नई दिल्लीः राऊज एवेन्यू कोर्ट ने लैंड फॉर जॉब घोटाले के आरोपी अमित कात्याल की स्वास्थ्य के आधार पर मिली अंतरिम जमानत की अवधि को 25 अप्रैल तक बढ़ा दिया है. स्पेशल जज विशाल गोगने ने ये आदेश दिया. सुनवाई के दौरान कात्याल की ओर से पेश वकील विकास पाहवा ने कहा था कि ईडी ने बिना कोर्ट के आदेश के स्वतंत्र जांच के नाम पर निजी डॉक्टर का मेडिकल रिपोर्ट लगाया है, जो गैरकानूनी है. इसका ईडी ने विरोध करते हुए कहा कि इसमें गैरकानूनी कुछ भी नहीं है और उसका उद्देश्य आरोपी के स्वास्थ्य की हकीकत कोर्ट के समक्ष रखना है.
सोमवार को सुनवाई के दौरान इस मामले के आरोपियों राबड़ी देवी, मीसा भारती और हीमा यादव पेश नहीं हुए और कोर्ट से पेशी से छूट की मांग की, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया. 28 फरवरी को कोर्ट ने बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी मीसा भारती, हिमा यादव और ह्रदयानंद चौधरी को एक-एक लाख रुपये के मुचलके पर नियमित जमानत दी थी.
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इस मामले में 9 जनवरी को ED ने इस मामले में चार्जशीट दाखिल किया था. चार्जशीट में बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, मीसा भारती, हिमा यादव, ह्रदयानंद चौधरी और अमित कात्याल को आरोपी बनाया है. ईडी ने अमित कात्याल को गिरफ्तार किया था. लैंड फॉर जॉब मामले में ईडी के पहले सीबीआई ने केस दर्ज किया था. सीबीआई का मामला भी राऊज एवेन्यू कोर्ट में ही चल रहा है.
लैंड फॉर जॉब घोटाला लालू यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान का है. आरोप है कि लालू यादव के रेल मंत्री रहते नौकरी के बदले जमीन देने के लिए कहा जाता था. नौकरी के बदले जमीन देने के काम को अंजाम देने का काम भोला यादव को सौंपा गया था. भोला यादव को ही इस घोटाले का मास्टरमाइंड माना जा रहा है.