बागेश्वर/लक्सर: महाशिवरात्रि के मौके पर पूरा देश आज शुक्रवार आठ मार्च को भगवान भोले की भक्ति के रंग में रगा हुआ है. शिवालयों में सुबह से ही हर-हर महादेव की गूंज सुनाई दे रही है. देवभूमि उत्तराखंड में भी भक्त बाबा की भक्ति में डूबे हुए हैं. शिवालयों में सुबह से ही भक्तों की भीड़ देखने को मिल रही है. बाबा बागनाथ धाम में सुबह ही भक्त जलाभिषेक के लिए पहुंच रहे हैं.
महाशिवरात्रि पर्व पर भक्त ब्रह्म मुहूर्त में ही बागनाथ धाम पहुंचने लगे थे. श्रद्धालुओं ने सबसे पहले सरयू और गोमदी नदी में स्नान किया और फिर बाबा बागनाथ का जलाभिषेक कर भगवान शंकर को बेलपत्र अर्पित किए. बाबा बागनाथ के आलावा बैजनाथ, नीलेश्वर समेत जिले के सभी शिवधामों में लोगों ने पूजा-अर्चना की.
बाबा बागनाथ के कपाट शिवरात्रि पर तड़के 3 बजे से पहले खुल गए थे. सुबह से ही बागनाथ धाम में भक्तों का तांता लगा हुआ है. श्रद्धालुओं ने बागनाथ मंदिर में स्थित प्राचीन कालभैरव मंदिर और बाणेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना की. पंडितों से रुद्री पाठ कराया.
बाबा बागनाथ धाम के अलावा बागेश्वर जिला मुख्यालय के नील पर्वत पर स्थित नीलेश्वर महादेव मंदिर में भी सुबह से ही भक्तों का तांता लगा हुआ है. बड़ी संख्या में भक्तों ने भगवान शंकर के दर्शन किए. गरुड़ के बैजनाथ धाम, कपकोट के शिव मंदिर, शिखर मंदिर, सप्तेश्वर, भद्रतुंगा, तप्तकुंड और दुगनाकुरी के महोली शिवालय के साथ ही सभी शिवधामों में भक्तों ने पूजा-अर्चना की.
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी पहुंचे टपकेश्वर मंदिर: महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी भी सुबह देहरादून के टपकेश्वर महादेव मंदिर पहुंचे. यहां उन्होंने भगवान शिव की विशेष पूजा अर्चना कर भोलेनाथ का जलाभिषेक किया. इस मौके पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने प्रदेश की उन्नति और राज्यवासियों की सुख समृद्धि की कामना भी की. मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि शिवभक्तों के लिए महाशिवरात्रि का दिन विशेष महत्व रखता है. भगवान शिव एक ऐसे देवता हैं, जो बहुत शीघ्र प्रसन्न होते हैं. उन्होंने कहा पुराणों के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था. माना जाता है यह दिन आध्यात्मिक शक्ति और ऊर्जा प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण हैं.
लक्सर के पथरेश्वर शिव महादेव मंदिर में लगा भक्तों का तांता: लक्सर के प्राचीन पथरेश्वर महादेव, पंचलेश्वर और खानपुर क्षेत्र के जटाशंकर मंदिर में सुबह से ही भक्तों का तांता लगा हुआ है. श्रद्धालु मंदिर पहुंचकर भगवान शिव को अपनी श्रद्धा अनुसार पूजा सामग्री, फल और पुष्प अर्पित कर रहे हैं.
पंचलेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी ने बताया कि भगवान शिव भाव के भूखे हैं. आप अपनी श्रद्धा अनुसार जो भी उन्हें अर्पित करते हैं, वह उसे स्वीकार करते हैं. पंचलेश्वर मंदिर में पूजा करने से भगवान भोलेनाथ सब की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं और उन्हें सुख समृद्धि का आशीर्वाद पर प्रदान करते हैं. पंचलेश्वर मंदिर में अज्ञातवास के दौरान पांडवों ने शिवलिंग की स्थापना की थी, तभी से इस मंदिर पर लोगों की आस्था और विश्वास बना हुआ है. कहा जाता है कोई भी परेशानी आने पर भगवान भोलेनाथ कि शरण में पहुंचकर पूजा अर्चना करने से सभी मुश्किलों का अंत होता है.
पढ़ें--