जयपुर. सरकार की ओर से जमीनों की डीएलसी (डिस्ट्रिक लेवल कमेटी) रेट 10 प्रतिशत बढ़ाने को लेकर अब विरोध शुरू हो गया है. जयपुर में वकीलों की ओर से मंगलवार को इसका विरोध किया गया और इस संबंध में दी डिस्ट्रिक बार एसोसिएशन के अध्यक्ष गजराज सिंह राजावत के नेतृत्व में वकीलों ने मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित को ज्ञापन भी सौंपा.
दी डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष गजराज सिंह राजावत ने बताया कि डीएलसी रेट बढ़ने से आम जनता पर आर्थिक बार बढ़ेगा. उन्होंने बताया कि 10 फीसदी डीएलसी रेट बढ़ाने की बजाय इसे 5 प्रतिशत ही बढ़ाया जाए और स्टाम्प ड्यूटी में आम जनता को रियायत दी जाए. इससे सोसायटी की ओर से पट्टे ट्रांसफर करने पर भी रोक लग सकेगी और सरकार को राजस्व भी अधिक मिलेगा. उन्होंने बताया कि पिछली बार 5 फीसदी ही डीएलसी रेट बढ़ाई गई थी.
गजराज सिंह राजावत ने बताया कि राज्य सरकार के पंजीयन विभाग ने वित्त विभाग की अधिसूचना के अनुसार सभी जिलों की कृषि, आवासीय और व्यवसायिक भूमि की डीएलसी दरों में 10 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी है. 1 अप्रैल से डीएलसी की बढ़ी हुई दरों पर रजिस्ट्री भी शुरू हो चुकी है. इस दौरान दी डिस्ट्रिक बार एसोसिएशन के महासचिव अखिलेश जोशी सहित अन्य वकील भी मौजूद थे. डीएलसी रेट वह दर है जिस पर स्टांप ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क की गणना की जाती है और सरकार को राजस्व प्राप्त होता है. गजराज सिंह ने कहा कि सरकार जब तक हमारी मांग नहीं मानती है तब तक हमारा विरोध जारी रहेगा.