जयपुर. राजस्थान में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने की अंतिम तिथि 30 जून थी, जो अब समाप्त हो चुकी है. 1 जुलाई से परिवहन विभाग की ओर से बिना हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट वाले वाहनों पर कार्रवाई शुरू की गई है. अब हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं होने पर जुर्माना देना होगा. चौपहिया वाहनों का 5000 रुपए और दोपहिया वाहनों का 2000 रुपए का चालान कटेगा. वहीं, अगर किसी ने नंबर प्लेट के लिए आवेदन कर रखा है, तो उसके पास रसीद होनी जरूरी है, जिससे चालान होने से बच सकता है. परिवहन विभाग और ट्रैफिक पुलिस की ओर से बिना हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट वाले वाहन चालकों के खिलाफ चालान की कार्रवाई की जाएगी.
इसलिए जरूरी है हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट : 1 अप्रैल 2019 से पहले उपलब्ध नंबर प्लेटों के साथ आसानी से छेड़छाड़ की जा सकती थी और आसानी से हटाया भी जा सकता था. ऐसे में परिवहन विभाग और पुलिस की ओर से अपराध की घटनाओं में शामिल वाहनों को ट्रैक करना काफी चुनौतीपूर्ण रहता था. ऐसे में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने से वाहन चोरी और अपराधों में कमी आएगी. पुलिस और परिवहन विभाग के अधिकारियों की मानें तो वाहन चोरी की घटनाओं में कमी लाने और नियमों का उल्लंघन करने पर ई-चालान प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट को लागू किया जा रहा है. हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट को एक बार ही लगाया जा सकता है. लगाने के बाद यह खुलती नहीं है, बल्कि काटकर हटाना पड़ता है.
अभी भी 25 लाख गाड़ियों में नहीं लगी ये प्लेट : हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने के लिए ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं. पोर्टल पर वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर, इंजन नंबर, चेचिस नंबर दर्ज करके नंबर प्लेट लगवाने की तारीख बुक की जा सकती है. निश्चित तारीख पर डीलर के कार्यालय पर जाकर नंबर प्लेट लगवा सकते हैं. वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवाने के लिए परिवहन विभाग की ओर से दरें तय की गई हैं. दोपहिया वाहन के लिए 425 रुपए, प्राइवेट चौपहिया वाहन के लिए 695 रुपए, मीडियम और भारी वाहन के लिए 730 रुपए, ऑटो के लिए 470 रुपए, कृषि कार्य से जुड़े ट्रैक्टर और अन्य वाहनों के लिए 495 रुपए हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के देने होंगे. बता दें कि प्रदेश में बिना हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के वाहनों की संख्या करीब 25 लाख है. अभी तक राजस्थान में केवल तीन लाख स्लॉट बुक हुए थे. ऐसे में विभाग की ओर से आने वाले समय में आमजन को शिथिलता देकर तिथि आगे बढ़ाई जा सकती है.