस के गाड़ा-गाड़ा बधई। ।।छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया।।


क्या है छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग विधेयक : आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग विधेयक को 28 नवंबर 2007 को पारित किया गया था. विधेयक के पास होने के बाद हर साल 28 नवंबर को राजभाषा दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस राजभाषा का प्रकाशन 11 जुलाई 2008 को राजपत्र में किया गया था. इस आयोग का कार्य 14 अगस्त 2008 से शुरु हुआ. छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के प्रथम सचिव पद्मश्री डॉ सुरेंद्र दुबे थे.

राजभाषा आयोग का उद्देश्य : राजभाषा आयोग के तीन उद्देश्य हैं.

पहला - राजभाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में दर्जा दिलाना

दूसरा - छत्तीसगढ़ी भाषा को राजकाज की भाषा में उपयोग में लाना

तीसरा - 13वें भाषा के रूप में शामिल पाठ्यक्रम में शामिल करना

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