धमतरी : शनिवार को धमतरी के बाबू छोटेलाल श्रीवास्तव पीजी कॉलेज के विधि विभाग के छात्रों ने प्राचार्य को ज्ञापन सौंपा. छात्रों ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया के तहत विधि विभाग को स्वतंत्र भवन देने की मांग की है. छात्रों का कहना है कि एक ही भवन होने के कारण उन्हें बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. छात्रों ने चेतावनी दी है कि उनकी मांग यदि 6 नवंबर तक पूरी नहीं होती.तो वो तालाबंदी करके आंदोलन करेंगे.
कई साल से स्वतंत्र भवन की मांग : विधि विभाग के छात्रों ने बताया कि कई साल से विधि विभाग स्वतंत्र भवन की मांग कर रहा है.लेकिन उन्हें अभी तक स्वतंत्र भवन नहीं दिया गया है. जिस भवन में विधि की कक्षाएं संचालित हो रही है, वहां महाविद्यालय का पुस्तकालय भी शामिल है. भवन में इतनी भीषण गर्मी और वायु प्रदूषण है कि छात्र बीमार पड़ रहे हैं.
विद्यार्थी नियमित रुप से कक्षाओं में अपनी उपस्थिति नहीं दे पा रहे हैं. कुछ विद्यार्थियों को चक्कर आने, उल्टी होने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. वर्तमान भवन के शौचालय एवं जिस पेयजल का उपयोग विद्यार्थी करते है उस पानी टंकी की भी नियमित रुप से सफाई नहीं होती. जिसके कारण विद्यार्थियों के स्वास्थ्य पर भी गहरा प्रभाव पड़ रहा है- धनेंद्र साहू, छात्र, विधि विभाग
विधि विभाग के पुस्तकालय में नए शिक्षा नीति के अनुसार पुस्तकें पर्याप्त नहीं है. विभाग में गर्ल्स कॉमन रूम नहीं होने के कारण लड़कियों को निजी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. समस्या अत्यधिक भीषण है जिसका निदान नितांत अत्यावश्यक है. छात्रों का कहना है कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया के नियमों के अनुसार सभी सुविधाएं अतिशीघ्र प्रदान किया जाए.
जल्द भवन बनने का आश्वासन : वहीं इस समस्या पर प्राचार्य ने कहा कि अचानक मांग करने से भवन तुरंत नहीं बनेगा. लेकिन कॉलेज की ओर से प्रयास किया जा रहा है कि भवन बनाया जाए. इसके लिए पीएम ऊषा के तहत 5 करोड़ रुपए पास हुए हैं.
अचानक से बच्चे आकर कहें कि हमे अलग बिल्डिंग चाहिए. तो बिल्डिंग बनने में वक्त लगता है. हमलोग प्रयास कर रहे हैं. और इनकी मांग भी बहुत जल्द पूरा होगा. पीएम उषा के तहत 5 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए हैं. 12 कमरों का भवन बनेगा जिसके लिए पीडब्ल्यूडी को सौप दिया गया है- श्रीदेवी चौबे, प्राचार्य पीजी कॉलेज
छात्रों ने चेतावनी दी है कि 6 नवंबर तक अगर उनकी समस्या का समाधान नहीं किया जाता है. तो विधि विभाग के समस्त विद्यार्थी विभाग में तालाबंदी कर आन्दोलन के लिए बाध्य होंगे. जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी कॉलेज प्रशासन की होगी.