कोरिया : किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाने बनाई गई नहरों पर अतिक्रमण कर मकान, दुकान और कॉलाेनी बसा दी गई है. इसके कारण शहर से गुजरने वाली नहरें अब बेकार साबित हो रही हैं. ये हाल जिले के गेज झुमका दोनों ही जलाशयों की नहरों का है. गेज की नहर पर महलपारा में अग्रवाल सिटी बसाकर अवैध कब्जा कर लिया गया है. वहीं झुमका की नहरों पर भी कई जगह मकान, दुकान, आंगनबाड़ी समेत अन्य निर्माणों के कारण पानी नहीं पहुंच रहा है.
भूमाफिया का नहर पर कब्जा : बीते दो दशक में जिला मुख्यालय में शहरी बसाहट बढ़ने के कारण किसानी सुविधा को दरकिनार करते हुए नहरों की उपेक्षा की गई है. नहर का बड़ा हिस्सा भू-माफियाओं के कब्जे में है. खेतों में सिंचाई करने किसान आज भी पानी के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं या फिर बारिश पर निर्भर हैं. झुमका डैम से नहर का पानी पांच किमी तक भी आगे नहीं बढ़ने से 10 ग्राम पंचायत के हजारों किसानों को सिंचाई लाभ नहीं मिल रहा है. जिला मुख्यालय क्षेत्र की सूखी जमीन को सिंचित करने के लिए शासन ने अब तक इन दो सिंचाई परियोजना के नहर मरम्मत पर ही करोड़ों रुपए खर्च कर दिए हैं. ऐसा नहीं है कि पहले कभी इन नहरों में पानी नहीं आया. 15 साल पहले इन्हीं नहरों से खेतों तक पर्याप्त पानी सिंचाई के लिए किसानों को मिलता था.
क्या है अफसरों का दावा : मामले में विभाग के अधिकारी कह रहे हैं कि नहर की जमीन से कब्जा हटाने के लिए कार्रवाई चल रही है. संभवत: अगले साल तक नहर कब्जा मुक्त हो जाएंगी. आपको बता दें कि जिले में गेज और झुमका डैम से 7 हजार 342 हेक्टेयर भू-भाग की सिंचाई के लिए 91 किमी में नहर का जाल बिछाया गया है. शहर क्षेत्र में नहर पर कब्जे के कारण 5 किमी तक भी पानी नहीं पहुंच रहा है.
''नहरों की सफाई के लिए इस साल कोई आवंटन नहीं मिला, जिसकी वजह से सफाई और रिपेयरिंग का काम नहीं कराया जा सका है. वहीं नहरों पर अवैध कब्जा को लेकर नोटिस दिया है. अगले साल कब्जा हट जाएगा.''-ए.टोप्पो,ईई, पीएचई
कहां तक जाता है डैम का पानी : झुमका डैम का पानी सागरपुर, ग्राम चेर से आगे नहीं बढ़ता है. जूनापारा, केनापारा के पहले जगह-जगह नहरें टूटी हुई है, जिससे पानी नहीं पहुंच रहा है. ऐसे में देखा जाए तो दो मध्यम सिंचाई परियोजना का लाभ आसपास के गांव के किसानों को ही मिल रहा है. 91 किमी लम्बी बनाई गई नहरों में 90 फीसदी नहरें बेकार साबित हो रही है. कई जगह नहरें जाम हैं. झुमका से एक मुख्य नहर के साथ एक सब माइनर नहर से पानी छोड़ा जाता है. इसमें सब माइनर नहर का पानी केवल सागरपुर तक ही सिमटकर रह जाता है.मुख्य नहर का पानी चेर के पीछे से बहता तो है, लेकिन यह जूनापारा तक नहीं पहुंच पाता. दोनों नहर से सागरपुर पंचायत में ही सिंचाई के लिए पानी मिल रहा है, लेकिन जल संसाधन विभाग के अफसर बेपरवाह बने हुए हैं.