लखनऊ : राजधानी में अपना मकान बनाने का सपना देख रहे लोगों को लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) जमीन देगा. तीन नई कॉलोनियों को विकसित करने का प्लान पहले से तैयार है. इसके जरिए ही चिकित्सा,आईटी और शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े प्रतिष्ठानों को भी भूखंड आवंटित किए जाएंगे. कुल 10000 प्लॉट विकसित किए जाएंगे. इसके लिए भूमि अधिग्रहण किया जाना है. फिलहला एलडीए ने भू अर्जन के लिए कमेटियां गठित की हैं. जानिए कौन सी हैं तीन योजनाएं और यहां क्या मिलेगी सुविधा.
लखनऊ विकास प्राधिकरण ने अलग-अलग कमेटियों का गठन किया है. यह कमेटियां सबसे पहले भूमि अर्जन पर काम शुरू कर रही है. जमीन मिलने के बाद कॉलोनी को विकसित करने की व्यवस्था शुरू की जाएगी. काफी जमीन LDA के पास पहले से ही है. उम्मीद है कि लखनऊ विकास प्राधिकरण की प्रस्तावित वेलनेस सिटी, आईटी सिटी व एजुकेशन सिटी का कार्य इस महीने से रफ्तार पकड़ेगा. प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने इन योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए बुधवार को ही कमेटियों का गठन किया है. ये कमेटियां वेलनेस सिटी एवं आईटी सिटी योजना में आने वाले गांवों में कैम्प करके किसानों से सहमति बनाकर जमीन खरीदने का काम करेगी. साथ ही क्षेत्र में अवैध निर्माण/प्लाटिंग के खिलाफ कार्रवाई कराएगी.
वेलनेस सिटी: बनेंगे सुपर स्पेशियलिटी हाॅस्पिटल, मेडिकल काॅलेज
एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया कि सुल्तानपुर रोड पर ग्राम-बक्कास, चौरहिया, चौरासी, दुलारमऊ व नूरपुर बेहटा की लगभग 1200 एकड़ भूमि पर वेलनेस सिटी प्रस्तावित है. वेलनेस सिटी को मेडी सिटी की तरह विकसित किया जाएगा, जहां सुपर स्पेशियलिटी हाॅस्पिटल, मेडिकल काॅलेज, डायग्नोस्टिक सेंटर के साथ विपासना केन्द्र व मेडिटेशन सेंटर आदि होंगे. इसके अलावा शहर के व्यस्ततम बाजार में शुमार अमीनाबाद मेडीसिन मार्केट को भी वेलनेस सिटी में स्थानांतरित करने का प्रावधान किया गया है, जिसके लिए अलग से भूखण्ड नियोजित किए गए हैं.
2935 आवासीय भूखंड : पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से महज 0.5 किलोमीटर की दूरी पर प्रस्तावित इस योजना में ट्रैफिक निर्बाद्ध रूप से संचालित हो, इसके लिए 60 मीटर से 24 मीटर चौड़ी सड़कें विकसित की जाएंगी. योजना में सप्त ऋषियों के नाम से सात सेक्टर बनाये जाएंगे, जिनमें 112.50 वर्गमीटर से 450 वर्गमीटर क्षेत्रफल के कुल 2935 आवासीय भूखण्ड के साथ ही ग्रुप हाउसिंग व व्यावसायिक उपयोग के बड़े भूखण्ड होंगे.
आईटी सिटी: हाईटेक प्रौद्योगिकी पार्क, ग्लोबल बिजनेस पार्क और 4025 भूखंड
इसी तरह सुल्तानपुर रोड व किसान पथ के मध्य ग्राम-बक्कास, सोनई कंजेहरा, सिकन्दरपुर अमोलिया, सिद्धपुरा, परेहटा, पहाड़नगर टिकरिया, रकीबाबाद, मोहारी खुर्द, खुजौली व भटवारा की लगभग 1710 एकड़ भूमि पर आईटी सिटी का विकास किया जाना है. योजना के लिए भू-स्वामियों से आम सहमति बनाकर जमीन की खरीद की जानी है. जिसके लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा निर्धारित की गई दर का अनुमोदन प्राधिकरण बोर्ड की बैठक में किया जा चुका है. योजना में हाईटेक प्रौद्योगिकी पार्क, ग्लोबल बिजनेस पार्क, साइंस एवं इंजीनियरिंग उपकरण क्षेत्र, सुपर स्पेशलिटी मेडिकल जोन आदि के लिए भूखण्ड होंगे. योजना में 72 वर्गमीटर से 1250 वर्गमीटर क्षेत्रफल के कुल 4025 आवासीय भूखण्ड सृजित किये जाएंगे, जिसमें से सर्वाधिक 1848 भूखण्ड 200 वर्गमीटर क्षेत्रफल के होंगे.
360 एकड़ का इंडस्ट्रियल एरिया: आईटी सिटी को इस तरह विकसित किया जाएगा, जिससे अधिकतम निजी निवेश आकर्षित हो. इसके लिए योजना में 360 एकड़ का इन्डस्ट्रियल एरिया व व्यावसायिक गतिविधि के लिए 64 एकड़ क्षेत्रफल आरक्षित किया गया है. साथ ही लगभग 15 एकड़ क्षेत्रफल में फैली वाटर बाॅडी योजना की पहचान बनेगी. यहां कंप्यूटर और सॉफ्टवेयर से जुड़े संस्थानों के लिए अतिरिक्त प्लाटों की व्यवस्था होगी. HCL जैसी बड़ी कंपनियां इसके आसपास पहले से आ चुकी हैं.
एजुकेशन सिटी में शैक्षणिक संस्थान, बनेंगे 3000 भूखंड
मोहान रोड पर ग्राम-कलियाखेड़ा व प्यारेपुर की 785 एकड़ अर्जित भूमि पर प्रस्तावित एजुकेशन सिटी (मोहान रोड योजना) का कार्य भी अगस्त से तेजी पकड़ेगा. उपाध्यक्ष ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि ग्राम-प्यारेपुर में बढ़े हुए प्रतिकर का वितरण शीघ्र कराते हुए योजना में विकास कार्य शुरू कराया जाए. साथ ही प्रबंध नगर योजना के सम्बंध मेें उच्च न्यायालय में विचाराधीन रिट याचिकाओं में प्रभावी पैरवी कराकर निस्तारण कराया जाए. कालियाखेड़ा और प्यारेपुर गांव में इस योजना में लगभग 3000 भूखंड होंगे. यहां कई तरह के शैक्षणिक संस्थान होंगे. योजना की लागत 1544 करोड़ रुपये है. इसे चंडीगढ़/पंचकुला की तरह ग्रिड पैटर्न पर विकसित किया जाएगा. योजना में 74.25 एकड़ क्षेत्रफल में एजुकेशनल सिटी और 42 एकड़ भूमि पर सेंट्रल पार्क बनाया जाएगा, जबकि लगभग 45,000 वर्गमीटर क्षेत्र में वाटर बाॅडी होगी.
तीनों योजनाओं से जुड़ी खास बातें
- वेलनेस सिटी में 60 मीटर से 24 मीटर चौड़ी सड़कें बनेंगी. सप्त ऋषियों के नाम से सात सेक्टर बनाए जाएंगे.
- आईटी सिटी में लगभग 15 एकड़ क्षेत्रफल में वाटर बॉडी में कंप्यूटर और सॉफ्टवेयर से जुड़े संस्थानों के लिए अतिरिक्त प्लाटों की व्यवस्था होगी. HCL जैसी बड़ी कंपनियां इसके आसपास पहले से आ चुकी हैं.
- एजुकेशन सिटी 74.25 एकड़ क्षेत्रफल में 42 एकड़ भूमि पर सेंट्रल पार्क बनाया जाएगा. इस योजना की लागत 1544 करोड़ रुपये है. इसे चंडीगढ़/पंचकुला की तरह ग्रिड पैटर्न पर विकसित किया जाएगा.
- सभी योजनाएं इस माह अगस्त से रफ्तार पकड़ लेंगी. इसी के साथ जमीन खरीदने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है.
अवैध निर्माण/प्लाटिंग के खिलाफ तत्काल कार्यवाही : उपाध्यक्ष ने बताया कि आईटी सिटी योजना के लिए अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा तथा वेलनेस सिटी के लिए मुख्य नगर नियोजक केके गौतम की अध्यक्षता में अधिकारियों व अभियंताओं की टीम लगाई गई है. कमेटी जिलाधिकारी कार्यालय से समन्वय स्थापित करके योजनाओं के लिए गांवों में कैम्प करके भू-स्वामियों से आम सहमति बनाकर जमीन खरीदने का कार्य करेगी. साथ ही योजना में आने वाले गांवों में जहां कहीं भी अवैध निर्माणप्लाटिंग हो रही हो. उसके खिलाफ प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित कराएगी.
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