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यूपी के ये 7 नेता सांसद तो बन गए पर लटक रही अदालत की तलवार, क्या इनकी सीटों पर दोबारा होगा चुनाव? - UP MP Criminal Record - UP MP CRIMINAL RECORD

यूपी में बाहुबली और माफिया अफजाल अंसारी चंद्र शेखर आजाद, बाबू सिंह कुशवाहा धर्मेंद्र यादव इमरान मसूद वीरेंद्र सिंह राम भुआल निषाद लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बन गए हैं. इनके खिलाफ आरोप तय हो चुके हैं और जैसे ही कोर्ट इन्हें सजा सुनाएगा, इनकी सांसदी छिन जाएगी.

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ये 7 नेता सांसद तो बन गए लेकिन लटक रही अदालत की तलवार (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat Graphics)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 13, 2024, 4:29 PM IST

Updated : Jun 14, 2024, 11:13 AM IST

लखनऊ: लोकसभा चुनाव 2024 में भले ही बाहुबलियों और माफिया की दखल इस बार बीते वर्षों के चुनावों की तरह न रही हो लेकिन इस बार भी लगभग 30 फीसदी ऐसे सांसद चुने गए हैं जिनके खिलाफ अपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. इनमें कुछ ऐसे भी हैं, जिनकी इस बात की गारंटी नहीं है कि वो पूरे पांच वर्ष सांसद रह पाएंगे भी या नहीं.

नगीना लोकसभा सीट से सांसद चंद्रशेखर.
नगीना लोकसभा सीट से सांसद चंद्रशेखर. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

चंद्र शेखर आजाद: बिजनौर जिले की नगीना सीट से एनडीए व इंडी गठबंधन की लड़ाई के बीच आजाद समाज पार्टी अध्यक्ष चंद्र शेखर आजाद ने भारी अंतराल से जीत दर्ज की. यह पहली बार था जब चंद्र शेखर कोई चुनाव जीते हैं. लेकिन यह जीत का जश्न वो कितने दिन बना पाएंगे यह कहना मुश्किल है.

दरअसल, चुनाव आयोग को दिए गए आजाद के हलफनामे के अनुसार उनके खिलाफ 36 मामले दर्ज है. इसमें अधिकांश केस गंभीर अपराध के है. इनमें 4 मामलों में तो कोर्ट ने आरोप भी तय कर दिए है. इन मामलों में आरोप तय हुए है, उसमें सजा दो वर्ष से अधिक की है.

ऐसे में यदि कोर्ट में सुनवाई समय पर होती रहती है और सजा सुना दी जाती है तो आजाद की सांसदी जानी तय है, इतना ही नहीं अगले लोक सभा चुनाव लडने पर भी रोक लग जाएगी.

जौनपुर लोकसभा सीट से सांसद बाबू सिंह कुशवाहा.
जौनपुर लोकसभा सीट से सांसद बाबू सिंह कुशवाहा. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

बाबू सिंह कुशवाहा: आजाद भले ही पहली बार चुनाव लड़ माननीय बने हो लेकिन समाजवादी पार्टी से जौनपुर सीट पर जीत दर्ज कर सांसद बने बाबू सिंह कुशवाहा कई दशकों से यूपी की सियासत में सक्रिय है और माननीय भी बन चुके हैं. हालांकि कई वर्षों तक जेल में बंद रहने के बाद उनका सियासी सूरज लगभग अस्त हो चुका था, लेकिन अब जब सपा के सहारे उनकी नैया पार लगी है तो उनकी इस नाव में उनके ऊपर दर्ज 25 मुकदमे छेद करने का काम कर सकते है.

कुशवाहा एनआरएचएम और आय से अधिक संपत्ति के मामले में नामजद है. आठ मामलों में उन पर आरोप तय हो चुके है और केंद्रीय एजेंसियों उन पर घात लगाए बैठी हुई है. अब यदि इन आठ मामलों में किसी भी एक केस में कोर्ट सजा सुनाती है तो दशक बाद जीत का स्वाद चखने वाले बाबू सिंह कुशवाहा एक बाद फिर से उसी जगह आ जाएंगे जहां बीते कई वर्षों से थे.

गाजीपुर लोकसभा सीट से सांसद अफजाल अंसारी.
गाजीपुर लोकसभा सीट से सांसद अफजाल अंसारी. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

अफजाल अंसारी: पूर्वांचल में भले ही इस चुनाव में मुख्तार अंसारी का नाम न आया हो लेकिन उसके परिवार के हर सदस्य ने इस चुनाव में सक्रिय भूमिका निभाई थी. वजह गाजीपुर से मुख्तार का भाई अफजाल अंसारी को सपा ने टिकट दिया और उन्होंने जीत भी दर्ज की. हालांकि. चुनाव से ठीक पहले उन्हें चार वर्ष की सजा सुनाई गई थी, जिससे उनके चुनाव तक लड़ने पर संशय था. लेकिन, उच्च न्यायालय ने सजा पर रोक लगाई तो अफजाल चुनाव लड़कर सांसद बन गए. लेकिन, उनके ऊपर से संकट के बादल नहीं हटे हैं. हाईकोर्ट में अफजाल की सजा का मामला लंबित है और यदि कोर्ट सजा पर रोक हटाती है तो सांसदी जानी तय है.

आजमगढ़ लोकसभा सीट से सांसद धर्मेंद्र यादव.
आजमगढ़ लोकसभा सीट से सांसद धर्मेंद्र यादव. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

धर्मेंद्र यादव: आजमगढ़ से निरहुआ को रहा एक बार फिर से धर्मेंद्र यादव आजमगढ़ से सांसद बने हैं. हालांकि, यह सांसदी कितने दिन, माह या साल चलेगी यह तय नहीं है. दरअसल, धर्मेंद्र यादव के खिलाफ चार केस दर्ज हैं, इसमें बदायूं में दर्ज एक मामले में कोर्ट दिसंबर 2023 को आरोप तय कर चुकी है.

सहारनपुर लोकसभा सीट से सांसद इमरान मसूद.
सहारनपुर लोकसभा सीट से सांसद इमरान मसूद. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

इमरान मसूद: सहारनपुर से कांग्रेस के टिकट पर जीते इमरान मसूद के खिलाफ 8 केस दर्ज हैं. इसमें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मनी लांड्रिंग का केस भी शामिल है. इमरान के खिलाफ दो मामलों में कोर्ट आरोप तय कर चुकी है. इतना ही नहीं ईडी भी अपनी जांच को रफ्तार दे रही है. ऐसे में इमरान मसूद की भी सांसदी खतरे में है.

चंदौली लोकसभा सीट से सांसद वीरेंद्र सिंह.
चंदौली लोकसभा सीट से सांसद वीरेंद्र सिंह. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

चंदौली सांसद वीरेंद्र सिंह: चंदौली से समाजवादी पार्टी के टिकट पर सांसद बने वीरेंद्र सिंह के खिलाफ तीन गंभीर मामले दर्ज हैं. जुलाई 2023 को एक मामले में कोर्ट उनके पर आरोप तय कर चुकी है. अगर इस मामले में सजा होती है तो उनकी भी सांसदी खतरे में होगी.

सुलतानपुर लोकसभा सीट से सांसद राम भुआल निषाद.
सुलतानपुर लोकसभा सीट से सांसद राम भुआल निषाद. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

मेनका गांधी को हराने वाले राम भुआल: सुलतानपुर से भारतीय जनता पार्टी की फायर ब्रांड नेता मेनका गांधी को हराने वाले राम भुआल निषाद भी अपनी सांसदी को लेकर काफी चिंतित हैं। वह इसलिए क्योंकि उनके खिलाफ 8 मामले दर्ज हैं। इतना ही नहीं गोरखपुर में दर्ज गैंगस्टर एक्ट और एक अन्य जानलेवा हमले के मामले में कोर्ट में आरोप तय हो चुके हैं. इस मामले में उन्हें बस सजा होना बाकी है यदि सजा होती है उनके सांसदी खतरे में पड़ सकती है.

और भी है सांसदी को लेकर चिंतित: यह छह नाम उन चेहरों के थे जो उत्तर प्रदेश की राजनीति में काफी चर्चा में रहे हैं लेकिन करीब आधा दर्जन और भी ऐसे नवनिर्वाचित सांसद हैं जिनके खिलाफ कोर्ट में आरोप तय हो चुके हैं और बस में सजा होनी बाकी है. इनमें मोहन लाल गंज सीट पर केंद्रीय मंत्री को कौशल किशोर को हराने वाले सपा सांसद आर के चौधरी, फतेहपुर सीकरी से राजकुमार, बस्ती से जीते राम प्रसाद चौधरी, बागपत से रालोद सांसद राजकुमार सांगवान , हाथरस के अनूप प्रधान वाल्मीकि, बिजनौर से चंदन चौहान के खिलाफ आरोप तय हो चुके हैं.

ये भी पढ़ेंः यूपी बीजेपी के धोखेबाजों पर 'सर्जिकल स्ट्राइक', भितघातियों से पार्टी लेगी चुन-चुनकर बदला

लखनऊ: लोकसभा चुनाव 2024 में भले ही बाहुबलियों और माफिया की दखल इस बार बीते वर्षों के चुनावों की तरह न रही हो लेकिन इस बार भी लगभग 30 फीसदी ऐसे सांसद चुने गए हैं जिनके खिलाफ अपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. इनमें कुछ ऐसे भी हैं, जिनकी इस बात की गारंटी नहीं है कि वो पूरे पांच वर्ष सांसद रह पाएंगे भी या नहीं.

नगीना लोकसभा सीट से सांसद चंद्रशेखर.
नगीना लोकसभा सीट से सांसद चंद्रशेखर. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

चंद्र शेखर आजाद: बिजनौर जिले की नगीना सीट से एनडीए व इंडी गठबंधन की लड़ाई के बीच आजाद समाज पार्टी अध्यक्ष चंद्र शेखर आजाद ने भारी अंतराल से जीत दर्ज की. यह पहली बार था जब चंद्र शेखर कोई चुनाव जीते हैं. लेकिन यह जीत का जश्न वो कितने दिन बना पाएंगे यह कहना मुश्किल है.

दरअसल, चुनाव आयोग को दिए गए आजाद के हलफनामे के अनुसार उनके खिलाफ 36 मामले दर्ज है. इसमें अधिकांश केस गंभीर अपराध के है. इनमें 4 मामलों में तो कोर्ट ने आरोप भी तय कर दिए है. इन मामलों में आरोप तय हुए है, उसमें सजा दो वर्ष से अधिक की है.

ऐसे में यदि कोर्ट में सुनवाई समय पर होती रहती है और सजा सुना दी जाती है तो आजाद की सांसदी जानी तय है, इतना ही नहीं अगले लोक सभा चुनाव लडने पर भी रोक लग जाएगी.

जौनपुर लोकसभा सीट से सांसद बाबू सिंह कुशवाहा.
जौनपुर लोकसभा सीट से सांसद बाबू सिंह कुशवाहा. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

बाबू सिंह कुशवाहा: आजाद भले ही पहली बार चुनाव लड़ माननीय बने हो लेकिन समाजवादी पार्टी से जौनपुर सीट पर जीत दर्ज कर सांसद बने बाबू सिंह कुशवाहा कई दशकों से यूपी की सियासत में सक्रिय है और माननीय भी बन चुके हैं. हालांकि कई वर्षों तक जेल में बंद रहने के बाद उनका सियासी सूरज लगभग अस्त हो चुका था, लेकिन अब जब सपा के सहारे उनकी नैया पार लगी है तो उनकी इस नाव में उनके ऊपर दर्ज 25 मुकदमे छेद करने का काम कर सकते है.

कुशवाहा एनआरएचएम और आय से अधिक संपत्ति के मामले में नामजद है. आठ मामलों में उन पर आरोप तय हो चुके है और केंद्रीय एजेंसियों उन पर घात लगाए बैठी हुई है. अब यदि इन आठ मामलों में किसी भी एक केस में कोर्ट सजा सुनाती है तो दशक बाद जीत का स्वाद चखने वाले बाबू सिंह कुशवाहा एक बाद फिर से उसी जगह आ जाएंगे जहां बीते कई वर्षों से थे.

गाजीपुर लोकसभा सीट से सांसद अफजाल अंसारी.
गाजीपुर लोकसभा सीट से सांसद अफजाल अंसारी. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

अफजाल अंसारी: पूर्वांचल में भले ही इस चुनाव में मुख्तार अंसारी का नाम न आया हो लेकिन उसके परिवार के हर सदस्य ने इस चुनाव में सक्रिय भूमिका निभाई थी. वजह गाजीपुर से मुख्तार का भाई अफजाल अंसारी को सपा ने टिकट दिया और उन्होंने जीत भी दर्ज की. हालांकि. चुनाव से ठीक पहले उन्हें चार वर्ष की सजा सुनाई गई थी, जिससे उनके चुनाव तक लड़ने पर संशय था. लेकिन, उच्च न्यायालय ने सजा पर रोक लगाई तो अफजाल चुनाव लड़कर सांसद बन गए. लेकिन, उनके ऊपर से संकट के बादल नहीं हटे हैं. हाईकोर्ट में अफजाल की सजा का मामला लंबित है और यदि कोर्ट सजा पर रोक हटाती है तो सांसदी जानी तय है.

आजमगढ़ लोकसभा सीट से सांसद धर्मेंद्र यादव.
आजमगढ़ लोकसभा सीट से सांसद धर्मेंद्र यादव. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

धर्मेंद्र यादव: आजमगढ़ से निरहुआ को रहा एक बार फिर से धर्मेंद्र यादव आजमगढ़ से सांसद बने हैं. हालांकि, यह सांसदी कितने दिन, माह या साल चलेगी यह तय नहीं है. दरअसल, धर्मेंद्र यादव के खिलाफ चार केस दर्ज हैं, इसमें बदायूं में दर्ज एक मामले में कोर्ट दिसंबर 2023 को आरोप तय कर चुकी है.

सहारनपुर लोकसभा सीट से सांसद इमरान मसूद.
सहारनपुर लोकसभा सीट से सांसद इमरान मसूद. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

इमरान मसूद: सहारनपुर से कांग्रेस के टिकट पर जीते इमरान मसूद के खिलाफ 8 केस दर्ज हैं. इसमें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मनी लांड्रिंग का केस भी शामिल है. इमरान के खिलाफ दो मामलों में कोर्ट आरोप तय कर चुकी है. इतना ही नहीं ईडी भी अपनी जांच को रफ्तार दे रही है. ऐसे में इमरान मसूद की भी सांसदी खतरे में है.

चंदौली लोकसभा सीट से सांसद वीरेंद्र सिंह.
चंदौली लोकसभा सीट से सांसद वीरेंद्र सिंह. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

चंदौली सांसद वीरेंद्र सिंह: चंदौली से समाजवादी पार्टी के टिकट पर सांसद बने वीरेंद्र सिंह के खिलाफ तीन गंभीर मामले दर्ज हैं. जुलाई 2023 को एक मामले में कोर्ट उनके पर आरोप तय कर चुकी है. अगर इस मामले में सजा होती है तो उनकी भी सांसदी खतरे में होगी.

सुलतानपुर लोकसभा सीट से सांसद राम भुआल निषाद.
सुलतानपुर लोकसभा सीट से सांसद राम भुआल निषाद. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

मेनका गांधी को हराने वाले राम भुआल: सुलतानपुर से भारतीय जनता पार्टी की फायर ब्रांड नेता मेनका गांधी को हराने वाले राम भुआल निषाद भी अपनी सांसदी को लेकर काफी चिंतित हैं। वह इसलिए क्योंकि उनके खिलाफ 8 मामले दर्ज हैं। इतना ही नहीं गोरखपुर में दर्ज गैंगस्टर एक्ट और एक अन्य जानलेवा हमले के मामले में कोर्ट में आरोप तय हो चुके हैं. इस मामले में उन्हें बस सजा होना बाकी है यदि सजा होती है उनके सांसदी खतरे में पड़ सकती है.

और भी है सांसदी को लेकर चिंतित: यह छह नाम उन चेहरों के थे जो उत्तर प्रदेश की राजनीति में काफी चर्चा में रहे हैं लेकिन करीब आधा दर्जन और भी ऐसे नवनिर्वाचित सांसद हैं जिनके खिलाफ कोर्ट में आरोप तय हो चुके हैं और बस में सजा होनी बाकी है. इनमें मोहन लाल गंज सीट पर केंद्रीय मंत्री को कौशल किशोर को हराने वाले सपा सांसद आर के चौधरी, फतेहपुर सीकरी से राजकुमार, बस्ती से जीते राम प्रसाद चौधरी, बागपत से रालोद सांसद राजकुमार सांगवान , हाथरस के अनूप प्रधान वाल्मीकि, बिजनौर से चंदन चौहान के खिलाफ आरोप तय हो चुके हैं.

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Last Updated : Jun 14, 2024, 11:13 AM IST
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