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जिस इलाके में नहीं होती थी चुनावी जनसभा, उस इलाके में कैंप कर रहे इंडिया गठबंधन के नेता - lok sabha election 2024 - LOK SABHA ELECTION 2024

Chatra lok sabha seat. पलामू का मनातू अतिनक्सल प्रभावित इलाका माना जाता है, लेकिन अब हालात बदले हैं. पहले जहां खौफ में लोग रहते थे, वहीं अब बेखौफ होकर चुनावी प्रचार चल रहा है.

Leaders are holding election camp in Naxal affected Manatu of Palamu
मनातू में चुनाव प्रचार करते इंडिया गठबंधन के नेता (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : May 16, 2024, 2:03 PM IST

Updated : May 16, 2024, 2:24 PM IST

जानकारी देते संवाददाता नीरज कुमार (ETV BHARAT)

पलामूः वक्त बदला है हालत भी बदले हैं, जिस इलाके में खौफ के कारण राजनीतिक दल अपनी सभा नहीं करते थे उस इलाके में राजनीतिक दल के नेता कैंप कर रहे हैं. पलामू के साथ-साथ चतरा लोकसभा क्षेत्र का पूरा इलाका अति नक्सल प्रभावित माना जाता है. चतरा लोकसभा क्षेत्र में 20 मई को वोटिंग होने वाली है. पलामू का पांकी विधानसभा क्षेत्र चतरा लोकसभा में आता है.

पांकी विधानसभा अति नक्सल प्रभावित इलाका है. नक्सल प्रभावित इलाके को इंडिया गठबंधन के नेता टारगेट कर रहे हैं और उस इलाके में कैंप कर रहे हैं. नक्सल इलाके के वोटरों को इंडिया गठबंधन की तरफ से झारखंड मुक्ति मोर्चा के सदस्य कैंप कर रहे हैं. पलामू के अतिनक्सल प्रभावित इलाके मनातू के इलाके में इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी के पक्ष में झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेताओं ने कैंप किया है.

झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता जंगल और पहाड़ी इलाके के गांव में लोगों के साथ संपर्क कर रहे हैं और बैठक कर रहे हैं. झारखंड मुक्ति मोर्चा के जिला अध्यक्ष राजेंद्र कुमार सिन्हा, दीपक तिवारी और सचिव शानू सिद्दकी ने ईटीवी भारत को बताया कि पांच वर्षों में राज्य के हालात बदले हैं. सुदूरवर्ती इलाके में भी लोग जाना शुरू कर दिया है. वे नक्सल इलाके में कैंप कर रहे हैं और गठबंधन के प्रत्याशी के पक्ष में वोट मांग रहे हैं. उन्होंने बताया कि इलाके में पलायन, पानी और मूलभूत सुविधा एक बड़ा चुनावी मुद्दा है.

अतिनक्सल प्रभावित इलाका माना जाता है मनातू

पलामू का मनातू अतिनक्सल प्रभावित इलाका माना जाता है. मनातू की सीमा बिहार के गया और झारखंड कS चतरा जिला से सटी हुई है. इलाके में नक्सल खौफ के कारण राजनीतिक दल बड़ी चुनावी सभा नहीं करते थे. अब इलाके में चुनावी जनसभा शुरू हो गई है और राजनीतिक दल इलाके में बेखौफ घूम रहे हैं.

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पलामूः वक्त बदला है हालत भी बदले हैं, जिस इलाके में खौफ के कारण राजनीतिक दल अपनी सभा नहीं करते थे उस इलाके में राजनीतिक दल के नेता कैंप कर रहे हैं. पलामू के साथ-साथ चतरा लोकसभा क्षेत्र का पूरा इलाका अति नक्सल प्रभावित माना जाता है. चतरा लोकसभा क्षेत्र में 20 मई को वोटिंग होने वाली है. पलामू का पांकी विधानसभा क्षेत्र चतरा लोकसभा में आता है.

पांकी विधानसभा अति नक्सल प्रभावित इलाका है. नक्सल प्रभावित इलाके को इंडिया गठबंधन के नेता टारगेट कर रहे हैं और उस इलाके में कैंप कर रहे हैं. नक्सल इलाके के वोटरों को इंडिया गठबंधन की तरफ से झारखंड मुक्ति मोर्चा के सदस्य कैंप कर रहे हैं. पलामू के अतिनक्सल प्रभावित इलाके मनातू के इलाके में इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी के पक्ष में झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेताओं ने कैंप किया है.

झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता जंगल और पहाड़ी इलाके के गांव में लोगों के साथ संपर्क कर रहे हैं और बैठक कर रहे हैं. झारखंड मुक्ति मोर्चा के जिला अध्यक्ष राजेंद्र कुमार सिन्हा, दीपक तिवारी और सचिव शानू सिद्दकी ने ईटीवी भारत को बताया कि पांच वर्षों में राज्य के हालात बदले हैं. सुदूरवर्ती इलाके में भी लोग जाना शुरू कर दिया है. वे नक्सल इलाके में कैंप कर रहे हैं और गठबंधन के प्रत्याशी के पक्ष में वोट मांग रहे हैं. उन्होंने बताया कि इलाके में पलायन, पानी और मूलभूत सुविधा एक बड़ा चुनावी मुद्दा है.

अतिनक्सल प्रभावित इलाका माना जाता है मनातू

पलामू का मनातू अतिनक्सल प्रभावित इलाका माना जाता है. मनातू की सीमा बिहार के गया और झारखंड कS चतरा जिला से सटी हुई है. इलाके में नक्सल खौफ के कारण राजनीतिक दल बड़ी चुनावी सभा नहीं करते थे. अब इलाके में चुनावी जनसभा शुरू हो गई है और राजनीतिक दल इलाके में बेखौफ घूम रहे हैं.

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Last Updated : May 16, 2024, 2:24 PM IST
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