सिरसा: जम्मू कश्मीर के गुलमर्ग में गुरुवार रात आतंकवादी हमले में शहीद जीवन सिंह का पार्थिव शरीर उनके गांव रोहण पहुंचा. भारतीय सेना की ओर से जीवन सिंह के शहीद होने की सूचना शुक्रवार सुबह परिजनों को दी गई. शहीद जीवन सिंह का पार्थिव शरीर शाम को रोहण गांव लाया गया, जहां राजकीय सम्मान के साथ जीवन सिंह का अंतिम संस्कार किया गया. अंतिम संस्कार के दौरान शहीद के परिजन सहित गांव वालों की भी आंखे नम हो गई. शहीद को उनकी चार साल की बेटी ने मुखाग्नि दी.
सीएम ने शहीद को दी श्रद्धांजलि: सीएम सैनी ने भी आतंकी हमले में शहीद हुए जीवन सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की है. सीएम ने अपने X अकाउंट पर लिखा कि जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग में आतंकवादियों से हुई मुठभेड़ में शहीद हुए गांव रोहण (सिरसा) के निवासी मातृभूमि के सपूत राइफलमैन जीवन सिंह जी की शहादत को बारंबार प्रणाम, अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि. मां भारती की सेवा में कर्तव्य पालन के दौरान अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले शहीद जवान के परिवार के साथ प्रदेश सरकार पूर्ण संवेदनशीलता के साथ खड़ी है.
जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग में आतंकवादियों से हुई मुठभेड़ में शहीद हुए गाँव रोहण (सिरसा) के निवासी मातृभूमि के सपूत राइफलमैन श्री जीवन सिंह जी की शहादत को बारंबार प्रणाम अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि।
— Nayab Saini (@NayabSainiBJP) October 26, 2024
माँ भारती की सेवा में कर्तव्य पालन के दौरान अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले शहीद जवान के… pic.twitter.com/9QHVADp7xO
परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल: शहीद जीवन सिंह पर आतंकी हमले की सूचना जैसे ही परिजनों को मिली, मानों ऐसा लग रहा था कि परिजनों के पैरो तले जमीन ही खिसक गई हो. जीवन सिंह की पत्नी और मां का रो-रो कर बुरा हाल है. हालांकि शहीद के पिता सुखदेव सिंह ने कहा कि मुझे गर्व है कि मेरा जीवन सिंह भारत माता की रक्षा करते हुए शहीद हो गया. जीवन को शुरू से ही फौज में जाने की इच्छा थी, इसलिए वो फौज में भर्ती हो गया. उसकी दो बेटियां हैं. हमारा घर जीवन की नौकरी से ही चलता था. मुझे अपने बेटे पर गर्व है.
कैंप की तरफ लौटते समय हुआ हमला: शाहिद जीवन सिंह के चाचा रिटायर्ड हेड कांस्टेबल आर्मी धर्म सिंह है. उन्होंने कहा कि उन्हें सुबह 5 बजे फोन आया कि आतंकी हमले में जीवन सिंह शहीद हो गए हैं. जीवन सिंह सहित चार जवान और दो सिविलियन कानवाई में कैंप की तरफ वापस आ रहे थे, तभी आतंकवादियों ने उन पर हमला कर दिया. हमले में जीवन सिंह शहीद हो गया.
जीवन सिंह लगभग 9 साल पहले फौज में भर्ती हुए थे. गुरुवार शाम अचानक जम्मू कश्मीर में सेवा के काफिले पर हमला हुआ, जिसमें जीवन सिंह शहीद हो गया. जीवन सिंह ने अपनी शहादत देकर अपने देश की रक्षा की है. हालांकि उनके परिवार के लिए ये दुख की घड़ी है. इस दुख की घड़ी में पूरा गांव और मैं खुद भी परिवार के साथ हूं. देश इस जवान की शहादत को हमेशा याद रखेगा. -बलकौर सिंह, पूर्व विधायक, कालांवाली
पूरे गांव में मातम का माहौल: जानकारी के मुताबिक गांव रोहण निवासी जीवन सिंह साल 2016 में राजपूताना राइफल में भर्ती हुआ था. जीवन सिंह का परिवार बहुत गरीब है. जीवन सिंह की शादी चार साल पहले कोमल से हुई थी. उसकी दो बेटियां हैं. बड़ी बेटी चार साल और छोटी बेटी दो साल की है. इस समय जीवन की तैनाती जम्मू कश्मीर के गुलमर्ग में थी.
24 अक्टूबर को हुआ था आतंकी हमला: शहीद जीवन सिंह राठौड़ के पार्थिव शरीर को पहले सिरसा एयरफोर्स स्टेशन पर लाया गया और फिर वहां से उनके पैतृक गांव रोहण में अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया. जीवन सिंह के मौत से परिवार के साथ ही पूरे गांव में मातम का माहौल है. बता दें कि जीवन सिंह बारामुला नजदीक गुलमर्ग श्रीनगर में आतंकी हमले में शहीद हुए. 24 अक्टूबर को शाम को आतंकी हमला हुआ था.
ये भी पढ़ें: 8 दिनों में चौथा आतंकी हमला, गुलमर्ग में 3 सैनिक शहीद, 2 पोर्टर की भी मौत