जोधपुर: भजनलाल सरकार द्वारा पूर्व गहलोत सरकार में बनाए 9 नए जिलों को समाप्त करने के बाद कई जगह पर विरोध हो रहा है. मारवाड़ में सांचौर जिले को भी खत्म किया गया है. इस बीच प्रदेश के कानून मंत्री जोगाराम पटेल ने ने दावा किया है कि सांचौर जिले में कांग्रेस के विधायक अपने क्षेत्र नहीं रखना चाहते थे. कांग्रेस के विधायकों ने लिखकर दिया था. जिनमें रानीवाड़ा विधायक रतन देसी और भीनमाल विधायक समरजीत सिंह शामिल हैं. दोनों विधायकों ने एक्सपर्ट कमेटी के अध्यक्ष ललित के पंवार को लिखित में दिया कि हमें सांचौर जिले के साथ नहीं रहना है, जालौर के साथ रहना है. ऐसे में दो तहसील का जिला कैसे रखा जाए.
मंगलवार को जोधपुर आए जोगाराम पटेल ने सर्किट हाउस में कहा कि कांग्रेस के विधायकों ने ही उनकी सरकार के फैसले पर सवाल उठाया. क्योंकि छोटी तहसीलों को और दूर दराज से मिलान कर जिले बनाना फिजिबल नहीं है. पटेल ने कहा कि दूदू को जिला निरस्त करने पर लोगों ने सीएम को मिलकर धन्यवाद दिया है. उन्होंने कहा कि राजनीतिक फायदे के लिए बनाए गए जिले प्रशासनिक दृष्टि से उचित नहीं थे.
लोगों की मांग पर लगाएंगे प्रशासनिक अमला: जोगाराम पटेल ने कहा कि जिन जिलों को समाप्त किया गया है, वहां के लोगों को प्रशासनिक सहायता देने के लिए जरूरत पड़ने पर सहायक कलेक्टर और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जैसे पद सृजित कर कार्यालय स्थापित करेंगे, जिससे लोगों को परेशानी नहीं हो. जहां भी विरोध प्रदर्शन है, वहां लोगों से बात की जाएगी. पटेल ने कहा कि जोधपुर ग्रामीण जिला बनाकर मेरी विधानसभा लूणी को शहर से अलग कर दिया था, जबकि ये आपस में जुड़े हुए हैं. जिले समाप्त करना जनहित में साहसिक निर्णय है.